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मुजफ्फरपुर में चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन शुरू

 मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों के शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक व अन्य प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंगलवार को चेहल्लुम की छुट्टी के बावजूद विद्या विहार स्कूल स्थित जिला नियोजन

कोषांग में कर्मी काम में जुटे रहे। विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन तेज कर दिया गया है। अभ्यर्थियों के फोल्डर से प्रमाण पत्र निकालकर फोटो कापी कराने और बोर्ड, विश्वविद्यालय, अंचल के अनुसार लिङ्क्षस्टग की जा रही है। 2007 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। करीब तीन दर्जन नियोजन इकाइयों की काउंसिल‍िंग की जांच चल रही है।

चयनित अभ्यर्थियों के फोल्डर में 12 से 15 सर्टिफिकेट है। इसमें मैट्रिक, इंटर, स्नातक, बीएड व टीईटी का अंकपत्र व प्रमाण पत्र शामिल हैं। जाति, आवास व आय सहित अन्य प्रमाण पत्र की भी जांच चल रही है। मुख्यालय ने सभी का सत्यापन सक्षम प्राधिकार से कराने का निर्देश दिया है। सबसे अधिक प्रमाण पत्र बिहार बोर्ड के होंगे, इसके लिए पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है जो अपनी मौजूदगी में बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय से सत्यापन कराएंगे। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सबसे अधिक परेशानी बिहार से बाहर के बोर्ड व विश्वविद्यालयों से जारी सर्टिफिकेट के सत्यापन में होगी।

इंस्पायर अवार्ड में शिथिलता बरतने वाले हेडमास्टरों पर होगी कार्रवाई

इंस्पायर अवार्ड में शिथिलता बरतने वाले हेडमास्टर सहित अन्य कर्मियों पर होगी कार्रवाई। 166 में मात्र 90 ब'चे ही अपने बनाए गए माडल को अपलोड कर सके हैं। डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान अमरेंद्र पांंडेय ने मंगलवार को पत्र जारी किया है। कहा है कि इंस्पायर अवार्ड में हिस्सा लेने के लिए 166 ब'चों के खाते में दस-दस हजार रुपये भेज दिए गए। लेकिन 76 ब'चे द्वारा बनाए गए अभी तक माडल अपलोड नहीं किया गया। 30 सितंबर को समय खत्म हो जाएगा। डीपीओ ने बताया कि हेडमास्टर के अलावा बीईओ, प्रखंड साधनसेवी भी इसके जिम्मेवार होंगे। उन सभी के लिखाफ उ'चधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।

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