बिहार में एक ओर जहां इंटर की कॉपी जांच को शुरू हुए पांच दिन बीत चुके हैं वहीं अब तक बड़ी संख्या में परीक्षकों ने योगदान भी नहीं दिया है। मामला मुजफ्फरपुर जिले का है जहां लगभग 200 शिक्षकों ने अभी तक मूल्यांकन में योगदान नहीं दिया है। ऐसे में बिहार बोर्ड के तय समय पर रिजल्ट देने की घोषणा पर संदेह होने लगा है। दरअसल जब मंगलवार को मुजफ्फरपुर डीईओ ने जब मूल्यांकन केन्द्रों का निरीक्षण किया तो यह मामला सामने आया।
योगदान नहीं देने वाले परीक्षक अलग-अलग कॉलेज के हैं। विभिन्न विषयों के परीक्षकों के योगदान नहीं देने के कारण इन विषयों की कॉपी जांच लटकी हुई है। इस पर डीईओ ने इन कॉलेज के प्राचार्य को 24 घंटे में संबंधित परीक्षकों को अपने मूल्यांकन केन्द्र पर योगदान कराने के लिए पत्र लिखा है। इससे जिले के दो सौ से अधिक परीक्षकों पर प्राथमिकी का शिकंजा कस गया है। 14 कॉलेज के शिक्षक कार्रवाई के घेरे में हैं।
मामले को लेकर डीईओ अब्दुसलाम अंसारी ने कहा कि विभिन्न मूल्यांकन केन्द्रों पर जांच में यह बात सामने आयी कि इन कॉलेज के परीक्षकों ने योगदान ही नहीं दिया है। इनके योगदान नहीं देने के कारण कई विषय की कॉपी जांच शुरू भी नहीं हो सकी है। बोर्ड को इस संबंध में सूचना दे दी गई है। बोर्ड की ओर से ही इन परीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। डीईओ ने कहा कि बोर्ड के निर्देशानुसार परीक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत इनपर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
इन कॉलेज के प्राचार्य को भेजा गया पत्र :
एलएस कॉलेज, आरडीएस कॉलेज, आरबीबीएम कॉलेज, रामेश्वर कॉलेज, नीतीश्वर
कॉलेज, एमडीडीएम कॉलेज, राम मनोहर लोहिया स्मारक कॉलेज, एमएसकेबी कॉलेज,
जीवछ कॉलेज, पं. यमुना कार्जी जयंती कॉलेज, आरएलएसवाई कॉलेज, एसएन सहाय
कॉलेज, भीएनएस कॉलेज, बीएनएसएसएन इंटर कॉलेज।
मूल्यांकन केन्द्रों पर स्थिति:
बीबी कॉलेजिएट : फिजिक्स में 68 में 46, साइकोलॉजी में 74 में 47 परीक्षक ने ही योगदान दिया
मुखर्जी सेमिनरी : 48 में से 33 ने ही योगदान दिया
जिला स्कूल : भूगोल में 84 में 72 ने दिया योगदान
चैपमैन गर्ल्स स्कूल : इंग्लिश में 71 में से 51 ने योगदान दिया
मारवाड़ी स्कूल : केमेस्ट्री में 68 में से 46, बायो में 30 में से 19, पॉलिटकल साइंस में 71 में से 61, अर्थशास्त्र में 21 में से 16 परीक्षक ही अब तक आए हैं।