अररिया। सरकार की
तनाशाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कल से समान कार्य-समान वेतन व अन्य
मांगों को लेकर सभी नियोजित शिक्षक विद्यालय में ताला बंदी कर हड़ताल पर
रहेंगे। ये बातें बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के अररिया जिला संयोजक
जाफर रहमानी ने सोमवार को समाहरणालय परिसर में आयोजित शिक्षा सत्याग्रह
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
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सरकारी दवाब बर्दाश्त नहीं करेंगे नियोजित शिक्षक
जाफर रहमानी ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों द्वारा संवैधानिक तरीके से रखी जाने वाली मांगों बल का प्रयोग कर दबाने की कोशिश करती है। लेकिन अब नियोजित शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे। प्रदेश संघ के निर्देश पर आज से सरकार के विरुद्ध आंदोलन का शंखनाद कर दिया गया है। 18 अप्रैल को सभी प्रखंडों में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। जबकि 19 अप्रैल से विद्यालयों में ताला बंदी कर नियोजित शिक्षक शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्य में दूर रहेंगे। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि आज सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ उसी तरह का व्यवहार कर रही है। जैसा के कभी अंग्रेजों ने चंपारण में किसानों के साथ किया था। हम चट्टानी एकता का परिचय देंगे और सरकार के धमकियों से नहीं डरेंगे। जबतक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा। इसके अतिरिक्त कई अन्य वक्ताओं ने भी अपने अपने विचार रखे।
मौके पर आसीम हुसैन, अनिल साह, आलोक राज, आमोद कुमार, नौशाद आलम, मो. हारूण, राजेश ¨सह, मुकेश कुमार, मो. शाहिद, सज्जात निराला, कुन्दन कुमार, मसउद आलम, सोनू कुमार, किशोर पासवान, अविनाश ¨सह, विनोद मलाकार, गिरानंद ऋषिदेव आदि मौजूद थे।
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सरकारी दवाब बर्दाश्त नहीं करेंगे नियोजित शिक्षक
जाफर रहमानी ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों द्वारा संवैधानिक तरीके से रखी जाने वाली मांगों बल का प्रयोग कर दबाने की कोशिश करती है। लेकिन अब नियोजित शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे। प्रदेश संघ के निर्देश पर आज से सरकार के विरुद्ध आंदोलन का शंखनाद कर दिया गया है। 18 अप्रैल को सभी प्रखंडों में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। जबकि 19 अप्रैल से विद्यालयों में ताला बंदी कर नियोजित शिक्षक शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्य में दूर रहेंगे। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि आज सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ उसी तरह का व्यवहार कर रही है। जैसा के कभी अंग्रेजों ने चंपारण में किसानों के साथ किया था। हम चट्टानी एकता का परिचय देंगे और सरकार के धमकियों से नहीं डरेंगे। जबतक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा। इसके अतिरिक्त कई अन्य वक्ताओं ने भी अपने अपने विचार रखे।
मौके पर आसीम हुसैन, अनिल साह, आलोक राज, आमोद कुमार, नौशाद आलम, मो. हारूण, राजेश ¨सह, मुकेश कुमार, मो. शाहिद, सज्जात निराला, कुन्दन कुमार, मसउद आलम, सोनू कुमार, किशोर पासवान, अविनाश ¨सह, विनोद मलाकार, गिरानंद ऋषिदेव आदि मौजूद थे।