शिक्षण के क्षेत्र में कॅरियर बनाने वाले लोगों के लिए राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद(एनसीटीई) ने इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) के
नाम से एक नया कोर्स लांच किया है।
इसके लिए आवेदन 3 दिसंबर से शुरु होगा। इस कोर्स को करने के बाद टीचिंग के क्षेत्र में जाने वाले लोगों को अलग से बीएड या डीएलएड करने की जरूरत नहीं होगी। यदि उसने यह चार वर्ष का कोर्स कर लिया है। तब भी वह प्राइमरी से लेकर सेकेंडरी स्तर तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ा सकेगा। हाल ही में यह नोटिफिकेशन एनटीएसई ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है। इसके हिसाब से जिस उम्मीदवार ने यह कोर्स किया है, उसके लिए टीईटी, एसटीईटी या स्टेट लेवल के अन्य टेस्ट देकर शिक्षक बनने का रास्ता मिल जाएगा। इससे खासतौर पर उन लोगों को फायदा मिलेगा, जो बीएड में प्रवेश के लिए किसी कारणवश इस साल आवेदन नहीं कर पाए हैं। बता दें कि इस कोर्स की संबद्धता कॉलेजों को सत्र 2019-20 से मिलेगी।
अलग-अलग कोर्स नहीं करने पड़ेंगे
इस एक कोर्स के लांच हो जाने से अब अभ्यर्थियों को अलग-अलग कोर्स नहीं करने पड़ेंगे। इस कोर्स के जरिए ही वे शिक्षक बन जाएंगे और बच्चों को पढ़ा सकेंगे। इसके पहले अभी तक लोगों को प्राइमरी स्तर तक की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए डीएलएड करना अनिवार्य था। वहीं उन्हें अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक के स्कूलों में पढ़ाने के लिए बीएड की पढ़ाई करनी पड़ती थी। साथ ही कई लोग बीटीसी व डिप्लोमा भी करते थे। इसके आधार पर उनकी योग्यता तय होती थी।
2 तरह के कोर्स किए जाएंगे लांच
इस प्रोग्राम के तहत 2 तरह के कोर्स लांच किए जाएंगे। जिसमें एक आईटीईपी प्री-प्राइमरी से प्राइमरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा, जबकि दूसरा आईटीईपी कोर्स अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए होगा। दोनों ही कोर्स की अवधि चार वर्ष की होगी और इनमें 12वीं के बाद एडमिशन होगा। इस कोर्स के लिए ग्रेजुएशन की जरूरत नहीं होगी। आईटीईपी के लिए एक कॉलेज में 50 सीटें दी जाएंगी। सत्र 2019-23 के लिए आईटीईपी कोर्स संचालित करने के इच्छुक शिक्षण संस्थानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।
इसके लिए आवेदन 3 दिसंबर से शुरु होगा। इस कोर्स को करने के बाद टीचिंग के क्षेत्र में जाने वाले लोगों को अलग से बीएड या डीएलएड करने की जरूरत नहीं होगी। यदि उसने यह चार वर्ष का कोर्स कर लिया है। तब भी वह प्राइमरी से लेकर सेकेंडरी स्तर तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ा सकेगा। हाल ही में यह नोटिफिकेशन एनटीएसई ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है। इसके हिसाब से जिस उम्मीदवार ने यह कोर्स किया है, उसके लिए टीईटी, एसटीईटी या स्टेट लेवल के अन्य टेस्ट देकर शिक्षक बनने का रास्ता मिल जाएगा। इससे खासतौर पर उन लोगों को फायदा मिलेगा, जो बीएड में प्रवेश के लिए किसी कारणवश इस साल आवेदन नहीं कर पाए हैं। बता दें कि इस कोर्स की संबद्धता कॉलेजों को सत्र 2019-20 से मिलेगी।
अलग-अलग कोर्स नहीं करने पड़ेंगे
इस एक कोर्स के लांच हो जाने से अब अभ्यर्थियों को अलग-अलग कोर्स नहीं करने पड़ेंगे। इस कोर्स के जरिए ही वे शिक्षक बन जाएंगे और बच्चों को पढ़ा सकेंगे। इसके पहले अभी तक लोगों को प्राइमरी स्तर तक की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए डीएलएड करना अनिवार्य था। वहीं उन्हें अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक के स्कूलों में पढ़ाने के लिए बीएड की पढ़ाई करनी पड़ती थी। साथ ही कई लोग बीटीसी व डिप्लोमा भी करते थे। इसके आधार पर उनकी योग्यता तय होती थी।
2 तरह के कोर्स किए जाएंगे लांच
इस प्रोग्राम के तहत 2 तरह के कोर्स लांच किए जाएंगे। जिसमें एक आईटीईपी प्री-प्राइमरी से प्राइमरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा, जबकि दूसरा आईटीईपी कोर्स अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए होगा। दोनों ही कोर्स की अवधि चार वर्ष की होगी और इनमें 12वीं के बाद एडमिशन होगा। इस कोर्स के लिए ग्रेजुएशन की जरूरत नहीं होगी। आईटीईपी के लिए एक कॉलेज में 50 सीटें दी जाएंगी। सत्र 2019-23 के लिए आईटीईपी कोर्स संचालित करने के इच्छुक शिक्षण संस्थानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।