BSTSC सन्देश:>साथियों,ग्यारहवें वर्ष में नियोजन रुपी कलंक से मुक्ति का सुनहरा अवसर हमें मिला है। इस अवसर का लाभ हमें उठाना चाहिये। न्यायिक सन्घर्ष तथ्यगत( factual) होता है। यह नेताओं की थोथी दलीलों पर आधारित नही होता है।
वर्तमान न्यायिक सन्घर्ष(नियोजन नियमावली की वैधता एवं समान काम हेत्तु समान वेतन) में आप सभी आम शिक्षक शीर्ष पर हैं।क्योकि CWJC-21199/2013,BSTSC एवं उपेन्द्र राय ये तीनो बिल्कुल आम(General) हैं,जिसे किसी नियोजित शिक्षक को अपना/अपने समकक्ष मानने मे कोई संकोच नही होना चाहिये। प्रस्तुत न्यायिक सन्घर्ष/वाद की शुरुआत वर्ष 2013 मे मैने माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक के लिये की थी पर 28 जनवरी 2017 की सुनवाई के पश्चात यह संघर्ष सम्पूर्ण नियोजन नियमावली(2006-2017 के दौरान प्राथमिक से लेकर उच्चत्तर माध्यमिक मे होने वाली नियोजन प्रक्रिया) के विरुद्ध न्यायिक वैधता का स्वरुप ले चुका है। नियोजन नियमावली एवं समान काम हेत्तु समान वेतन से सम्बन्धित पटना हाईकोर्ट के अन्तर्गत दायर अधिकांश वाद CWJC-21199/2013 के साथ या तो अटैच हो गये हैं या अटैच होनेवाले हैं। यहां ध्यान देने की बात है कि सभी वाद CWJC-21199/2013 के साथ अटैच हो रहे हैं। अतः परिणाम(निर्णय) CWJC-21199/2013 के फलाफल पर निर्भर करेगा एवं लाभ सभी (attached/nonattached) नियोजित शिक्षकों को मिलेगा। वर्तमान परिद्रिष्य देखकर विस्मित हूँ कि परिणाम/निर्णय की चिन्ता छोडकर मिलनेवाले संभावित लाभ का फायदा दिलाने की घोषणा करने वाले नेताओं मे आगे निकलने की होड लगी हुई है। शिक्षक नेताओं को अपनी नेतागिरी चमकाने का सुनहरा अवसर मिल गया है। दो वर्ष पूर्व हुये महाआन्दोलन का बंटाधार करने वाले शिक्षक नेतागण अपनी वक्रद्रिष्टि द्वारा आंकलन करने में लगे हैं कि कैसे इस न्यायिक संघर्ष का भी बंटाधार कर सरकार से दलाली वसुली जाय। मिलाजुलाकर परिस्थिति विषम है। मेरे द्वारा बनायी गयी व्यूहरचना/न्यायिक संघर्ष(CWJC-21199/2013) द्वारा प्राप्त सुखद परिणाम कम से कम प्रति नियोजित शिक्षक 30000-35000 -/ प्रति माह वेतन व्रिद्धि के साथ सहायक शिक्षक का दर्जा प्राप्त होने की संभावना है। यह लाभ सभी नियोजित शिक्षकों को मिलेगा। इतना बडा आर्थिक लाभ एंव सम्मान आप निष्क्रिय रुप से नही ले सकते। किसी संघ का बैनर एंव नेताओं की नेतागिरी भी आपको यह नही दिला सकती। इसके लिये सभी नियोजित शिक्षकों को अपनी योग्यता एंव क्षमता के अनुसार सक्रिय होकर उपयुक्त न्यायिक संघर्ष में हर संभव योगदान देना होगा। प्रस्तुत न्यायिक संघर्ष(CWJC-21199/2013 एंव अन्य वाद) मे सफलता अर्जित करने के लिये एक Coordination Committee for Legal Struggle(न्यायिक संघर्ष के लिये समन्वित समिति) CCLS आवश्यक है। विभिन्न स्तरों(प्रखंड,अनुमंडल,जिला,प्रमंडल एंव राज्य) के वैसे सक्रिय,योग्य एंव दक्ष नियोजित शिक्षक जो असंसंवैधानिक शोषण महसूस कर रहे हैं वे सभी अपने-अपने स्तर पर CCLS (Primary to Higher Secondary) बनाकर प्रस्तुत न्यायिक संघर्ष की सफलता हेत्तु अपना योगदान सुनिश्चित करें। क्योकि इस न्यायिक संघर्ष की सफलता या असफलता हम सभी नियोजित शिक्षको की सक्रियता पर ही निर्भर करेगी। CCLS की संरचनात्मकता तथा न्यायिक संघर्ष की सफलता हेत्तु योगदान के लिये माँ सरस्वती के वरद् पुत्रों एंव प्रबुद्ध नियोजित हनुमंत गणों:-डा.