टॉपर्स विवाद. अध्यक्ष व सचिव को ही कॉपियों की जांच की जानकारी, तो कहां हुई गड़बड़ी
मूल्यांकन को लेकर बिहार बोर्ड सवालों के घेरे में आ गये हैं. आखिर कैसे इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई, जबकि इस साल वीआर कॉलेज के लिए विशेष केंद्र की व्यवस्था की गयी थी.
पटना : वैशाली के वीआर कीरतपुर कॉलेज के टॉपरों से जुड़े विवाद में नया खुलासा हुआ है. वर्ष 2015 की इंटर परीक्षा में इस कॉलेज के 1007 छात्रों की हैंडराइटिंग समान होने व 222 छात्रों के मेरिट लिस्ट में आने से जुड़े विवाद के बाद इस साल कॉलेज से जुड़े छात्रों की विशेष केंद्र पर परीक्षा ली गयी. विशेष केंद्र पर कॉपियों की जांच करायी गयी, पर बोर्ड अध्यक्ष व सचिव को छोड़ कर किसी को पता नहीं है कि यह विशेष केंद्र कहां था. किन शिक्षकों ने कॉपी जांची. इंटर काउंसिल के अनुसार वैशाली जिले की सारी उत्तर पुस्तिकाएं कैमूर भेजी गयी थीं, लेकिन वीआर कॉलेज, कीरतपुर, भगवानपुर, वैशाली की उत्तर पुस्तिकाएं कैमूर नहीं गयीं.
निश्चित होते हैं मूल्यांकन केंद्र : इंटरमीडिएट व मैट्रिक परीक्षा के लिए बननेवाले केंद्रों की तरह उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन केंद्र भी निश्चित होते हैं. हर जिले की उत्तर पुस्तिका को दूसरे जिले के मूल्यांकन केंद्र पर भेजा जाता है. इसकी जानकारी संबंधित डीएम और बोर्ड कर्मचारियों को भी होती है, लेकिन वीआर काॅलेज के 700 परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कहां हुई इसकी जानकारी किसी को नहीं है.
तो रूबी के 444 की जगह 460 अंक होते : अध्यक्ष की मानें तो वीआर कॉलेज की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए पटना में स्पेशल केंद्र बना था. यह केंद्र कहां था, इसकी जानकारी केवल अध्यक्ष प्रो लालकेश्वर प्रसाद सिंह व सचिव हरिहर नाथ झा को ही थी.
लेकिन, जब कॉलेज के स्टूेडेंट्स के अंक आये तो अधिकारियों के भी होश उड़ गये. इसके चलते टॉपर रूबी राय सहित कई परीक्षार्थियों की कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन हुआ. इसमें रूबी राय के भूगोल में 16 अंक कम हो गये. अगर ऐसा नहीं होता तो उसे 444 की जगह 460 अंक मिले होते. वह दूसरे स्थान पर रही कृति भारती से 52 अंकों से ऊपर होती.
वीआर कॉलेज के लिए परीक्षा केंद्र से लेकर मूल्यांकन केंद्र व मॉनीटरिंग तक की समिति ने स्पेशल व्यवस्था की थी. इसके टॉपरों का संदेह के घेरे में आना बिहार बोर्ड के प्रबंधन पर भी सवाल खड़े कर रहा है. संभव है कि पटना में बनाये गये स्पेशल मूल्यांकन केंद्र पर ही कॉपियां बदल दी गयी हों. अगर सभी केंद्रों की तरह इस केंद्र पर भी सीसीटीवी की व्यवस्था थी तो बोर्ड को इसकी भी जांच करनी चाहिए.
उत्तर पुस्तिका पहुंचाने के लिए बनायी जाती है टीम
इंटर और मैट्रिक के मूल्यांकन केंद्रों पर उत्तर पुस्तिका पहुंचाने के लिए समिति कर्मचारियों की टीम बनाती है. यह टीम अलग-अलग जिलों मे जाती है. टीम परीक्षा केंद्र से उत्तर पुस्तिका लेकर मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचाती है. समिति की आेर से कर्मचारियों के नामों की लिस्ट निकाली जाती है. एक टीम में तीन से चार कर्मचारी शामिल होते हैं.
