मोतिहारी । शिक्षक नियोजन के दौरान कागजात के रख-रखाव में की गई लापरवाही अब सामने आ रही है। नियोजन से संबंधित सभी आवश्यक कागजात के एक जगह नहीं रखने से विभाग की समस्या लगातार बढ़ते जा रही है। जिले के प्लस टू स्कूलों में कार्यरत सभी शिक्षकों में से 250 शिक्षकों का नियोजन से संबंधित आवेदन फार्म नहीं मिल रहे हैं। प्लस टू के कार्यरत कुल 395 शिक्षकों में से मात्र 145 शिक्षकों के नियोजन से संबंधित आवेदन खोजा जा सका है।
इन आवेदनों को मंगल सेमिनरी स्कूल के छात्रावास में रखा गया था। प्लस टू शिक्षकों के नियोजन से संबंधित सभी आवश्यक कागजात को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को उपलब्ध करानी है। इस क्रम में शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों को विभाग द्वारा पूर्व में ही उपलब्ध करा दिया गया है। इसके बाद इन शिक्षकों द्वारा नियोजन के लिए लगाए गए आवेदन फार्म भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसके आलेाक में विभागीय स्तर पर प्लस टू के बहाल हुए शिक्षकों के आवेदन फार्म को खोजा गया, जहां दो से तीन दिनों के घंटों प्रयास के बाद 395 में से 145 आवेदन ही मिल सके। उपलब्ध हुए आवेदनों को लेकर डीपीओ स्थापना रंजीत पासवान पटना में आहूत विभागीय आलाधिकारियों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए रवाना हो गए। अब देखना है कि शेष बचे 250 आवेदन मिलता है या नहीं। नियोजन से संबंधित सभी आवश्यक कागजात एक जगह नहीं होने के पीछे कई कारण बताए जा रहे है। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2008 का नियोजन डीइओ कार्यालय स्तर पर हुई थी। इसके बाद नियोजन वार बहाली की प्रक्रिया पूरी करने का अधिकार जारी हुआ। इस अधिकार के तहत जिला परिषद, नगर परिषद व नगर पंचायत नियोजन इकाई का गठन हुआ। बताया जाता है कि सभी नियोजन इकाईयों में नियोजन से संबंधित कागजात है। अब प्रश्न यह खड़ा होता है कि जब बहाल हुए सभी प्लस टू शिक्षकों का आवेदन फार्म निगरानी को उपलब्ध कराना था तो इसके प्रति नियोजन इकाईयों द्वारा गंभीरता आखिर क्यों नहीं बरती गई। आखिर इन नियोजन इकाईयों द्वारा शिक्षकों के आवेदन को विभाग के पास क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया। संभावना तो यह भी जताई जा रही है कि इसके पीछे कुछ कारण है। अब देखना है कि जिला परिषद, नगर परिषद व नगर पंचायत नियोजन इकाईयों द्वारा पूरे किए गए शिक्षकों के नियोजन का आवेदन फार्म उपलब्ध कराया जाता है या इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। अगर ऐसा होता है तो इस बात की पूरी संभावना रहेगी कि प्लस टू शिक्षकों के बहाली की प्रक्रिया पूरी करने में अपनी मनमानी की गई है। इसका खुलासा तो आने वाले चंद दिनों में हो ही जाएगा। बहरहाल, शिक्षकों के नियोजन से संबंधित सभी आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने को लेकर उच्च न्यायालय व शिक्षा विभाग द्वारा लगातार दबाब बनाए जाने के बाद भी कई नियोजन इकाईयां अपनी-अपनी मनमानी कर रही है। अगर मनमानी का यही हाल रहा तो इसका खामियाजा आने वाले समय में भुगतना पड़ सकता है।
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इनसेट
प्लस टू शिक्षकों के सभी शिक्षकों में से अभी 145 शिक्षकों के आवेदन मिल सके है। शेष आवेदन खोजने की प्रक्रिया जारी है। नियोजन से संबंधित आवेदन फार्म को एक जगह नहीं रखे जाने के कारण व्यापक स्तर पर परेशानियां उठानी पड़ी है। उम्मीद है शेष आवेदन फार्म भी मिल जाएंगे।
