पटना : बिहार
विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी वीआर काॅलेज, कीरतपुर, भगवानपुर,
वैशाली का पूरा का पूरा रिजल्ट ही कटघरे में खड़ा हाे गया है. एसआइटी टीम
मंगलवार और बुधवार को पूरा दिन इंटर काउंसिल में रिजल्ट को खंगालती रही. हर
साल के रिजल्ट को देखा.
परीक्षार्थी की संख्या और पास करने वाले
परीक्षार्थी का मिलान होता रहा. ऐसे में एसआइटी की टीम की नजर सबसे ज्यादा
वीआर कॉलेज के रिजल्ट पर है. एसआइटी की टीम ने वीआर कॉलेज के 2005 से 2016
तक के हर साल का रिजल्ट काउंसिल से मंगलवार को ही ले लिया है. बुधवार को
2011 से 2015 तक का अपडेट रिजल्ट एसआइटी की टीम ने देखा है. रिजल्ट और टॉपर
लिस्ट की पूरी जांच की गयी है. सूत्रों की मानें, तो गड़बड़ी पाये जाने पर
2005 से 2016 तक का रिजल्ट रद्द हो सकता है.
लालकेश्वर प्रसाद सिंह की तलाश, बच्चा राय फरार
अध्यक्ष के रूप में आपकी संलिप्तता प्रतीत होती है
पटना : शिक्षा विभाग ने हटाये जाने से
पहले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह से
बुधवार को फिर से स्पष्टीकरण पूछा और 24 घंटे में जवाब देने को कहा. नोटिस
में विभाग के संयुक्त सचिव सह निदेशक प्रशासन सुनील कुमार सिंह ने पूछा
था कि इंटर परीक्षा के रिजल्ट में धांधली की घटना घटी है.
मीडिया में टॉपर्स विवाद के बाद टॉपर
रहे छात्र-छात्राओं की जांच बिहार बोर्ड में करायी गयी, तो एक खास कॉलेज
के न्यून मेधा के छात्र-छात्रा प्रथम 10 स्थान में अवांक्षित तरीके से
स्थान पाएं, ऐसा स्पष्ट होता है. इसके बाद विभाग ने कोलवाली थाने में
प्राथमिकी दर्ज करायी और जांच पुलिस कर रही है. पूरी घटना के दौरान
बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में प्रथमदृष्टया आपकी संलिप्तता और अक्षमता
प्रतीत होती है.
आपका क्रियाकलाप सरकार व विभाग की ओर
से निर्धारित प्रक्रिया (मैनर) व समिति के प्रतिकूल पाया गया है. इन
मामलों पर आप अपना स्पष्टीकरण 24 घंटे के अंदर विभाग को दें कि क्यों
नहीं आपको बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष के पद से पदमुक्त
(रिमूव) किया जाये. लालकेश्वर को सुबह यह स्पष्टीकरण पूछा गया, लेकिन
दोपहर में ही उनसे इस्तीफा ले लिया गया. लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने इस्तीफे
में कहा है कि 2016 के रिजल्ट को लेकर कई आरोप लगे हैं. ऐसे में बिहार
बोर्ड के अध्यक्ष होने के नाते नैतिक जिम्मेवारी के साथ वे त्यागपत्र दे
रहे हैं.
शिक्षा विभाग ने इसे स्वीकार भी कर
लिया. वहीं, बिहार बोर्ड के प्रभारी सचिव हरिहर नाथ झा ने शिक्षा विभाग को
पत्र लिख कर वहां से दूसरे जगह तबादले की मांग की थी और कहा कि वे जनवरी
2017 में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. इस घोटाले के बाद वे यहां नहीं रहना
चाहते हैं. शिक्षा विभाग ने उनके आग्रह को स्वीकार किया उन्हें वहां से
हटा कर प्राथमिक शिक्षा का संयुक्त निदेशक बनाया गया है.
बहादुरपुर में बोर्ड अध्यक्ष के आवास पर छापेमारी
इंटर टॉपर्स घोटाला मामले में दर्ज
प्राथमिकी के बाद बुधवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष
लालकेश्वर प्रसाद के आवास पर छापेमारी की गयी. बहादुरपुर थाना क्षेत्र की
अलका कॉलोनी स्थिति आवास पर कोतवाली थानाध्यक्ष व बहादुरपुर थानाध्यक्ष ने
छापेमारी की. पुलिस सूत्रों की मानें, तो छापेमारी के दरम्यान अध्यक्ष घर
पर नहीं थे. हालांकि, इस दौरान पुलिस टीम ने घर में मौजूद नौकरोें से
पूछताछ की. साथ ही आवास से भी कुछ दस्तावेज अपने साथ ले गयी है.
