जहानाबाद। सरकार द्वारा शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय भवनों का निर्माण कर शौचालय से लेकर पेयजल की व्यवस्था तो की जा रही है। लेकिन उसे सही ढंग से संचालित कराने के लिए प्रधानाध्यापक नहीं है। प्रधानाध्यापक के नहीं रहने के कारण प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा दूसरे विद्यालयों के हेडमास्टर से कई जरुरी कार्यो का निष्पादन कराना पड़ता है।
शिक्षा विभाग सूत्रों के अनुसार पहले प्रत्येक साल वरीय शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के रूप में प्रोन्नति दी जाती थी लेकिन वर्ष 2005 से इसे बंद कर दिया गया है।
बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा भी वर्ष 2005 तथा 2007 में रिक्ति निकाली गई थी ताकि प्रधानाध्यापकों के खाली पड़े पदों को भरा जा सके। इस रिक्ति के विरुद्ध वर्ष 2014 में जिले में पांच हेडमास्टर बनाए गए। इनमें से दो सेवानिवृत हो गए हैं। सूत्र बताते हैं कि इस जिले में 39 राजकीयकृत, तीन प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय तथा एक अल्पसंख्यक हाई स्कूल है।
जहानाबाद प्रखंड के 12 हाई स्कूल में मात्र राज्य संपोषित कन्या उच्च विद्यालय, गांधी स्मारक इंटर उच्च विद्यालय, गौतम बुद्ध उच्च विद्यालय के अलावा सिकरिया तथा पंडूई उच्च विद्यालय में ही हेडमास्टर हैं। शेष विद्यालयों का संचालन प्रभारी द्वारा किया जा रहा है। रतनी फरीदपुर प्रखंड के पांच हाई स्कूल में मात्र नेहालपुर में प्रधानाध्यापक हैं। इसी प्रकार मखदुमपुर प्रखंड के 11 हाई स्कूल में मात्र टेहटा में ही प्रधानाध्यापक हैं। वे भी जुलाई महीने में सेवानिवृत होने वाले हैं।
घोसी प्रखंड के पांच हाई स्कूल में मात्र घोसी तथा काको प्रखंड के भी पांच हाई स्कूल में मात्र हाटी में ही प्रधानाध्यापक हैं। मोदनगंज प्रखंड की हालत भी इसी प्रकार की है। यहां पांच हाई स्कूल में मात्र बंधुगंज में ही प्रधानाध्यापक हैं। हुलासगंज के तीन हाई स्कूल में मात्र हुलासगंज में ही प्रधानाध्यापक हैं।
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