- रंजीत पासवान, डीपीओ स्थापना
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details
इन आवेदनों को मंगल सेमिनरी स्कूल के छात्रावास में रखा गया था। प्लस टू शिक्षकों के नियोजन से संबंधित सभी आवश्यक कागजात को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को उपलब्ध करानी है। इस क्रम में शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों को विभाग द्वारा पूर्व में ही उपलब्ध करा दिया गया है। इसके बाद इन शिक्षकों द्वारा नियोजन के लिए लगाए गए आवेदन फार्म भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसके आलेाक में विभागीय स्तर पर प्लस टू के बहाल हुए शिक्षकों के आवेदन फार्म को खोजा गया, जहां दो से तीन दिनों के घंटों प्रयास के बाद 395 में से 145 आवेदन ही मिल सके। उपलब्ध हुए आवेदनों को लेकर डीपीओ स्थापना रंजीत पासवान पटना में आहूत विभागीय आलाधिकारियों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए रवाना हो गए। अब देखना है कि शेष बचे 250 आवेदन मिलता है या नहीं। नियोजन से संबंधित सभी आवश्यक कागजात एक जगह नहीं होने के पीछे कई कारण बताए जा रहे है। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2008 का नियोजन डीइओ कार्यालय स्तर पर हुई थी। इसके बाद नियोजन वार बहाली की प्रक्रिया पूरी करने का अधिकार जारी हुआ। इस अधिकार के तहत जिला परिषद, नगर परिषद व नगर पंचायत नियोजन इकाई का गठन हुआ। बताया जाता है कि सभी नियोजन इकाईयों में नियोजन से संबंधित कागजात है। अब प्रश्न यह खड़ा होता है कि जब बहाल हुए सभी प्लस टू शिक्षकों का आवेदन फार्म निगरानी को उपलब्ध कराना था तो इसके प्रति नियोजन इकाईयों द्वारा गंभीरता आखिर क्यों नहीं बरती गई। आखिर इन नियोजन इकाईयों द्वारा शिक्षकों के आवेदन को विभाग के पास क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया। संभावना तो यह भी जताई जा रही है कि इसके पीछे कुछ कारण है। अब देखना है कि जिला परिषद, नगर परिषद व नगर पंचायत नियोजन इकाईयों द्वारा पूरे किए गए शिक्षकों के नियोजन का आवेदन फार्म उपलब्ध कराया जाता है या इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। अगर ऐसा होता है तो इस बात की पूरी संभावना रहेगी कि प्लस टू शिक्षकों के बहाली की प्रक्रिया पूरी करने में अपनी मनमानी की गई है। इसका खुलासा तो आने वाले चंद दिनों में हो ही जाएगा। बहरहाल, शिक्षकों के नियोजन से संबंधित सभी आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने को लेकर उच्च न्यायालय व शिक्षा विभाग द्वारा लगातार दबाब बनाए जाने के बाद भी कई नियोजन इकाईयां अपनी-अपनी मनमानी कर रही है। अगर मनमानी का यही हाल रहा तो इसका खामियाजा आने वाले समय में भुगतना पड़ सकता है।
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प्लस टू शिक्षकों के सभी शिक्षकों में से अभी 145 शिक्षकों के आवेदन मिल सके है। शेष आवेदन खोजने की प्रक्रिया जारी है। नियोजन से संबंधित आवेदन फार्म को एक जगह नहीं रखे जाने के कारण व्यापक स्तर पर परेशानियां उठानी पड़ी है। उम्मीद है शेष आवेदन फार्म भी मिल जाएंगे।
- रंजीत पासवान, डीपीओ स्थापना
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