मधुबनी। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक रंजन कुमार ¨सह ने फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक की नौकरी हथियाने वाले एक और फर्जी शिक्षक विनोद कुमार यादव तथा एक फर्जी शिक्षिका सुमन कुमारी के विरुद्ध नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिला परिषद, मधुबनी नियोजन इकाई द्वारा वर्ष 2008 में विनोद कुमार यादव का नियोजन किया गया था। यह एसके जमा दो उच्च विद्यालय, पंडौल में पदस्थापित है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कराए गए जांच में शिक्षक विनोद कुमार यादव का बीएससी का डिग्री फर्जी मिला।
वहीं जिला परिषद, मधुबनी नियोजन इकाई द्वारा ही वर्ष 2014 में सुमन कुमारी का नियोजन किया गया था। ये जमा दो उच्च विद्यालय, बाबूबरही में पदस्थापित हैं। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कराए गए जांच में शिक्षिका सुमन कुमारी की बीएड की डिग्री फर्जी निकला। जिस कारण उक्त दोनों शिक्षक व शिक्षिका के विरूद्ध निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक रंजन कुमार ¨सह ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। यहां याद दिला दें कि करीब दस दिन पूर्व भी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक रंजन कुमार ¨सह ने जमा दो उच्च विद्यालय बिस्फी में नियोजित फर्जी शिक्षक अमरजीत कुमार के खिलाफ भी नगर थाना, मधुबनी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कराए गए जांच में अमरजीत कुमार का इंटरमीडिएट विज्ञान का अंकपत्र फर्जी पाया गया था। जांच में यह खुलासा हुआ था कि अमरजीत कुमार वर्ष 1997 में मारवाड़ी कालेज दरभंगा से इंटरमीडिएट विज्ञान की परीक्षा में शामिल हुआ था। इस परीक्षा में इन्हें महज 268 अंक प्राप्त होने के कारण अनुतीर्ण घोषित किया गया था। लेकिन
अमरजीत कुमार ने शिक्षक पद पर नियोजन हेतु इंटरमीडिएट का जो अंक पत्र का उपयोग किया उसमें प्राप्तांक 555 व श्रेणी-प्रथम दर्शाया गया था। जांच में यह अंक पत्र फर्जी साबित हुआ। इसके साथ ही उच्चतर माध्यमिक के तीन फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है।उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय, पटना द्वारा जनहित याचिका वाद सं.-15459/ 2014 में पारित आदेश के आलोक में बिहार राज्य में उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2006 से अब तक नियोजित शिक्षकों का शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों व अंक पत्रों की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कराई जा रही है। मधुबनी जिला में इस कार्य के लिए पुलिस अधीक्षक, निगरानी, पटना ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक रंजन कुमार ¨सह को प्रतिनियुक्त कर रखा है। जांच के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ कि एसके जमा दो उच्च विद्यालय, पंडौल के शिक्षक विनोद कुमार यादव का बीएससी की डिग्री फर्जी है। विनोद कुमार यादव ने शिक्षक पद पर नियोजन के लिए लनामिववि, दरभंगा का प्रमाण पत्र का उपयोग किया था। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से उन्होंने दावा किया था कि वे एमएलएसएम कालेज, दरभंगा से बीएससी-जंतु विज्ञान प्रतिष्ठा-1995 की नवंबर 1996 में आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल होकर प्रथम वर्ग प्राप्त किया। इन्होंने इस परीक्षा में रौल नंबर-4090 होने का उल्लेख किया था। लेकिन निगरानी द्वारा कराए गए जांच में लनामिविवि, दरभंगा के परीक्षा नियंत्रक ने विनोद कुमार यादव की डिग्री को फर्जी व फेक करार देते हुए कहा कि विनोद कुमार यादव की बीएससी की डिग्री लनामिविवि, दरभंगा से निर्गत नहीं किया गया है।वहीं शिक्षिका सुमन कुमारी ने शिक्षिका के पद पर नियोजन के लिए वर्ष 1997 में एस वकील अहमद टीटी कॉलेज, मुरलियाचक, दरभंगा (लनामिविवि दूरस्थ शिक्षा, दरभंगा) से निर्गत बीएड की डिग्री का उपयोग की थी। लेकिन जांच में पता चला कि इस संस्थान की मान्यता ही रद है। जिस कारण सुमन कुमारी की बीएड की डिग्री फर्जी पाया गया। जांच के क्रम में लनामिविवि, दरभंगा के परीक्षा नियंत्रक ने उक्त संस्थान की मान्यता रद होने के कारण सुमन कुमारी की बीएड की डिग्री को रद करार दिया है। इधर फर्जी प्रमाण पत्रों पर नियोजित शिक्षकों पर लगातार गाज गिरने के कारण अन्य फर्जी शिक्षकों में भी खलबली मच गई है।
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