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शिक्षकों का फर्जीवाड़ा, डिग्री ही नहीं संस्थान भी हैं फर्जी

पटना। राजधानी में नियोजित शिक्षकों की जांच में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा पाया गया है। इस क्रम में शिक्षकों की डिग्री ही नहीं संस्थान भी फर्जी निकल रहे हैं। एक दर्जन से अधिक ऐसे शिक्षकों के मामले उजागर हुए हैं, जिन्होंने ऐसे संस्थान से डिग्री ली जिनका कोई अता-पता नहीं है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ऐसे शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी में है।

जानकारी के अनुसार रोहतास जिले में 11 शिक्षकों की डिग्री ऐसी है जिनके शिक्षण संस्थान का कोई अता-पता नहीं है। ये सभी शिक्षक माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक के हैं। इन शिक्षकों ने नई दिल्ली के बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजुकेशन से डिग्री ली थी। निगरानी जांच टीम ने जब नई दिल्ली गई तो पता चला कि इस नाम का कोई शिक्षण संस्थान नहीं है।
निगरानी ब्यूरो पूरी तहकीकात करने के बाद इन शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगा। निगरानी ब्यूरो को सूचना मिली है कि जिन शिक्षकों की डिग्री फर्जी निकली है उन्होंने एमनेस्टी के तहत पूर्व में ही शिक्षा विभाग को त्यागपत्र सौंप दिया है। यानी पटना हाईकोर्ट के आदेश के तहत इन शिक्षकों को निर्धारित समय सीमा के अंदर त्यागपत्र देना था। ब्यूरो का मानना है कि अगर इन शिक्षकों ने एमनेस्टी के तहत त्यागपत्र नहीं दिया होगा तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी वरना कोई कानून कार्रवाई नहीं की जाएगी।
निगरानी ब्यूरो ने रोहतास जिलेके निगरानी इंस्पेक्टर व जिला शिक्षा विभाग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। इधर सीवान के पंजवास रघुनाथपुर प्रोजेक्ट कन्या उच्चतर विद्यालय के शिक्षक ओम प्रकाश प्रसाद की डिग्री भी फर्जी है और उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। ओमप्रकाश ने साहूजी महाराज विश्विद्यालय कानपुर से स्नातकोत्तर भौतिकी की डिग्री ली थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने निगरानी जांच टीम को सूचित किया है कि ओमप्रकाश का अंकपत्र फर्जी है।

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