शिक्षक की नौकरी का झांसा देकर 1000 युवकों से 10 करोड़ ठगे, 4 गिरफ्तार

क्राइम रिपोर्टर|पटना / दानापुर केंद्रीयमानव संसाधन विभाग के नाम पर फर्जीवाड़ा कर प्राथमिक शिक्षक का नौकरी देने वाले एनजीओ संचालक समेत चार जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
रूपसपुर थाने की पुलिस ने शुक्रवार को बेली रोड स्थित आईएएस कॉलोनी में चल रहे एनजीओ राज केयर फाउंडेशन के दफ्तर में छापेमारी कर एनजीओ संचालक मो. शेख मुजम्मिल के अलावा उपेंद्र कुमार, मनीष कुमार रमेश कुमार को धर दबोचा। पुलिस ने एक लैपटॉप, एक कार, प्रिंटर, चार चेकबुक, पांच मोबाइल, तीन बाइक, बड़ी संख्या में शिक्षक बहाली के फर्जी आवेदनपत्र, फर्जी दस्तावेज, मुहर आदि बरामद किए। गिरोह ने बिहार, झारखंड, यूपी, दिल्ली के लगभग एक हजार युवकों से बहाली के नाम पर 10 करोड़ की ठगी की है। शातिरों का यह गिरोह दीन दयाल उपाध्याय बाल शिक्षा ज्योति योजना के तहत बहाली करने का झांसा देकर बेरोजगार युवकों को ठग रहा था। इन लोगों ने दीन दयाल उपाध्याय बाल शिक्षा ज्योति योजना का पैड बनवा लिया था। वे दावा करते थे कि एनजीओ को शिक्षक बहाली का टेंडर मिला है। जांच में यह बात भी सामने आई थी कि मुजम्मिल ने एनजीओ का रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया था। मुजम्मिल फुलवारीशरीफ में रहता है, जबकि उपेंद्र नौबतपुर, मनीष बख्तियारपुर रमेश परसा बाजार का रहने वाला है।

एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इस गिरोह के तार केंद्र सरकार के विभागों से भी जुड़े हैं। 10 करोड़ की ठगी की जा चुकी है। पुलिस जांच के लिए दिल्ली भी जाएगी।

पैड में अंकित विभाग के सचिवों का नाम भी फर्जी

एकसप्ताह पहले ठगी के शिकार कुछ युवकों ने एसएसपी मनु महाराज से भेंट कर इसकी जानकारी दी थी। पीड़ितों ने एसएसपी को दीन दयाल उपाध्याय बाल शिक्षा ज्योति योजना का पैड भी दिया था। एक में केंद्रीय मानव संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव का नाम और उनका साइन था, जबकि दूसरे में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय विभाग के संयुक्त सचिव का हस्ताक्षर था। पुलिस ने जब इन दोनों के नामों के बारे में पता लगाया तो वह भी फर्जी निकला।

लैपटॉप मोबाइल से और खुलेगा राज

इनशातिरों के दफ्तर से बरामद लैपटॉप के अलावा मोबाइल से और राज खुलेंगे। पुलिस इसकी जांच कर रही है। इसमें कई लोगों के नाम हैं, जो इस फर्जीवाड़ा से जुड़े हैं। जिले से लेकर प्रखंड स्तर तक इनके एजेंट भी थे, जो युवकों को फांसकर एनजीओ के दफ्तर में लाते थे। बरामद चेकबुक को भी खंगाला जा रहा है।

को-ऑर्डिनेटर के लिए 10 लाख अौर शिक्षक के लिए 11 हजार रुपए

एनजीओसरगना और उसके साथ काम करने वाले शातिरों ने शिक्षक बहाली के लिए हर जिले में एक कॉर्डिनेटर बनाया था। इससे 10 लाख लेता था, जबकि पंचायत स्तर पर शिक्षकों को बहाल करने के लिए 10-12 हजार लेता था। पुलिस के मुताबिक पिछले कई माह से यह गिरोह गोरखधंधा कर रहा है। इन शातिरों ने 10 करोड़ की ठगी की है। 

Recent Articles


teacher recruitment , primary teacher vacancy , samvida shikshak , shikshak bharti , shikshak shikshak , atithi shikshak , shikshak bharti 2019 , shikshak bharti news today , shikshak bharti application , pavitra portal shikshak bharti 2019 , shikshak bharti merit list , shikshak bharti qualification , prathmik shikshak bharti , sahayak adhyapak bharti 2019 , sahayak adhyapak bharti pariksha 2019 , sahayak adhyapak bharti news , sahayak adhyapak bharti latest news , 12460 sahayak adhyapak bharti counselling , sahayak adhyapak bharti news today