पटना : डीएम सर क्लास में आये, मेरे नोट बुक उठा कर पूछा ये सारा कुछ
स्कूल में पढ़ाई हुई है. नहीं सर, कोचिंग में पढ़ाई जाती है. स्कूल में तो
फिजिक्स के टीचर ही नहीं हैं. कोर्स तो पूरा करना पड़ेगा न सर. इस कारण
फिजिक्स और केमेस्ट्री की कोचिंग करती हूं. 11वीं की छात्रा खुशबू कुमारी
की इस बात को सुन कर डीएम ने क्लास की दूसरी छात्राओं से भी पूछा तो सभी का
एक जवाब.
शिक्षक नहीं हैं सर. कैसे कोर्स पूरा होगा. इस कारण कोचिंग जानी पड़ती
है. यह सारा कुछ बांकीपुर गर्ल्स स्कूल में शुक्रवार को दिखा. पटना डीएम
संजय कुमार अग्रवाल पहली बार स्कूल में क्लास लेने आये थे. एक घंटा तक डीएम
ने बच्चों का क्लास लिया. क्लास में 11वीं अौर 12वीं की छात्राएं थीं.
उन्होंने स्टूडेंट्स लाइफ में होनेवाली परेशानी और सफलता कैसे प्राप्त
करें, इसकाे लेकर कई टिप्स भी छात्राओं को दिये. इस मौके पर स्कूल की
प्राचार्य विजया कुमारी व अन्य शिक्षिकाएं मौजूद थीं.
45 मिनट लेट आये डीएम, लंच आवर में हुआ क्लास : शिक्षक बने डीएम अपने
पहले ही क्लास में 45 मिनट देर से पहुंचे. जबकि, छात्राएं उनका बेसब्री से
इंतजार कर रही थीं. छात्राओं ने बताया कि हम एसेंबली के समय से ही डीएम सर
का इंतजार कर रहे थे. बाद में पता चला कि सर 12.30 बजे आयेंगे. लेकिन सर
1.15 मिनट में क्लास लेने आये. डीएम के देर से आने से लंच आवर को टाल दिया
गया. 12वीं क्लास की छात्रा प्रीति कुमारी ने बताया कि डीएम सर का क्लास कर
लिया, हमारे लिए यह लंच बड़ा था.
डीएम ने छात्राओं से कहा कि वह यहां छात्राओं को होनेवाली परेशानी
जानने के लिए आये हैं. अापमें से कई छात्राओं को स्कूल में दिक्कतें होंगी.
कई को घर की दिक्कतें होंगी. आप खुल कर हमें अपनी बात बतायें. उन्हाेंने
कहा कि दिक्कतें सभी के साथ होती हैं. लेकिन, उससे हमें लड़ना चाहिए. अभी
बस सिर्फ पढ़ाई कीजिए.
अखबार पढ़ कर 12वीं की छात्राएं भी आयीं स्कूल
डीएम आज क्लास में आयेंगे. अखबारों में यह खबर पढ़ने मात्र से 11वीं
के साथ 12वीं की भी छात्राएं स्कूल पहुंच गयीं. क्लास में आते ही डीएम ने
पूछा कि किस-किस क्लास की छात्राएं हैं, तो सभी ने हाथ उठा कर अपनी
उपस्थिति दर्ज करायी.
हम होंगे कामयाब... की सीख दे खत्म किया क्लास : डीएम ने छात्राओं को
क्रिएटिव होने की सीख दी. कहा कि आप सभी को कंप्यूटर कोर्स करना चाहिए.
क्योंकि आगे बढ़ने के लिए आपको कंप्यूटर चलाना आना चाहिए. इसके अलावा
उन्होंने हर छात्रा को अपना बायोडाटा तैयार करने को कहा. उन्हाेंने कहा कि
कामयाबी के लिए विश्वास होना चाहिए.हारने से घबराएं नहीं. एक दरवाजा बंद
होता है, तो कई दरवाजे खुल भी जाते हैं.
स्कूल कैप्टन की अलग होगी पहचान : डीएम ने कहा कि स्कूल कैप्टन की
पहचान अलग हाेनी चाहिए. स्कूल कैंपस में कैप्टन का एक विशेष महत्व होता है.
ऐसे में कैप्टन की पहचान अलग की जायेगी. कैप्टन को या तो बैच दिया जायेगा
या उनके दुप्पटे में बदलाव किया जायेगा. इसको लेकर जल्द ही निर्णय लिया
जायेगा