दरभंगा : आगामी 11 नवंबर तक शिक्षकों के सामंजन के विभागीय आदेश को लेकर प्रखंडों में छात्र अनुपात में शिक्षकों की संख्या खंगाली जा रही है. विद्यालय प्रधानों से 75 प्रतिशत के आधार पर आवश्यक शिक्षकों की संख्या का प्रतिवेदन तलब किये जा रहे हैं.
पचहत्तर फीसदी छात्रों की संख्या के आधार पर सरप्लस शिक्षकों को कमी वाले विद्यालयों में पद सहित समायोजन होगा. इसको लेकर आगामी 20 अक्तूबर को नियोजन इकाइयों की बैठक होगी. इसमें विभाग के आदेश एवं विभाग से प्राप्त प्रस्ताव पर विचार होगा. फिलहाल प्रखंडों में बीइओ विद्यालयवार नामांकन एवं 75 फीसदी का आधार बनाकर कार्यरत तथा आवश्यक शिक्षकों की गणना कर रहे हैं.
इसमें कक्षा एक से पांच एवं कक्षा छह-आठ के लिए अलग-अलग आंकड़ों पर काम चल रहा है. इस गणना में नियमित शिक्षकों में जो मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान में कार्यरत हैं, उन्हें भी बेसिक ग्रेड का शिक्षक मानते हुए कक्षा 1 से 5 तक के लिए अधिकृत शिक्षकों की कोटि में डाला जा रहा है. वहीं वर्ष 2010 तक के नियोजित शिक्षकों को भी कक्षा 1 से 5 तक के अधिकृत शिक्षकों में गणना की जा रही है. चाहे इनकी योग्यता स्नातक अथवा स्नातकोत्तर है.
हालांकि कक्षा 6-8 तक विषयगत शिक्षकों के समायोजन की स्थिति स्पष्ट नहीं है, किंतु संभावना है कि जिन विषयों में एक विद्यालय में दो-दो शिक्षकों का नियोजन हो गया है वहां से एक को हटाया जायेगा. उपरोक्त आधार पर कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों में नियमित शिक्षकों को जोड़ने से इन पदों की संख्या ज्यादा हो रही है.
वहीं कक्षा छह-आठ तक विषयगत शिक्षकों की पर्याप्त संख्या में नियोजन नहीं होने से मध्य विद्यालयों में प्राय: इसकी कमी है. पर स्पष्ट नीति ही समायोजन का लाभ कमी वाले विद्यालयों को मिल पायेगा. अन्यथा एक तरफ समायोजन से दूसरे विद्यालय को तो शिक्ष्ज्ञक मिल जायेंगे, किंतु जिन विद्यालयों से शिक्षक लिये जायेंगे एक बारगी शिक्षकों की कमी झेलने पर मजबूर होना पड़ेगा.
खंगाली जा रही छात्र के अनुपात में कितने िशक्षक
शिक्षकों की कोटि को ले ऊहापोह की स्थिति
नियमित शिक्षक भी कक्षा एक से पांच कोटि में शामिल
स्नातक योग्यताधारी नियोजित भी बेसिक ग्रेड के शिक्षक
सफाई नहीं होने पर नाराज दिखे डीएम
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पचहत्तर फीसदी छात्रों की संख्या के आधार पर सरप्लस शिक्षकों को कमी वाले विद्यालयों में पद सहित समायोजन होगा. इसको लेकर आगामी 20 अक्तूबर को नियोजन इकाइयों की बैठक होगी. इसमें विभाग के आदेश एवं विभाग से प्राप्त प्रस्ताव पर विचार होगा. फिलहाल प्रखंडों में बीइओ विद्यालयवार नामांकन एवं 75 फीसदी का आधार बनाकर कार्यरत तथा आवश्यक शिक्षकों की गणना कर रहे हैं.
इसमें कक्षा एक से पांच एवं कक्षा छह-आठ के लिए अलग-अलग आंकड़ों पर काम चल रहा है. इस गणना में नियमित शिक्षकों में जो मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान में कार्यरत हैं, उन्हें भी बेसिक ग्रेड का शिक्षक मानते हुए कक्षा 1 से 5 तक के लिए अधिकृत शिक्षकों की कोटि में डाला जा रहा है. वहीं वर्ष 2010 तक के नियोजित शिक्षकों को भी कक्षा 1 से 5 तक के अधिकृत शिक्षकों में गणना की जा रही है. चाहे इनकी योग्यता स्नातक अथवा स्नातकोत्तर है.
हालांकि कक्षा 6-8 तक विषयगत शिक्षकों के समायोजन की स्थिति स्पष्ट नहीं है, किंतु संभावना है कि जिन विषयों में एक विद्यालय में दो-दो शिक्षकों का नियोजन हो गया है वहां से एक को हटाया जायेगा. उपरोक्त आधार पर कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों में नियमित शिक्षकों को जोड़ने से इन पदों की संख्या ज्यादा हो रही है.
वहीं कक्षा छह-आठ तक विषयगत शिक्षकों की पर्याप्त संख्या में नियोजन नहीं होने से मध्य विद्यालयों में प्राय: इसकी कमी है. पर स्पष्ट नीति ही समायोजन का लाभ कमी वाले विद्यालयों को मिल पायेगा. अन्यथा एक तरफ समायोजन से दूसरे विद्यालय को तो शिक्ष्ज्ञक मिल जायेंगे, किंतु जिन विद्यालयों से शिक्षक लिये जायेंगे एक बारगी शिक्षकों की कमी झेलने पर मजबूर होना पड़ेगा.
खंगाली जा रही छात्र के अनुपात में कितने िशक्षक
शिक्षकों की कोटि को ले ऊहापोह की स्थिति
नियमित शिक्षक भी कक्षा एक से पांच कोटि में शामिल
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सफाई नहीं होने पर नाराज दिखे डीएम
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