तीन दशकों से बिना वेतन के काम कर रहे वित्तरहित कॉलेजों के शिक्षकों की
सेवा नियमितिकरण की प्रक्रिया तेज कर दी गयी है। बीएन मंडल विश्वविद्यालय
प्रशासन ने कॉलेजों से जमा हुए कागजातों की समीक्षा कर विवाद रहित 14
कॉलेजों की संचिका राज्य सरकार को समर्पित कर दी है। बीएनएमयू में कुल 30
अनुदानित कॉलेज हैं जिसमें एक लॉ कॉलेज शामिल है।
विवि प्रशासन ने
विवादरहित 14 कॉलेज के शिक्षकों की सेवा नियमितिकरण की जांच कर सरकार को
भेज दिया दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दस कॉलेजों से शिक्षकों ने
विवि में आपत्ति दर्ज करायी है। जबकि पांच कॉलेजों ने पूरी कागजात जमा नहीं
किया है।
ऐसे कॉलेजों से विवि प्रशासन ने 10 मार्च तक जबाव मांगा
है। जबाव मिलने के बाद 15 मार्च तक कागजता सरकार को भेजने की तिथि
निर्धारित की गयी है। कुलसचिव डॉ. नरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार से
प्राप्त फॉमेट के अनुसार डॉक्यूमेंट सरकार को भेजा गया है। उन्होंने बताया
कि कई कॉलेजों ने पिछले अनुदान रराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी जमा नहीं
किया है। उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कॉलेजों को पत्र लिखा गया
है।
सेवा नियमितिकरण को लेकर वित्तरहित कॉलेज के शिक्षक और
शिक्षकेत्तर कर्मचारी लगभग दो दशकों से आंदोलन कर रहे हैं। अनुदानित कॉलेज
के शिक्षक नेता डॉ. अशोक कुमार, डॉ. माधवेंद्र झा सहित संगठन के अन्य
शिक्षक नेता लगातार आंदोलन कर रहे हैं। शिक्षक नेताओं ने कहा कि अनुदानित
कॉलेजों में चार सालों से अनुदान की राशि नहीं आने से शिक्षकों में भुखमरी
की नौबत आ गयी है।
इस कारण अनुदानित कॉलेज के शिक्षकों ने होली नहीं
मनाया। शिक्षक कोटे के विधान पार्षद डॉ. संजीव कुमार सिंह ने विधान परिषद
में भी आवाज बुलंद कर शिक्षकों की समस्या समाधान करने की मांग कर चुके हैं।
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