पूर्णिया पूर्व प्रखंड के तहत अंचल कार्यालय के आरटीपीएस काउंटर पर इन
दिनों काफी भीड़ देखने को मिल रही है। भीड़ में सबसे अधिक स्कूल व कॉलेज के
छात्र-छात्रा ही रहते हैं। अधिकतर छात्रों की उम्र 12-14 वर्ष है। बच्चों
की परेशानी यह है कि विद्यालय में एडमिशन के लिए जाति, आय व आवास प्रमाण
पत्र जमा करना शिक्षा विभाग ने अनिवार्य कर दिया है। ये बच्चे अपनी पढ़ाई
छोड़कर दिन भर अंचल कार्यालय के आरटीपीएस काउंटर पर कतार में लगे रहते हैं।
प्रमाण-पत्र बनवाने के चक्कर में बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
बच्चों का कहना है कि दलाल पांच सौ रुपये में तुरंत प्रमाण-पत्र बनवाने की
बात कहता है।
काउंटर खुलने का समय है प्रात: 10:30 बजे से 3 बजे तक है, लेकिन बच्चे सुबह पांच बजे से ही लाइन में खड़े हो जाते हैं। आलम यह है कि कई छात्र इस भीषण गर्मी में ज्यादा देर लाइन में खड़े रहने के कारण मूर्छित और बेहोश हो जाते हैं। सुबह से दोपहर 10 घंटे तक काउंटर पर भूखे प्यासे रहते हैं। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू श्याम से फोन पर पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और फोन काट दिया। सीओ का कहना है कि शिक्षा विभाग की नीति के कारण अंचल कार्यालय में अनावश्यक भीड़ लगी रहती है।
सीओ ने कहा-शिक्षा विभाग की नीति से लग रही अनावश्यक भीड़, गर्मी से छात्र हो रहे बेहोश
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के काउंटर के बाहर लगी भीड़।
केस स्टडी 01: दिनभर लाइन में लगने पर काम नहीं
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छतिया निवासी मो. सहवाज आलम ने बताया कि उसने गांव के स्कूल से ही आठवीं कक्षा पास की है और अब दूसरे स्कूल में कक्षा नौ में एडमिशन कराना चाहता है। पहले से भी उनके पास जाति, आय, व आवास प्रमाण पत्र है। लेकिन विद्यालय प्रबंधन उस प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं दे रहा है। इसलिए तीन दिनों से लगातार प्रमाण पत्र बनाने के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन काम नहीं हुआ। दिन भर लाइन में लगने के कारण पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
केस स्टडी 3 : अंचल कार्यालय में हमारी सुनने वाला कोई नहीं होता
पूर्णिया सिटी बैरबन्ना निवासी आरजू खातून ने बताया कि वह आठवीं पास कर नौंवी में एडमिशन करवाना चाहती है। पहले से उनके पास जाति, आवास व आय प्रमाण पत्र है लेकिन विद्यालय पुराने प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं दे रहा है। तीन दिनों से लगातार सुबह पांच बजे से 3 बजे तक लाइन में लगती हूं, लेकिन हर बार कल आना कहकर कर्मी वापस भेज देते हैं।
बिचौलिए के भरोसे चल रहा अंचल कार्यालय का काम : प्रखंड के अंचल कार्यालय बिचौलिये के भरोसे चल रहा है। लोग घंटों काउंटर पर लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन काम समय पर नहीं होता है। तत्काल में निर्गत किए जाने वाले प्रमाण पत्र समय पर पूरा नहीं हो पाता है। बिचौलिया काउंटर के इर्द गिर्द मंडराते रहता है। दलाल लोगों से मनमाना पैसे लेकर प्रमाण पत्र निर्गत करा देते हैं। इस कारण हर रोज आरटीपीएस काउंटर पर हंगामा होता है। छात्रों ने कहा कि एक दिन में 20-20 छात्रों-छात्राओं का ही आवेदन लिया जाता है।
केस स्टडी 2 : दलाल ने कहा-500 रुपये में तुरंत हो जाएगा काम
सदर थाना क्षेत्र के पूर्णिया सिटी बैरबन्ना निवासी अहमदी खातून ने बताया कि आठवीं कक्षा पास कर नौवीं में एडमिशन कराना चाहते हैं। इसके लिए जाति, आय व आवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए करीब चार दिनों से सुबह से दोपहर तक अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक भीड़ के कारण आवेदन तक जमा नहीं हो पाया है। यहां एक दलाल ने पांच सौ रुपए खर्च करने पर काम आज ही करा देने की बात कही है, लेकिन मेरे पास इसने पैसे नहीं है। प्रमाण पत्र बनवाने के चक्कर में पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
केस स्टडी 4 : सुबह से ही लाइन में खड़े है, नंबर नहीं आया
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छतिया निवासी मो. मोईम ने बताया कि आठवीं पास किया है और अब नौंवीं में एडमिशन करवाना है। विद्यालय ने पुराने आवास, जाति व आय प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं दी है, इसलिए दूसरा प्रमाण पत्र अप्लाई के लिए आया हूं। सुबह से ही लाइन में खड़े है, लेकिन अब तक नंबर नहीं आया है।
दीपक कुमार, सीओ
रोज 300 बच्चे आते हैं, समय की कमी से नहीं बन पा रहे प्रमाण-पत्र
सवाल : आरटीपीएस काउंटर पर इस तरह भीड़ क्यों लगी रहती है ?
