कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिहार सरकार के अधिवक्ता श्याम दिवान, दिनेश द्विवेदी और आर के द्विवेदी का पक्ष जाना. इन अधिवक्ताओं ने अपनी बात पुन: कोर्ट में दोहराई और बताया कि राज्य सरकार की माली हालत इस प्रकार की नहीं कि नियोजित शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों की भांति समान वेतन दिया जा सके. शिक्षक संघ की ओर से सीनियर एडवोकेट और पूर्व सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता व कानूनविद् कपिल सिब्बल तथा विजय हंसरिया और गौरव यादव की ओर से काउंटर किया गया. इन अधिवक्ताओं ने सरकारी वकीलों द्वारा दिए गए रिज्वाइन्डर को खारिज करने के लिए कई प्रकार के साक्ष्य और अन्य आवश्यक दस्तावेज दिए गए. शिक्षकों का पक्ष रखते हुए अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि नियोजित शिक्षकों के परिश्रम से बिहार की साक्षरता दर में वृद्धि हुई है. अधिवक्ताओं ने न्यायालय से मांग की कि विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए पटना उच्च न्यायालय के न्याय निर्णय अक्षरश: लागू किया जाए. कोर्ट ने इन पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.