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KK Pathak के आने से पहले नियोजित शिक्षकों के लिए आई गुड न्यूज, जानकर झूम उठेंगे साढ़े तीन लाख टीचर

 सीतामढ़ी: बिहार सरकार कैबिनेट की बैठक से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की स्वीकृति दे दी है। हालांकि इसके साथ एक पेच फंसा हुआ है। यानी इन नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देनी होगी।

इस परीक्षा में पास होने के बाद ही नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी बन पाएंगे। परीक्षा को मामूली बताया जा रहा है। वैसे यह मामूली परीक्षा भी बहुत सारे शिक्षकों को 'पहाड़' ही लग रहा है और उन्हें यह परीक्षा बड़ा नागवार लग रहा है।


परीक्षा से मन में दो तरह का संशय

बहुत सारे नियोजित शिक्षक खुद को काबिल ही नहीं समझते है। ऐसे ही शिक्षकों को यह परीक्षा बड़ा पहाड़ लग रहा है। इन शिक्षकों के मन में अभी से ही संशय बन गया है कि अगर किसी कारणवश परीक्षा में फेल कर गए तो एक ओर जहां राज्यकर्मी का दर्जा नहीं मिलेगा और दूसरी ओर प्रतिष्ठा पर भी पड़ेगा। समाज और स्कूल के बच्चों के बीच छवि धूमिल होगी। ऐसे शिक्षक एक तरह से परीक्षा के चलते बुरे फंस गए हैं। इन शिक्षकों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि उन्हें तीन बार परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। यानी तीन बार में ही सही, परीक्षा पास करनी होगी, तभी राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा और इसके तहत मिलने वाला लाभ देय होगा।

KK Pathak

बिहार बोर्ड परीक्षा के लिए प्राधिकृत

शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को सक्षमता परीक्षा लेने के लिए प्राधिकृत किया है। बोर्ड को सूबे के करीब 3.50 लाख नियोजित शिक्षकों की परीक्षा लेनी है। बताया गया है कि मार्च-अप्रैल 24 में सक्षमता परीक्षा संभव है। 13 जनवरी को सीएम नीतीश कुमार ने भी शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति-पत्र के वितरण के दौरान शीघ्र सक्षमता परीक्षा लेने की बात कही थी। शिक्षा विभाग के स्तर से पूर्व में ही जारी आदेश ने कहा था कि बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली- 2023 के तहत सरकारी एजेंसी के माध्यम से सक्षमता परीक्षा ली जाएगी।

शिक्षकों को मिलेगा तीन जिलों का विकल्प

नियमावली के तहत विशिष्ट शिक्षकों को पद स्थानांतरणीय होंगे। सक्षमता परीक्षा में शामिल होने के दौरान शिक्षकों से तीन जिलों का विकल्प मांगा जाएगा, जहां वे सेवा देना चाहते हैं। सक्षमता परीक्षा में उनके मेधा क्रमांक के आधार पर उन्हें उनके द्वारा दिए गए विकल्प वाले जिलों में पदस्थापित किया जाएगा। अगर संबंधित विकल्प वाले तीन जिलों में उन्हें जगह नहीं मिली, तो फिर रैंडमली पदस्थापित किया जाएगा। बता दें कि 26 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का प्रस्ताव पारित किया था।

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