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शिक्षक स्थानांतरण में धांधली की जांच : डीएम ने प्रधान सचिव को भेजा पत्र

अनुशंसा. शिक्षकों के स्थानांतरण का मामले में डीइओ के खिलाफ होगी कार्रवाई
आखिरकार शिक्षक स्थानांतरण में बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका सच साबित हुई है. डीएम के निर्देश पर दो सदस्यीय जांच टीम ने भी माना कि नियम कायदे को ताक पर रख कर शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है. 
खगड़िया : शिक्षक स्थानांतरण में धांधली की जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हुई है. डीएम के निर्देश पर डीडीसी के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम की जांच रिपोर्ट आने के बाद डीइओ की मुश्किल बढ़ने वाली है. शिक्षक स्थानांतरण की जांच रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की पुष्टि बाद डीएम जय सिंह शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेज कर डीइओ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है. डीएम के कड़े रुख से शिक्षा विभाग में हड़कंप व्याप्त है.
 
इधर, प्रधान सचिव को पत्र भेजे जाने के बाद स्थानांतरण रद्द होने की संभावना भी बढ़ गयी है. इसके बाद पिछले दरवाजे से मोटी रकम के सहारे मनपसंद स्कूलों में स्थानांतरण करवाने वाले शिक्षकों की धड़कन बढ़ी हुई हैं. बता दें कि प्रभात खबर में शिक्षक स्थानांतरण में धांधली की खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद डीएम ने जांच टीम का गठन किया था. 
 
जिला स्थापना समिति की बैठक ही अवैध: डीएम के निर्देश पर गठित जांच टीम ने स्थानांतरण के लिए जिला स्थापना समिति की बैठक को ही अवैध करार दिया है. ऐसे में स्थानांतरण आदेश नियमानुकूल नहीं माना जा सकता है. लिहाजा शिक्षक स्थानांतरण रद्द होने का खतरा मंडराने लगा है. डीएम जय सिंह द्वारा प्रधान सचिव को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि जिला स्थापना समिति की 14 व 23 जून को आयोजित बैठक पंजी पर तीन सदस्यीय स्थानांतरण कमेटी में से एक सदस्य ने धांधली की बात कहते हुए हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है कि जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक स्थानांतरण हेतु किस आदेश से या किस विभागीय पत्र के आलोक में की गयी इसका उल्लेख तक नहीं है. संचिका में अंकित टिप्पणी में दिनांक व पत्रांक तक नहीं है. 
 
 बैठक पंजी या संचिका में यह उल्लेख भी नहीं है कि कितना पद रिक्त है या कितना आवेदन प्राप्त हुआ. उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में जिला शिक्षा स्थापना समिति की आहूत बैठक को विधि सम्मत नहीं कहा जा सकता है. इसलिए ऐसी अवैध बैठक में लिये गये निर्णय/आदेश को भी आदेश नहीं कहा जा सकता है. इस प्रकार दिनांक 24.06.2016 को जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा किया गया स्थानांतरण आदेश नियमानुकूल नहीं है. 
 
गुपचुप बैठक कर फाइल कर दिया फाइनल: पूरे तबादले पर डीइओ व डीपीओ स्थापना भले ही कोई गड़बड़ी से इनकार कर रहे हों, लेकिन जांच रिपोर्ट में सामने आयी बातें कुछ और ही कहानी कह रही हैं. स्थानांतरण के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ ब्रज किशोर सिंह, डीपीओ स्थापना श्री सुरेश कुमार साहु, कार्यक्रम पदाधिकारी विमलेश कुमार चौधरी की तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी थी. शिक्षकों के
 
स्थानांतरण के लिए 14 जून को बुलायी गयी कमेटी की बैठक की चिट्ठी सदस्य श्री चौधरी को 16 जून भेजी गयी, जो नियम कायदे के विपरीत है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बैठक होने के दो दिनों बाद चिट्ठी देने के पीछे क्या मंशा थी, गुपचुप तरीके से स्थानांतरण की फाइल को क्यों फाइनल किया गया. पूरे मामले में स्थानांतरण कमेटी में शामिल एक सदस्य विमलेश चौधरी ने फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के बाद खलबली मच गयी थी. ऐसी कई गड़बड़ी को नजरअंदाज कर पिछले दरवाजे से शिक्षक स्थानांतरण कर बड़े पैमाने पर उगाही की आशंका जतायी जा रही है. 
 
जानबूझ कर डीइओ ने की गड़बड़ी 
 
पूर्व निर्गत विभागीय पत्रांक 325 दिनांक 23.11.2015 द्वारा निर्णय लिया गया था कि प्रारंभिक विद्यालयों में 34540 कोटि अंतर्गत नियुक्त महिला व पुरुष शिक्षकों को जिला के अंदर अथवा बाहर एक स्थानांतरण नहीं किया जायेगा. उपयुक्त पत्र के आलोक में जिला स्थानांतरण हेतु विहित प्रपत्र में आवेदन प्राप्त कर विभाग को भेजा जाना था. शिक्षक स्थानांतरण संचिका के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि आदेश के आलोक में आवेदन प्राप्त हुआ ही नहीं.
 
उल्लेखनीय है कि प्राथमिक शिक्षा के निदेशक के द्वारा विशेष प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2010 के आलोक में नियुक्त महिला  व पुरुष शिक्षकों को एकल स्थानांतरण जिला के अंदर या बाहर नहीं करने निर्णय लिया गया था. इस प्रकार 34540 कोटि के शिक्षकों के जिलान्तर्गत स्थानांतरण पर रोक बरकरार है. इसके बावजूद डीइओ डॉ ब्रज किशोर सिंह ने निदेशक प्राथमिक शिक्षा के आदेश को नजरअंदाज करते हुए पूर्व से नियमित पदस्थापित 34540 कोटि सहित कुल 83 शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया गया. जो विभागीय निदेश के विपरीत है एवं जानबूझ कर विभागीय नियम का घोर उल्लंघन है. डीएम ने शिक्षक स्थानांतरण को अवैध करार देते हुए प्रधान सचिव से कार्रवाई की अनुशंसा की है.
 
कहते हैं डीएम
 
फर्जी रूप से जिला स्थापना समिति की बैठक कर विभागीय नियम को ताक पर रख कर शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है. जून महीने में जिले के 85 शिक्षकों के स्थानांतरण में व्यापक पैमाने पर बरती गयी धांधली को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेज कर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है.

जय सिंह, डीएम.
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