पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव से पहले
मतदाताओं को लुभाने के लिए तोहफों की बरसात कर दी है। उन्होंने नियोजित
शिक्षकों को वेतनमान देने और आम आदमी को शिकायतों के निवारण का कानूनी
अधिकार देने की घोषणाएं की। सोमवार को अपनी सरकार के दस साल का रिपोर्ट
कार्ड पेश करते हुए नीतीश ने डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा में दो
वर्ष का इजाफा कर दिया।
नीतीश ने कहा कि बिहार के नागरिकों को लोक शिकायतों के निवारण का
कानूनी अधिकार देने के लिए आगामी सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा। इसके साथ
ही सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से नियोजित सभी प्रशिक्षित,
अप्रशिक्षित, प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक और
पुस्तकालयाध्यक्ष को 1 जुलाई के प्रभाव से वेतनमान देने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री ने सभी नियोजित शिक्षक, टोला सेवक, शिक्षा स्वयंसेवी, आशा
कार्यकर्ता, ममता, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, विद्यालय रसोईया, अनुबंध पर
कार्यरत कनीय सहायक अभियंता, अनुबंध पर कार्यरत चिकित्सक, किसान सलाहकार,
कृषि समन्वयक, डाटा इन्ट्री आपरेटर, कार्यपालक सहायक और आईटी मैनेजर की
सेवा अवधि के दौरान मृत्यु होने पर उनके निकटतम आश्रितों को चार लाख रुपये
की अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा की।
उन्होंने किसान सलाहकार के मानदेय में दो हजार जबकि टोला सेवक और
शिक्षा स्वयंसेवी के मानदेय में तीन हजार रुपये की वृद्धि किये जाने की भी
घोषणा की। टोला सेवक और शिक्षा स्वयंसेवी की सेवा और सामाजिक उत्थान से
संबंधित कार्यों के लिये 60 वर्ष की आयु तक ली जाएगी। आयुष चिकित्सा शिक्षा
सेवा के चिकित्सकों की सेवा निवृति की आयु सीमा बढ़ाकर 67 वर्ष की जाएगी।
उन्होंने पत्रकारों के लिए पेंशन योजना एक अगस्त 2015 से लागू किए
जाने की घोषणा की। स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित
करने के लिए बिहार स्वास्थ्य सेवा निवेश प्रोत्साहन नीति शीघ्र लागू की
जाएगी। इसके साथ हीं जन निजी भागीदारी के अंतगर्त पटना के कंकड़बाग स्थित
जयप्रभा अस्पताल परिसर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोला जाएगा। इसी तरह
मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी, लखीसराय, अस्थावां, डेहरी ऑन सोन और
वैशाली पॉलिटेक्निक कॉलेज में इसी सत्र से पढ़ाई प्रारंभ की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बिहटा में ईएसआई मेडिकल कॉलेज अस्पताल का अधिग्रहण कर
इसे सरकारी अस्पताल के रूप में संचालित किया जाएगा। नीतीश ने कहा कि पिछले
दस वर्ष उनकी सरकार ने न्याय के साथ विकास किया है और अब आगे सरकार की
नीति और योजना क्या हो यह जन भागीदारी से तय करने का निर्णय लिया है। इसके
लिए 40 हजार गांवों में लोगों की राय ली जानी है लेकिन विधान परिषद के
चुनाव के कारण आदर्श आचार चुनाव संहिता के चलते इसे रोक दिया गया था।
फिलहाल 18 हजार से अधिक गांवों में लोगों से इस बारे में राय ली जा चुकी है
और उम्मीद है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में लोगों की राय के आधार पर
दृष्टि पत्र तैयार कर उसे जारी किया जाएगा। यही दृष्टि पत्र सरकार के लिए
आगे मार्गदर्शन का काम करेगा।
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