सुरेन्द्र प्रसाद यादव, प्रभात रंजन,अमलेस कुमार,संजीव पोद्यार,प्रीतम कुमार,शिवनारायण पाल,जयप्रकाश नारायण,विजय शंकर त्रिपाठी,वीरेन्द्र राय,श्रीमती लक्ष्मीं कुमारी,वंशीधर ब्रजवासी,प्रवीन कुमार,संतोष श्रीवास्तव,आसुतोष अमित,अभिषेक कुमार भारतीय,ओम प्रकाश 'ओम',अरुण क्रान्ति कुसवाहा,शशिधर कुमार,पंकज यादव,श्रीमती माला मालांशी,संजीव कुमार,............................................................................................................................................................................आदी सभी ज्ञात एंव अज्ञात से निवेदन है कि वे अपनी योग्यता एंव क्षमता का प्रयोग अनिवार्य रुप से करें! शिक्षक पद की गरिमा तथा मान सम्मान के साथ ही साथ समग्र समाज के बौद्धिक कल्याण हेत्तु उपर्युक्त न्यायिक संघर्ष मे सफलता अपेक्षित है। अतः हम सबको इस निमित्त अपना सम्पूर्ण दमखम लगा देना चाहिये। इस संघर्ष मे सफलता हेत्तु महान शिक्षक/दार्शनिक चाणक्य के व्यक्तित्व को हमें अपना आधार स्तम्भ बनाना चाहिये। ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वतीं के पूजन के अवसर पर माँ सरस्वतीं से करबद्ध प्रार्थना है कि वे अपने वरद्पुत्रों(नियोजित शिक्षकों) मे अन्तर्निहित निष्क्रियता रुपी अज्ञानता को मिटाकर न्यायिक संघर्ष में सफलता हेत्तु आवश्यक दिव्य ज्ञान ज्योति उत्पन्न करें! निवेदक:-उपेन्द्र राय !
वर्तमान न्यायिक सन्घर्ष(नियोजन नियमावली की वैधता एवं समान काम हेत्तु समान वेतन) में आप सभी आम शिक्षक शीर्ष पर हैं।क्योकि CWJC-21199/2013,BSTSC एवं उपेन्द्र राय ये तीनो बिल्कुल आम(General) हैं,जिसे किसी नियोजित शिक्षक को अपना/अपने समकक्ष मानने मे कोई संकोच नही होना चाहिये। प्रस्तुत न्यायिक सन्घर्ष/वाद की शुरुआत वर्ष 2013 मे मैने माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक के लिये की थी पर 28 जनवरी 2017 की सुनवाई के पश्चात यह संघर्ष सम्पूर्ण नियोजन नियमावली(2006-2017 के दौरान प्राथमिक से लेकर उच्चत्तर माध्यमिक मे होने वाली नियोजन प्रक्रिया) के विरुद्ध न्यायिक वैधता का स्वरुप ले चुका है। नियोजन नियमावली एवं समान काम हेत्तु समान वेतन से सम्बन्धित पटना हाईकोर्ट के अन्तर्गत दायर अधिकांश वाद CWJC-21199/2013 के साथ या तो अटैच हो गये हैं या अटैच होनेवाले हैं। यहां ध्यान देने की बात है कि सभी वाद CWJC-21199/2013 के साथ अटैच हो रहे हैं। अतः परिणाम(निर्णय) CWJC-21199/2013 के फलाफल पर निर्भर करेगा एवं लाभ सभी (attached/nonattached) नियोजित शिक्षकों को मिलेगा। वर्तमान परिद्रिष्य देखकर विस्मित हूँ कि परिणाम/निर्णय की चिन्ता छोडकर मिलनेवाले संभावित लाभ का फायदा दिलाने की घोषणा करने वाले नेताओं मे आगे निकलने की होड लगी हुई है। शिक्षक नेताओं को अपनी नेतागिरी चमकाने का सुनहरा अवसर मिल गया