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मूल्यांकन को लेकर बिहार बोर्ड सवालों के घेरे में आ गये हैं. आखिर कैसे इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई, जबकि इस साल वीआर कॉलेज के लिए विशेष केंद्र की व्यवस्था की गयी थी.
पटना : वैशाली के वीआर कीरतपुर कॉलेज के टॉपरों से जुड़े विवाद में नया खुलासा हुआ है. वर्ष 2015 की इंटर परीक्षा में इस कॉलेज के 1007 छात्रों की हैंडराइटिंग समान होने व 222 छात्रों के मेरिट लिस्ट में आने से जुड़े विवाद के बाद इस साल कॉलेज से जुड़े छात्रों की विशेष केंद्र पर परीक्षा ली गयी. विशेष केंद्र पर कॉपियों की जांच करायी गयी, पर बोर्ड अध्यक्ष व सचिव को छोड़ कर किसी को पता नहीं है कि यह विशेष केंद्र कहां था. किन शिक्षकों ने कॉपी जांची. इंटर काउंसिल के अनुसार वैशाली जिले की सारी उत्तर पुस्तिकाएं कैमूर भेजी गयी थीं, लेकिन वीआर कॉलेज, कीरतपुर, भगवानपुर, वैशाली की उत्तर पुस्तिकाएं कैमूर नहीं गयीं.
निश्चित होते हैं मूल्यांकन केंद्र : इंटरमीडिएट व मैट्रिक परीक्षा के लिए बननेवाले केंद्रों की तरह उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन केंद्र भी निश्चित होते हैं. हर जिले की उत्तर पुस्तिका को दूसरे जिले के मूल्यांकन केंद्र पर भेजा जाता है. इसकी जानकारी संबंधित डीएम और बोर्ड कर्मचारियों को भी होती है, लेकिन वीआर काॅलेज के 700 परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कहां हुई इसकी जानकारी किसी को नहीं है.
तो रूबी के 444 की जगह 460 अंक होते : अध्यक्ष की मानें तो वीआर कॉलेज की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए पटना में स्पेशल केंद्र बना था. यह केंद्र कहां था, इसकी जानकारी केवल अध्यक्ष प्रो लालकेश्वर प्रसाद सिंह व सचिव हरिहर नाथ झा को ही थी.
लेकिन, जब कॉलेज के स्टूेडेंट्स के अंक आये तो अधिकारियों के भी होश उड़ गये. इसके चलते टॉपर रूबी राय सहित कई परीक्षार्थियों की कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन हुआ. इसमें रूबी राय के भूगोल में 16 अंक कम हो गये. अगर ऐसा नहीं होता तो उसे 444 की जगह 460 अंक मिले होते. वह दूसरे स्थान पर रही कृति भारती से 52 अंकों से ऊपर होती.
वीआर कॉलेज के लिए परीक्षा केंद्र से लेकर मूल्यांकन केंद्र व मॉनीटरिंग तक की समिति ने स्पेशल व्यवस्था की थी. इसके टॉपरों का संदेह के घेरे में आना बिहार बोर्ड के प्रबंधन पर भी सवाल खड़े कर रहा है. संभव है कि पटना में बनाये गये स्पेशल मूल्यांकन केंद्र पर ही कॉपियां बदल दी गयी हों. अगर सभी केंद्रों की तरह इस केंद्र पर भी सीसीटीवी की व्यवस्था थी तो बोर्ड को इसकी भी जांच करनी चाहिए.
उत्तर पुस्तिका पहुंचाने के लिए बनायी जाती है टीम
इंटर और मैट्रिक के मूल्यांकन केंद्रों पर उत्तर पुस्तिका पहुंचाने के लिए समिति कर्मचारियों की टीम बनाती है. यह टीम अलग-अलग जिलों मे जाती है. टीम परीक्षा केंद्र से उत्तर पुस्तिका लेकर मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचाती है. समिति की आेर से कर्मचारियों के नामों की लिस्ट निकाली जाती है. एक टीम में तीन से चार कर्मचारी शामिल होते हैं.
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