बिहारबोर्ड की ओर से नवंबर में होने वाली कंपार्टमेंटल परीक्षा कदाचारमुक्त और कड़ी सुरक्षा में होगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने सभी जिलों के एसपी, डीएम और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के लिए केंद्राधीक्षक जिम्मेदार होंगे।
परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगी और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। परीक्षा केंद्र पर मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। छात्र परीक्षा से जुड़े कागजात के अलावा कुछ भी केंद्र पर नहीं ले जा पाएंगे। परीक्षार्थियों के अलावा केंद्र पर किसी और को जाने की इजाजत नहीं होगी। ज्ञात हो कि 10 से 12 नवंबर तक मैट्रिक 12 नवंबर से इंटर कंपार्टमेंटल परीक्षा होगी। मैट्रिक में एक लाख 62 हजार 501 छात्र बैठेंगे, जबकि इंटर में 43 हजार 125 छात्र शामिल होंगे।
{परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र देने के तुरंत बाद बचे हुए प्रश्नपत्रों को एकत्रित कर उसकी वास्तविक संख्या दर्ज करते हुए सील कर दें, ताकि दुरुपयोग हो।
{यदि किसी केंद्र पर कदाचार या अन्य कारण से पूरी पाली की परीक्षा रद्द हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में जिला पदाधिकारी अपने स्तर से जांच के बाद दायित्व निर्धारित करेंगे कि किस स्तर लापरवाही हुई।
{परीक्षा केंद्र पर हुए कदाचार के मामले में निरीक्षण करनेवाले पदाधिकारी समय पर सूचना देंगे। इस बाबत किसी प्रकार की शिथिलता गंभीरता से ली जाएगी।
{प्रवेशपत्र के अनुसार छात्र-छात्राओं का विवरण उत्तरपुस्तिका के मुख्य पृष्ठ पर ओएमआर प्रपत्र में भरा जाएगा। ओएमआर प्रपत्र पर विवरण अंकित करने के लिए मुख्य पृष्ठ को दो भागों में बांटा गया है।
{केंद्राधीक्षक हर दिन परीक्षा केंद्र परिसर की सफाई कराएंगे, ताकि किसी तरह का चिट-पुर्जा परिसर में रहे। परीक्षा कक्ष के श्यामपट्ट पर विषयों के बारे में कुछ भी नहीं लिखा रहे।
हर चार केंद्र पर रहेगा एक गश्ती दल
परीक्षाके दौरान हर 4 केंद्र पर एक गश्ती दल की तैनाती होगी। इसमें जिले के आरक्षी अधीक्षक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी एवं अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी की बैठक बुलाकर स्टेटिक, गश्ती उड़नदस्ता दलों की प्रतिनियुक्त की जाएगी। परीक्षा के दौरान ये हर केंद्र पर घूमकर परीक्षा का निरीक्षण करेंगे। कदाचार में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी छात्र को तत्काल बर्खास्त कर दिया जाएगा। केंद्रों पर कदाचार की रोकथाम, शांति और विधि व्यवस्था सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी डीएम की होगी।
स्कूल का कर्मचारी भी नहीं ले जाएगा कोई कागजात
कदाचारकी आशंका को खत्म करने के लिए बिहार बोर्ड ने इस बार स्कूल के कर्मचारियों को भी परीक्षा के अलावा कोई कागजात लाने से मना कर दिया है। साथ ही परीक्षा में सरकारी कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया गया है। निजी मजदूरों या अन्य व्यक्तियों को पानी पिलाने के लिए भी नहीं रखा जाएगा।
बढ़िया रिकॉर्ड वाले स्कूलों के शिक्षक ही करेंगे गार्डिंग
परीक्षाकेंद्रों पर वैसे शिक्षकों को ही वीक्षक बनाया जाएगा, जिनका स्कूल का रिकॉर्ड बढ़िया होगा। बोर्ड अध्यक्ष ने डीईओ को कहा है कि केंद्र पर वीक्षक के तौर पर तैनात शिक्षकों की सूची पहले से ही केंद्राधीक्षक से अनुमोदित करा लें और इसकी एक कॉपी बोर्ड को भी भेज दें। जिस स्कूल की परीक्षा होगी, उसके शिक्षक वीक्षक के तौर पर तैनात नहीं किए जाएंगे। किसी भी परिस्थिति में गैर शिक्षक एवं अन्य किसी कर्मचारी को वीक्षण कार्य में नहीं लगाया जाएगा।
