बिहार में छात्र-शिक्षक अनुपात देश में सबसे खराब है. 2019-20 की एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, प्राथमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात 50 और 60 से ज़्यादा है.
इसका सीधा सा मतलब है कि राज्य में छात्रों के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं. सरकारी स्कूलों में तो स्थिति और भी ख़राब है.
शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 35:1 होना चाहिए.
हालांकि, बिहार में प्राथमिक स्कूलों में 60 छात्रों और सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में 70 छात्रों पर सिर्फ़ एक शिक्षक उपलब्ध है.