जवाब : सरकारी विद्यालय से एडमिशन के लिए छात्रों से आय, जाति व आवास प्रमाण पत्र मांगा गया है इसलिए स्कूली छात्रों की भीड़ है।
सवाल : प्रत्येक दिन कितने बच्चे प्रमाण पत्र निर्गत के लिए आते हैं ?
जवाब : प्रत्येक दिन करीब 300 के करीब बच्चे प्रमाण पत्र के लिए आते हैं लेकिन समयाभाव के कारण बहुत ही कम आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
सवाल : एक बार जब किसी का आवास व जाति प्रमाण पत्र बन चुका है तो फिर दोबारा क्यों बनाया जाता है ?
जवाब : इस बात की जानकारी तो शिक्षा विभाग ही दे सकता है। जिले के सरकारी स्कूल द्वारा एक बार बन चुका आवास व जाति प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं दी जा रही है तो यह सरासर कानून के खिलाफ है। शिक्षा विभाग की नीति के कारण अंचल कार्यालय में अनावश्यक भीड़ लगी रहती है।
सवाल : आरटीपीएस काउंटर पर बिचौलिए लोगों से पैसे लेकर एक दिन में ही प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं ?
जवाब : आरटीपीएस काउंटर पर किसी भी तरह की पैरवी या अनियमितता नहीं है। जहां तक बिचौलियों की बात है तो इस तरह की शिकायत मुझे नहीं मिली है।
काउंटर खुलने का समय है प्रात: 10:30 बजे से 3 बजे तक है, लेकिन बच्चे सुबह पांच बजे से ही लाइन में खड़े हो जाते हैं। आलम यह है कि कई छात्र इस भीषण गर्मी में ज्यादा देर लाइन में खड़े रहने के कारण मूर्छित और बेहोश हो जाते हैं। सुबह से दोपहर 10 घंटे तक काउंटर पर भूखे प्यासे रहते हैं। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू श्याम से फोन पर पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और फोन काट दिया। सीओ का कहना है कि शिक्षा विभाग की नीति के कारण अंचल कार्यालय में अनावश्यक भीड़ लगी रहती है।
सीओ ने कहा-शिक्षा विभाग की नीति से लग रही अनावश्यक भीड़, गर्मी से छात्र हो रहे बेहोश
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के काउंटर के बाहर लगी भीड़।
केस स्टडी 01: दिनभर लाइन में लगने पर काम नहीं
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छतिया निवासी मो. सहवाज आलम ने बताया कि उसने गांव के स्कूल से ही आठवीं कक्षा पास की है और अब दूसरे स्कूल में कक्षा नौ में एडमिशन कराना चाहता है। पहले से भी उनके पास जाति, आय, व आवास प्रमाण पत्र है। लेकिन विद्यालय प्रबंधन उस प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं दे रहा है। इसलिए तीन दिनों से लगातार प्रमाण पत्र बनाने के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन काम नहीं हुआ। दिन भर लाइन में लगने के कारण पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
केस स्टडी 3 : अंचल कार्यालय में हमारी सुनने वाला कोई नहीं होता
पूर्णिया सिटी बैरबन्ना निवासी आरजू खातून ने बताया कि वह आठवीं पास कर नौंवी में एडमिशन करवाना चाहती है। पहले से उनके पास जाति, आवास व आय प्रमाण पत्र है लेकिन विद्यालय पुराने प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं दे रहा है। तीन दिनों से लगातार सुबह पांच बजे से 3 बजे तक लाइन में लगती हूं, लेकिन हर बार कल आना कहकर कर्मी वापस भेज देते हैं।
