जमुई। प्रखंड में शिक्षा व्यवस्था किस तरह बेपटरी है, इसका अंदाजा
उत्क्रमित उच्च विद्यालय सरौन को देखकर लगाया जा सकता है। यहां महज एक
शिक्षक के सहारे 300 छात्र-छात्राओं का भविष्य गढ़ा जा रहा है।
स्कूल में
सामाजिक विज्ञान के शिक्षक सुजीत कुमार के जिम्मे ही कला व विज्ञान पढ़ाने
की जिम्मेवारी है। अब इससे आपको सहज अनुमान लग गया हो कि कितने बच्चे
दक्षता हासिल कर सकते होंगे। वर्ष 2014 में उत्क्रमित होने के बाद दो बार
यहां के छात्रों को मैट्रिक की परीक्षा में सम्मिलित कराया जा चुका है।
विद्यालय के प्रधान सत्येंद्र ¨सह कहते हैं कि विद्यालय में शिक्षक की कमी
है। कम से कम चार से पांच शिक्षकों की तत्काल जरूरत है ताकि कक्षा का सही
तरीके से संचालन किया जा सके। उन्होंने कहा कि फिलवक्त मध्य विद्यालय के
शिक्षकों के सहयोग से कक्षा का संचालन कराया जा रहा है।
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