भागलपुर विश्वविद्यालय से बीएड कर रहे 1400 छात्र इस बार शिक्षक पात्रता
परीक्षा (टीईटी) में शामिल नहीं हो पाएंगे। टीईटी में शामिल होने के लिए
बिहार बोर्ड ने योग्यता की जो शर्त रखी है, उसमें केवल एक वर्षीय बीएड
कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को मौका देने की बात कही गई है।
टीईटी की परीक्षा छह साल के बाद हो रही है। इस वजह से अगली परीक्षा कब होगी यह भी तय नहीं है। ऐसे में दो वर्षीय बीएड कोर्स कर रहे छात्रों को मौका चूकने की चिंता सता रही है। कुछ छात्रों ने एक दिन पहले इसका विरोध भी किया था।
बताया गया कि बोर्ड ने एक वर्षीय बीएड कोर्स कर चुके या इसके एपियरिंग कैंडिडेट को टीईटी के लिए आवेदन करने की छूट दी है। लेकिन राज्य में एनसीटीई के निर्देश और राजभवन के आदेश से बीएड का नया रेगुलेशन जारी हुआ है जिसके तहत बीएड का कोर्स दो वर्ष का कर दिया गया है। दो वर्षीय बीएड कोर्स 2015 से लागू हुआ है और एक वर्षीय कोर्स 2014 के बाद बंद हो गया। ऐसे में अब एक वर्षीय बीएड कोर्स में एपियरिंग कैंडिटेट हैं ही नहीं। एपियरिंग कैंडिडेट केवल दो वर्षीय बीएड कोर्स में हैं।
भागलपुर विश्वविद्यालय के 14 निजी बीएड कॉलेजों में अभी सत्र 2016-1 8 (दो वर्षीय) में भी छात्र नामांकित हैं। राज्यभर की बात करें तो बीएड का दो वर्षीय कोर्स कर रहे करीब 24 हजार छात्र इस बार टीईटी में शामिल नहीं हो पाएंगे।
छात्र नीरज, राधेश्याम यादव, अजय कुमार, साहिल, विक्रम कुमार और अन्य ने बताया कि टीईटी के नियम को बीएड के नए रेगुलेशन को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए था। इससे नए रेगुलेशन के तहत दो वर्षीय बीएड कोर्स कर रहे छात्रों को भी टीईटी में शामिल होने का मौका मिल जाता। टीईटी यदि हर साल होता तो दो वर्षीय बीएड वाले छात्रों को अगली बार मौका मिल जाता। लेकिन छह साल की देरी होने से यह भरोसा करना मुश्किल है कि अगले साल टीईटी होगा ही।
टीईटी की परीक्षा छह साल के बाद हो रही है। इस वजह से अगली परीक्षा कब होगी यह भी तय नहीं है। ऐसे में दो वर्षीय बीएड कोर्स कर रहे छात्रों को मौका चूकने की चिंता सता रही है। कुछ छात्रों ने एक दिन पहले इसका विरोध भी किया था।
बताया गया कि बोर्ड ने एक वर्षीय बीएड कोर्स कर चुके या इसके एपियरिंग कैंडिडेट को टीईटी के लिए आवेदन करने की छूट दी है। लेकिन राज्य में एनसीटीई के निर्देश और राजभवन के आदेश से बीएड का नया रेगुलेशन जारी हुआ है जिसके तहत बीएड का कोर्स दो वर्ष का कर दिया गया है। दो वर्षीय बीएड कोर्स 2015 से लागू हुआ है और एक वर्षीय कोर्स 2014 के बाद बंद हो गया। ऐसे में अब एक वर्षीय बीएड कोर्स में एपियरिंग कैंडिटेट हैं ही नहीं। एपियरिंग कैंडिडेट केवल दो वर्षीय बीएड कोर्स में हैं।
भागलपुर विश्वविद्यालय के 14 निजी बीएड कॉलेजों में अभी सत्र 2016-1 8 (दो वर्षीय) में भी छात्र नामांकित हैं। राज्यभर की बात करें तो बीएड का दो वर्षीय कोर्स कर रहे करीब 24 हजार छात्र इस बार टीईटी में शामिल नहीं हो पाएंगे।
छात्र नीरज, राधेश्याम यादव, अजय कुमार, साहिल, विक्रम कुमार और अन्य ने बताया कि टीईटी के नियम को बीएड के नए रेगुलेशन को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए था। इससे नए रेगुलेशन के तहत दो वर्षीय बीएड कोर्स कर रहे छात्रों को भी टीईटी में शामिल होने का मौका मिल जाता। टीईटी यदि हर साल होता तो दो वर्षीय बीएड वाले छात्रों को अगली बार मौका मिल जाता। लेकिन छह साल की देरी होने से यह भरोसा करना मुश्किल है कि अगले साल टीईटी होगा ही।