बिचौलिए के भरोसे चल रहा अंचल कार्यालय का काम : प्रखंड के अंचल कार्यालय बिचौलिये के भरोसे चल रहा है। लोग घंटों काउंटर पर लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन काम समय पर नहीं होता है। तत्काल में निर्गत किए जाने वाले प्रमाण पत्र समय पर पूरा नहीं हो पाता है। बिचौलिया काउंटर के इर्द गिर्द मंडराते रहता है। दलाल लोगों से मनमाना पैसे लेकर प्रमाण पत्र निर्गत करा देते हैं। इस कारण हर रोज आरटीपीएस काउंटर पर हंगामा होता है। छात्रों ने कहा कि एक दिन में 20-20 छात्रों-छात्राओं का ही आवेदन लिया जाता है।
केस स्टडी 2 : दलाल ने कहा-500 रुपये में तुरंत हो जाएगा काम
सदर थाना क्षेत्र के पूर्णिया सिटी बैरबन्ना निवासी अहमदी खातून ने बताया कि आठवीं कक्षा पास कर नौवीं में एडमिशन कराना चाहते हैं। इसके लिए जाति, आय व आवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए करीब चार दिनों से सुबह से दोपहर तक अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक भीड़ के कारण आवेदन तक जमा नहीं हो पाया है। यहां एक दलाल ने पांच सौ रुपए खर्च करने पर काम आज ही करा देने की बात कही है, लेकिन मेरे पास इसने पैसे नहीं है। प्रमाण पत्र बनवाने के चक्कर में पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
केस स्टडी 4 : सुबह से ही लाइन में खड़े है, नंबर नहीं आया
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छतिया निवासी मो. मोईम ने बताया कि आठवीं पास किया है और अब नौंवीं में एडमिशन करवाना है। विद्यालय ने पुराने आवास, जाति व आय प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं दी है, इसलिए दूसरा प्रमाण पत्र अप्लाई के लिए आया हूं। सुबह से ही लाइन में खड़े है, लेकिन अब तक नंबर नहीं आया है।
दीपक कुमार, सीओ
रोज 300 बच्चे आते हैं, समय की कमी से नहीं बन पा रहे प्रमाण-पत्र
सवाल : आरटीपीएस काउंटर पर इस तरह भीड़ क्यों लगी रहती है ?
जवाब : सरकारी विद्यालय से एडमिशन के लिए छात्रों से आय, जाति व आवास प्रमाण पत्र मांगा गया है इसलिए स्कूली छात्रों की भीड़ है।
सवाल : प्रत्येक दिन कितने बच्चे प्रमाण पत्र निर्गत के लिए आते हैं ?
जवाब : प्रत्येक दिन करीब 300 के करीब बच्चे प्रमाण पत्र के लिए आते हैं लेकिन समयाभाव के कारण बहुत ही कम आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
सवाल : एक बार जब किसी का आवास व जाति प्रमाण पत्र बन चुका है तो फिर दोबारा क्यों बनाया जाता है ?
जवाब : इस बात की जानकारी तो शिक्षा विभाग ही दे सकता है। जिले के सरकारी स्कूल द्वारा एक बार बन चुका आवास व जाति प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं दी जा रही है तो यह सरासर कानून के खिलाफ है। शिक्षा विभाग की नीति के कारण अंचल कार्यालय में अनावश्यक भीड़ लगी रहती है।
सवाल : आरटीपीएस काउंटर पर बिचौलिए लोगों से पैसे लेकर एक दिन में ही प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं ?
जवाब : आरटीपीएस काउंटर पर किसी भी तरह की पैरवी या अनियमितता नहीं है। जहां तक बिचौलियों की बात है तो इस तरह की शिकायत मुझे नहीं मिली है।