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बिहार : जानें किन बिंदुओं पर खरा उतरना होगा शिक्षकों को, नहीं तो होगी कार्रवाई

नियोजित शिक्षकों का सरकार करायेगी मूल्यांकन
पटना : राज्य भर के सरकारी स्कूलों के नियोजित शिक्षकों का सरकार मूल्यांकन करायेगी. तय मानकों पर अगर ये शिक्षक खरे नहीं उतरे तो सरकार उन पर कार्रवाई भी करेगी. औरंगाबाद में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शिक्षकों के मूल्यांकन के बाद अब इसके लिए सरकार सभी जिलों को निर्देश देने की तैयारी कर रही है. इसमें हर छह महीने पर नियोजन इकाई वार शिक्षकों का मूल्यांकन किया जायेगा. 
 
शिक्षकों का मूल्यांकन सात बिंदुओं पर होगा. इसमें शिक्षकों की स्कूलों में उपस्थिति, अपने विषय की जानकारी, टीचिंग स्किल, शिक्षकों की ओर से बच्चों को किस तरह से अनुशासित रखा जा रहा है, अभिभावकों की नजर में शिक्षकों की स्थिति और बीईओ, सीआरसीसी व अन्य पदाधिकारियों की ओर से की गयी जांच के आधार पर मूल्यांकन होगा. 
 
यह मूल्यांकन हर सेशन (वित्तीय वर्ष) में दो बार होगा, जिसमें शिक्षकों की ग्रेडिंग की जायेगी. इसके लिए नियोजित इकाई के साथ-साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लेकर 
 
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी जायेगी. इसमें नियोजन इकाईयों से अपनी रिपोर्ट प्रखंड में और प्रखंड से फिर जिला में जायेगी. सात बिंदुओं पर शिक्षकों के किये गये मूल्यांकन में से रेंडमली 10 प्रतिशत शिक्षकों के मूल्यांकन का एक्सपर्ट टीम की ओर से भी मूल्यांकन किया जायेगा. 
 
इसमें अगर नियोजन इकाई से आयी रिपोर्ट से भिन्नता आयी तो संबंधित नियोजन इकाई व पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही नियोजन इकाई द्वारा मूल्यांकन किये जाने पर अगर किसी स्कूल के सभी शिक्षक मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं और स्कूल का जीरो परफॉरमेंस रहता है तो स्कूलों के खिलाफ अविलंब सीधी कार्रवाई की जा सकेगी.  
 
इन बिंदुओं पर किया जायेगा मूल्यांकन 
 
शिक्षकों की स्कूलों में उपस्थिति
अपने विषय की जानकारी
 
टीचिंग स्किल
शिक्षकों की ओर से बच्चों को किस तरह से रखा जा रहा अनुशासित
अभिभावकों  की नजर में शिक्षकों की स्थिति

बीईओ, सीआरसीसी व अन्य पदाधिकारियों की ओर से की गयी जांच

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