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SLP संख्या 20/2018 में गया ज़िला के सभी शिक्षक इसे मुख्य सचिव की समिति को अवश्य भेजें

गया ज़िला के सभी शिक्षक इसे मुख्य सचिव की समिति को अवश्य भेजें।
सेवा में,
मुख्य सचिव-सह-अध्यक्ष
विशेषज्ञ समिति बिहार सरकार पटना।

विषय:- RTE 2009 के निर्देशों के अनुरूप बहाल TET योग्यताधारी नियोजित शिक्षकों को सहायक शिक्षक के दर्जे के साथ साथ समान काम के बदले समान वेतन के उच्च न्यायालय के आदेश को मानते हुए मूल 9300 - 34800 का वेतनमान देने के सम्बंध में---
प्रसंग:---सर्वोच्च न्यायालय में दायर SLP संख्या 20/2018 में माननीय न्यायालय द्वारा 29/01/2018 को दिए गए आदेश के आलोक में।
महोदय,
उपर्युक्त प्रसंगाधीन विषय के संदर्भ में विन्दुवार अंकित करना है कि:-
1- यह कि बिहार सरकार ने SLP संख्या 20/2018 में सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना की है कि सभी नियोजित शिक्षकों के पास शिक्षक बनने की योग्यता एवं अहर्ता नही है इसलिए सरकार सबको समान वेतन नही दे सकती।
ऐसी परिस्थिति में महोदय से निवेदन है कि जिनकी योग्यता और अहर्ता पर सरकार ने सवाल खड़े किए हैं उनलोगों की वजह से योग्यता और अहर्ता रखने वाले नियोजित शिक्षकों को समान वेतन से अलग रखना अनुचित, असंवैधानिक, एवम गैरकानूनी होगा।
2-यह कि TET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की बहाली 11 महीने के कॉन्ट्रैक्ट पर 2003 में शिक्षामित्र के पद पर नही हुई थी बल्कि TET उत्तीर्ण शिक्षक बिहार पंचायत प्रारम्भिक शिक्षक नियमावली 2012 के आलोक में 2012 के बाद सीधे नियोजित शिक्षक के पद पर ही नियोजित किये गए हैं ।
3- यह कि TET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक RTE 2009 के निर्देशों के आलोक में NCTE द्वारा बनाये गए शिक्षको की नियुक्ति की नई अहर्ता "TET उत्तीर्ण होना आवश्यक" का अनुपालन करते हुए बहाल किये गए हैं ।
4- यह कि TET उत्तीर्ण सभी शिक्षकों की अहर्ता एवम योग्यता पर कोई प्रश्नचिन्ह खड़ा ही नही होता। जहां तक उनमे से कई के अप्रशिक्षित होने का सवाल है तो उनकी बहाली अप्रशिक्षित के रूप में भारत के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना संख्या 215 में NCTE द्वारा अधिसूचित न्यूनतम अध्यापक योग्यता मानदण्डों के सम्बन्ध में केंद्र सरकार द्वारा बिहार सरकार को दी गयी छूट के आलोक में हुई थी।
5- यह कि TET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की कुल संख्या केवल एक लाख के लगभग ही है।
6- यह कि TET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को सहायक शिक्षक का मूल वेतन देने में बिहार के राजकोष पर सिर्फ 1000 करोड़ रुपये(बिहार सरकार का अंश) का ही अतिरिक्त व्यय का बोझ आएगा जो किसी भी कल्याणकारी राज्य के हितों के लिए बाधक नही माना जाता।
7- यह कि बिहार के पड़ोसी झारखण्ड, उत्तरप्रदेश एवम देश के अन्य राज्यों में भी TET उत्तीर्ण आवेदनकर्ताओं को नियमित सहायक शिक्षक के पद पर बहाल करते हुए पूर्ण वेतनमान दिया जा रहा है।
8- यह कि जो लोग योग्य हैं और शिक्षक बनने की पूरी योग्यता एवम अहर्ता रखते हैं उनके साथ अन्याय करते हुए उनको पूर्ण वेतनमान एवम प्रासंगिक पद से वंचित रखना उनके कार्यक्षमता एवम उनकी मनोदशा को बुरी तरह प्रभावित करती है जिससे कि कार्यों की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
9- यह कि नियमित सहायक शिक्षको के समान ही समान योग्यता, समान काम,समान जिम्मेदारी और समान कार्य घण्टे की जिम्मेदारी को निभाने वाले TET शिक्षको को समान वेतनमान न देना न सिर्फ भारतीय संविधान में प्रदत्त समानता के अधिकारों का भी हनन है बल्कि ऐसा करके आर्टिकल 14,16,एवम 21(A) की धज्जी उड़ाते हुए संवैधानिक मूल्यों के साथ साथ नैतिक एवम मानवीय मूल्यों की भी धज्जी उड़ाई जा रही है।
अतः उपरोक्त तथ्यों के आलोक में महोदय से निवेदन है कि बिहार पंचायत प्रारम्भिक शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 के आलोक में 2012 या उसके बाद से बिहार में नियोजित सभी TET उतीर्ण नियोजित शिक्षकों को अविलम्ब सहायक शिक्षक मानते हुए पूर्ण 9300-34800 का वेतनमान देने की अनुशंसा कर बिहार के शिक्षकों के बीच पसरी असंवैधानिक असमानता को दूर करते हुए एक कल्याणकारी राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उन्नति हेतु अपना योगदान सुनिश्चित करें।
समीर सारस्वत
TET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक, ज़िला गया।

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