वैशाली। वैशाली जिले में प्राथमिक से लेकर इंटर स्तर तक के विद्यालयों
में शिक्षकों की घोर कमी है। जानकारी के अनुसार वैशाली जिले में प्राथमिक
विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 1 लाख 67 हजार 6 सौ 99
है जबकि शिक्षकों की संख्या मात्र 2 हजार 7 सौ 73 है।
सरकारी नियमानुसार शिक्षक एवं छात्रों का अनुपात 40 :1 निर्धारित है। इसके मुताबिक प्राथमिक स्तर पर 1 हजार 4 सौ 20 शिक्षकों की कमी है।
इसी प्रकार सरकारी स्तर पर मध्य विद्यालयों में नामांकित 4 लाख 29 हजार 2 सौ 22 छात्राओं के लिए 10 हजार 7 सौ 31 शिक्षकों की जगह मात्र 5 हजार 6 सौ 40 शिक्षक उपलब्ध है। यहां भी लगभग 5 हजार 91 शिक्षकों की कमी है। हाईस्कूल में नामांकित 1 लाख 6 हजार 1 सौ 26 छात्र-छात्राओं के लिए जरूरत 2 हजार 654 शिक्षकों की है जबकि मात्र 8 सौ 99 ही शिक्षक उपलब्ध हैं। इंटर में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 10 हजार 3 सौ 39 है जबकि शिक्षकों की संख्या 2 सौ 89 है। यही हाल उत्क्रमित माध्यमिक एवं बुनियादी विद्यालयों की भी है। यहां भी शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं का अनुपात आवश्यकता से बहुत ही कम है। उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 12 हजार 3 सौ 33 है जबकि शिक्षकों की संख्या महज 1 सौ 75 है। यहां भी लगभग 1 सौ 34 शिक्षकों की कमी है। इसके अलावा बुनियादी विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 9 हजार 1 सौ 86 है जबकि शिक्षकों की संख्या महज 2 सौ 10 है। यहां भी 20 शिक्षकों की कमी है
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सरकारी नियमानुसार शिक्षक एवं छात्रों का अनुपात 40 :1 निर्धारित है। इसके मुताबिक प्राथमिक स्तर पर 1 हजार 4 सौ 20 शिक्षकों की कमी है।
इसी प्रकार सरकारी स्तर पर मध्य विद्यालयों में नामांकित 4 लाख 29 हजार 2 सौ 22 छात्राओं के लिए 10 हजार 7 सौ 31 शिक्षकों की जगह मात्र 5 हजार 6 सौ 40 शिक्षक उपलब्ध है। यहां भी लगभग 5 हजार 91 शिक्षकों की कमी है। हाईस्कूल में नामांकित 1 लाख 6 हजार 1 सौ 26 छात्र-छात्राओं के लिए जरूरत 2 हजार 654 शिक्षकों की है जबकि मात्र 8 सौ 99 ही शिक्षक उपलब्ध हैं। इंटर में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 10 हजार 3 सौ 39 है जबकि शिक्षकों की संख्या 2 सौ 89 है। यही हाल उत्क्रमित माध्यमिक एवं बुनियादी विद्यालयों की भी है। यहां भी शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं का अनुपात आवश्यकता से बहुत ही कम है। उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 12 हजार 3 सौ 33 है जबकि शिक्षकों की संख्या महज 1 सौ 75 है। यहां भी लगभग 1 सौ 34 शिक्षकों की कमी है। इसके अलावा बुनियादी विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 9 हजार 1 सौ 86 है जबकि शिक्षकों की संख्या महज 2 सौ 10 है। यहां भी 20 शिक्षकों की कमी है
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