एसआइटी बिहार बोर्ड के चेयरमैन पद से
हटाये जाने के बाद लालकेश्वर प्रसाद सिंह से पूछताछ के लिए दिन भर बोर्ड
ऑफिस व बहादुरपुर थाने के अलकाबाद इलाके में स्थित उनके घर का चक्कर लगाती
रही. बोर्ड के कुछ कर्मचारियों को साथ में लेकर एसआइटी ने चेयरमैन की
तलाश में दबिश दी. लेकिन, वे नहीं मिले. एसएसपी का कहना है कि उनसे पूछताछ
होगी. वहीं, पूरे मामले के मुख्य आरोपित वीआर कॉलेज का प्रिसिंपल अमित
कुमार उर्फ बच्चा यादव फरार है. पुलिस ने कई बार उसके घर दबिश दी. लेकिन,
उसका कुछ भी पता नहीं चला है.
बोर्ड के चेयरमैन का निजी सचिव फरार
बिहार बोर्ड के चेयरमैन लालकेश्वर
प्रसाद सिंह के निजी सचिव विकास कुमार सोमवार की रात से ही फरार हैं. उनका
मोबाइल फोन बंद हैं. बीच में उनका लोकेशन कोलकाता में मिला था, लेकिन
पिछले 24 घंटे से उनका कोई पता नहीं है. बोर्ड के लोगों कि मानें, तो
रिजल्ट घोटाले का पूरा खेल विकास कुमार को मालूम है. अगर वह पुलिस के
हत्थे चढ़े, तो खास जानकारी हाथ लगेगी. फिलहाल पूछताछ जारी है.
बच्चा राय को उठाने के बाद पुलिस ने छोड़ा!
पुलिस पदाधिकारियों की मानें तो इंटर
रिजल्ट घोटाला कांड के मुख्य आरोपी वीआर कॉलेज के प्रिसिंपल अमित कुमार
उर्फ बच्चा राय की तलाश जारी है. एसआइटी उसे पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही
है. लेकिन, सूत्रों का कहना है कि वैशाली में मंगलवार की रात को एसआइटी ने
बच्चा राय को पकड़ लिया था. लेकिन, न तो उसे गिरफ्तार किया गया और न ही
पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया. सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने ऊपरी दबाव
के कारण उसे छोड़ दिया. आरोप यह भी है कि एसआइटी ने लालकेश्वर प्रसाद सिंह
को भागने का पूरा मौका दिया है.
बदले जायेंगे बिहार बोर्ड के सभी पदाधिकारी : मंंत्री
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सभी
पदाधिकारी बदलेंगे. इसके संकेत शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने दे दिये हैं.
उन्होंने बताया कि इंटर टॉपर रिजल्ट घोटाले को देखते हुए बिहार बोर्ड के
सारे पदाधिकारियों को यहां हटा दिया जायेगा. इसकी शुरुआत भी हो गयी है.
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह, सचिव हरिहर नाथ झा और उप
सचिव देवशील को हटा दिया गया है.
बिहार बोर्ड में ऐसे लोगों को लगाया जा
रहा है जो राज्य की परीक्षा तंत्र को व्यवस्थित कर सकें और उसे मजबूत कर
सकें. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की पुलिस की टीम जांच कर रही है. जांच के
दायरे में बिहार बोर्ड के अध्यक्ष का नाम आने के बाद उनसे स्पष्टीकरण
मांगा गया था. स्पष्टीकरण का जवाब देने के बजाए उन्होंने अपना इस्तीफा दे
दिया है. विभाग ने इसे स्वीकार कर लिया है. अब आगे की कार्रवाई चल रही है.
सभी की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
इनके हैं दो रोल नंबर
प्रशांत शेखर 10410, 10411
रंजन कुमार 10467, 10468
रणवीर कुमार 10471, 10472
रणवीर प्रताप सिंह 10473, 10474
सरोज कुमार 10529, 10530
सुधीर कुमार 10572, 10573
विवेक कुमार 10635, 10636
जितेंद्र राय 10311, 10312
पूनम कुमारी 100081, 10082
कौशल कुमार 10316, 10317
अनामिका कुमारी 10004, 10005
चांदनी कुमारी 10021, 10022
किरण कुमारी 10045, 10046
निशा कुमारी 10066, 10067
कुणाल कुमार 10326, 10327
कई कॉलेजों पर भी नजर
इंटर के रिजल्ट में एक छात्र के दो रोल नंबर का मामला कई कॉलेजों का है. ऐसे कॉलेजों की छानबीन काउंसिल स्तर से की जा रही है.
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