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बिहार में शिक्षकों की भर्ती: सुपौल में सातवें चरण में 2474 शिक्षकों की होगी बहाली, अभ्यर्थियों को इंतजार

 जागरण संवाददाता, सुपौल: जिले में सातवें चरण में 2474 पदों पर शिक्षकों की बहाली होगी। छात्र अनुपात में इस बार शिक्षक के पद भरे जाएंगे। कक्षा 1 से 5 तक में 987 सीट चिन्हित किए गए हैं, जबकि कक्षा 6 से 8 तक में विषयवार 1487 सीट पर बहाली संभावित है। इन सीटों में छठे चरण की बची सीट भी शामिल की गई है।

गत 31 मार्च तक सेवानिवृत्त, त्यागपत्र व सेवा मुक्त होने के कारण रिक्त 42 सीटें शामिल हैं। इसमें प्राइमरी के लिए 14 तथा मिडिल के लिए 28 शामिल हैं। फिलहाल विभाग राज्य से अनुमोदन के इंतजार में हैं। राज्य से अनुमोदन प्राप्त होने के बाद ही रिक्ति का सही-सही पता चल पाएगा। बताते चलें कि छठे चरण के शिक्षक नियोजन में प्रारंभिक विद्यालयों में कुल 1208 पद खाली रह गए थे। जिसमें अधिकांश पद अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के शामिल हैं।

अब जबकि सातवें चरण के लिए तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है तो इधर देखने वाली बात होगी इस चरण में भी शत-प्रतिशत सीटों को भरा जा सकता है या नहीं। इधर रिक्ति के अनुसार बहाली नहीं होने के कारण विद्यालयों में शिक्षकों का घोर अभाव बना रहता है। जिसका सीधा असर बच्चों के पठन-पाठन पर पड़ता है। फिलहाल सातवें चरण में होने वाले शिक्षक बहाली को लेकर अभ्यर्थियों को बेसब्री से इंतजार है।

सुपौल में समस्या: आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध का नहीं हो रहा वितरण

जिले के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों पर बीते कुछ महीनों से बच्चों के बीच दूध का वितरण नहीं किए जाने पर कई लोगों ने आपत्ति जताते हुए जिलाधिकारी से जांच कराने की मांग की है। लौकहा पंचायत के कपिलेश्वर साह, गंगापुर के रोनक कुमार, लौकहा के रविंद्र कुमार आदि ने कहा है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर सूखा दूध उपलब्ध कराया जाता है लेकिन सेविका उसका वितरण नहीं करती है।

लोगों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर नामांकित बच्चों तथा लाभार्थियों के लिए क्या-क्या सुविधा प्रदान की जाती है इसकी जानकारी केंद्र पर उपलब्ध नहीं रहती है। जबकि पहले फ्लेक्सी बोर्ड पर सभी प्रकार की जानकारी लिखी रहती थी। लोगों ने डीएम से जांच कर कार्रवाई का अनुरोध किया है।

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