है। दो वर्ष पूर्व हुये महाआन्दोलन का बंटाधार करने वाले शिक्षक नेतागण अपनी वक्रद्रिष्टि द्वारा आंकलन करने में लगे हैं कि कैसे इस न्यायिक संघर्ष का भी बंटाधार कर सरकार से दलाली वसुली जाय। मिलाजुलाकर परिस्थिति विषम है। मेरे द्वारा बनायी गयी व्यूहरचना/न्यायिक संघर्ष(CWJC-21199/2013) द्वारा प्राप्त सुखद परिणाम कम से कम प्रति नियोजित शिक्षक 30000-35000 -/ प्रति माह वेतन व्रिद्धि के साथ सहायक शिक्षक का दर्जा प्राप्त होने की संभावना है। यह लाभ सभी नियोजित शिक्षकों को मिलेगा। इतना बडा आर्थिक लाभ एंव सम्मान आप निष्क्रिय रुप से नही ले सकते। किसी संघ का बैनर एंव नेताओं की नेतागिरी भी आपको यह नही दिला सकती। इसके लिये सभी नियोजित शिक्षकों को अपनी योग्यता एंव क्षमता के अनुसार सक्रिय होकर उपयुक्त न्यायिक संघर्ष में हर संभव योगदान देना होगा। प्रस्तुत न्यायिक संघर्ष(CWJC-21199/2013 एंव अन्य वाद) मे सफलता अर्जित करने के लिये एक Coordination Committee for Legal Struggle(न्यायिक संघर्ष के लिये समन्वित समिति) CCLS आवश्यक है। विभिन्न स्तरों(प्रखंड,अनुमंडल,जिला,प्रमंडल एंव राज्य) के वैसे सक्रिय,योग्य एंव दक्ष नियोजित शिक्षक जो असंसंवैधानिक शोषण महसूस कर रहे हैं वे सभी अपने-अपने स्तर पर CCLS (Primary to Higher Secondary) बनाकर प्रस्तुत न्यायिक संघर्ष की सफलता हेत्तु अपना योगदान सुनिश्चित करें। क्योकि इस न्यायिक संघर्ष की सफलता या असफलता हम सभी नियोजित शिक्षको की सक्रियता पर ही निर्भर करेगी। CCLS की संरचनात्मकता तथा न्यायिक संघर्ष की सफलता हेत्तु योगदान के लिये माँ सरस्वती के वरद् पुत्रों एंव प्रबुद्ध नियोजित हनुमंत गणों:-डा.सुरेन्द्र प्रसाद यादव, प्रभात रंजन,अमलेस कुमार,संजीव पोद्यार,प्रीतम कुमार,शिवनारायण पाल,जयप्रकाश नारायण,विजय शंकर त्रिपाठी,वीरेन्द्र राय,श्रीमती लक्ष्मीं कुमारी,वंशीधर ब्रजवासी,प्रवीन कुमार,संतोष श्रीवास्तव,आसुतोष अमित,अभिषेक कुमार भारतीय,ओम प्रकाश 'ओम',अरुण क्रान्ति कुसवाहा,शशिधर कुमार,पंकज यादव,श्रीमती माला मालांशी,संजीव कुमार,............................................................................................................................................................................आदी सभी ज्ञात एंव अज्ञात से निवेदन है कि वे अपनी योग्यता एंव क्षमता का प्रयोग अनिवार्य रुप से करें! शिक्षक पद की गरिमा तथा मान सम्मान के साथ ही साथ समग्र समाज के बौद्धिक कल्याण हेत्तु उपर्युक्त न्यायिक संघर्ष मे सफलता अपेक्षित है। अतः हम सबको इस निमित्त अपना सम्पूर्ण दमखम लगा देना चाहिये। इस संघर्ष मे सफलता हेत्तु महान शिक्षक/दार्शनिक चाणक्य के व्यक्तित्व को हमें अपना आधार स्तम्भ बनाना चाहिये। ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वतीं के पूजन के अवसर पर माँ सरस्वतीं से करबद्ध प्रार्थना है कि वे अपने वरद्पुत्रों(नियोजित शिक्षकों) मे अन्तर्निहित निष्क्रियता रुपी अज्ञानता को मिटाकर न्यायिक संघर्ष में सफलता हेत्तु आवश्यक दिव्य ज्ञान ज्योति उत्पन्न करें! निवेदक:-उपेन्द्र राय !