नियोजन इकाइयों की पारदर्शिता पर सवाल : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates


अररिया: जिले में कार्यरत नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन का काम युद्ध स्तर पर जारी है. हर दिन फर्जीवाड़ा के कुछ नये मामले उजागर हो रहे हैं. इसके चलते जहां फर्जी प्रमाण पत्र पर कार्यरत शिक्षकों पर लगातार गाज गिर रहा है. वहीं इस प्रकरण में नियोजन इकाइयों की पारदर्शिता भी सवालों में आती दिख रही है.

उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षा विभाग के निर्देश के आलोक में जिले में प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच सह सत्यापन का काम जारी है. इसमें काफी संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र मिलने से शिक्षा विभाग आश्चर्यचकित है.

वहीं फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्त शिक्षकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. जिला शिक्षा कार्यालय में अब तक 3500 प्रमाण पत्रों के सत्यापन सह जांच में 2200 से अधिक प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये हैं. पंचायत नियोजन इकाई द्वारा नियोजित किये गये शिक्षकों के प्रमाणपत्र में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है. इसके बाद प्रखंड नियोजन इकाई का स्थान है. जिले में अब तक 31 शिक्षकों को बरखास्त किया जा चुका है. इसमें चार प्रखंड शिक्षक व शेष पंचायत शिक्षक हैं.
ज्ञात हो कि 2006 से ही पंचायत व प्रखंड नगर निकाय स्तर से शिक्षकों का नियोजन जारी है. 2008 तक नियोजन इकाई द्वारा शैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर ही नियोजन किया गया. 2012 से टीइटी प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजन की प्रक्रिया शुरू की गयी. जांच व सत्यापन से यह स्पष्ट हो गया कि प्रमाण पत्रों का फर्जीवाड़ा कर नियोजित होने का मामला पूर्व से ही जारी है. नियोजन इकाई ने बिना प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराये ही शिक्षकों का नियोजन किया.

उन्हें वेतन भी दिया गया, जबकि शिक्षक नियोजन नियमावली में स्पष्ट निर्देश है कि शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच व सत्यापन के बाद ही उनका नियोजन किया जाना है, अगर किसी कारण नियोजित किया भी जाता है तो प्रमाण पत्रों की जांच के बाद ही मानदेय का भुगतान किया जायेगा. पंचायत शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने से यह सवाल पैदा होता है कि क्यों नियोजन इकाई ने आनन-फानन में बिना प्रमाण पत्रों के सत्यापन के रेवड़ियों की तरह नियोजन पत्र बांट दिया. इसके अलावा जिला शिक्षा कार्यालय के स्तर से भी इसकी जांच नहीं की गयी. शिकायत मिली भी तो सभी मौन रहे. उच्च न्यायालय व शिक्षा विभाग के कड़े रुख के बाद जिला शिक्षा कार्यालय जब हरकत में आया तो काफी संख्या में प्रमाण पत्रों के फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने लगा है. इसके साथ ही अब बरखास्त शिक्षकों से राशि वसूली की भी एक बड़ी चुनौती अधिकारियों के समक्ष होगी.
  सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details

Recent Articles


teacher recruitment , primary teacher vacancy , samvida shikshak , shikshak bharti , shikshak shikshak , atithi shikshak , shikshak bharti 2019 , shikshak bharti news today , shikshak bharti application , pavitra portal shikshak bharti 2019 , shikshak bharti merit list , shikshak bharti qualification , prathmik shikshak bharti , sahayak adhyapak bharti 2019 , sahayak adhyapak bharti pariksha 2019 , sahayak adhyapak bharti news , sahayak adhyapak bharti latest news , 12460 sahayak adhyapak bharti counselling , sahayak adhyapak bharti news today