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परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगी और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। परीक्षा केंद्र पर मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। छात्र परीक्षा से जुड़े कागजात के अलावा कुछ भी केंद्र पर नहीं ले जा पाएंगे। परीक्षार्थियों के अलावा केंद्र पर किसी और को जाने की इजाजत नहीं होगी। ज्ञात हो कि 10 से 12 नवंबर तक मैट्रिक 12 नवंबर से इंटर कंपार्टमेंटल परीक्षा होगी। मैट्रिक में एक लाख 62 हजार 501 छात्र बैठेंगे, जबकि इंटर में 43 हजार 125 छात्र शामिल होंगे।
{परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र देने के तुरंत बाद बचे हुए प्रश्नपत्रों को एकत्रित कर उसकी वास्तविक संख्या दर्ज करते हुए सील कर दें, ताकि दुरुपयोग हो।
{यदि किसी केंद्र पर कदाचार या अन्य कारण से पूरी पाली की परीक्षा रद्द हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में जिला पदाधिकारी अपने स्तर से जांच के बाद दायित्व निर्धारित करेंगे कि किस स्तर लापरवाही हुई।
{परीक्षा केंद्र पर हुए कदाचार के मामले में निरीक्षण करनेवाले पदाधिकारी समय पर सूचना देंगे। इस बाबत किसी प्रकार की शिथिलता गंभीरता से ली जाएगी।
{प्रवेशपत्र के अनुसार छात्र-छात्राओं का विवरण उत्तरपुस्तिका के मुख्य पृष्ठ पर ओएमआर प्रपत्र में भरा जाएगा। ओएमआर प्रपत्र पर विवरण अंकित करने के लिए मुख्य पृष्ठ को दो भागों में बांटा गया है।
{केंद्राधीक्षक हर दिन परीक्षा केंद्र परिसर की सफाई कराएंगे, ताकि किसी तरह का चिट-पुर्जा परिसर में रहे। परीक्षा कक्ष के श्यामपट्ट पर विषयों के बारे में कुछ भी नहीं लिखा रहे।
हर चार केंद्र पर रहेगा एक गश्ती दल
परीक्षाके दौरान हर 4 केंद्र पर एक गश्ती दल की तैनाती होगी। इसमें जिले के आरक्षी अधीक्षक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी एवं अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी की बैठक बुलाकर स्टेटिक, गश्ती उड़नदस्ता दलों की प्रतिनियुक्त की जाएगी। परीक्षा के दौरान ये हर केंद्र पर घूमकर परीक्षा का निरीक्षण करेंगे। कदाचार में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी छात्र को तत्काल बर्खास्त कर दिया जाएगा। केंद्रों पर कदाचार की रोकथाम, शांति और विधि व्यवस्था सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी डीएम की होगी।
स्कूल का कर्मचारी भी नहीं ले जाएगा कोई कागजात
कदाचारकी आशंका को खत्म करने के लिए बिहार बोर्ड ने इस बार स्कूल के कर्मचारियों को भी परीक्षा के अलावा कोई कागजात लाने से मना कर दिया है। साथ ही परीक्षा में सरकारी कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया गया है। निजी मजदूरों या अन्य व्यक्तियों को पानी पिलाने के लिए भी नहीं रखा जाएगा।
बढ़िया रिकॉर्ड वाले स्कूलों के शिक्षक ही करेंगे गार्डिंग
परीक्षाकेंद्रों पर वैसे शिक्षकों को ही वीक्षक बनाया जाएगा, जिनका स्कूल का रिकॉर्ड बढ़िया होगा। बोर्ड अध्यक्ष ने डीईओ को कहा है कि केंद्र पर वीक्षक के तौर पर तैनात शिक्षकों की सूची पहले से ही केंद्राधीक्षक से अनुमोदित करा लें और इसकी एक कॉपी बोर्ड को भी भेज दें। जिस स्कूल की परीक्षा होगी, उसके शिक्षक वीक्षक के तौर पर तैनात नहीं किए जाएंगे। किसी भी परिस्थिति में गैर शिक्षक एवं अन्य किसी कर्मचारी को वीक्षण कार्य में नहीं लगाया जाएगा।
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