राज्य के 10 विश्वविद्यालयों और 250 अंगीभूत महाविद्यालयों के करीब
45 हजार शिक्षकों व कर्मचारियों को दशहरा के पहले वेतन मिलने के आसार हैं।
इसके साथ ही हजारों की संख्या में सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मियों को भी
पर्व के पहले पेंशन मिल जाएंगी।
राशि की स्वीकृति के लिए शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। वित्त विभाग की मुहर लगने के साथ ही शिक्षा विभाग सभी विश्वविद्यालयों को वेतन व पेंशन मद का पैसा जारी कर देगा। शिक्षा विभाग की तैयारियों से संकेत है कि 45 हजार शिक्षकों व कर्मियों के चार माह के बकाये वेतन की राशि का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय व कॉलेज कर्मियों को बिना वेतन यह चौथा माह गुजर रहा है। जून माह से ही पगार नहीं मिलने से इन शिक्षकों व कर्मचारियों को आर्थिक बदहाली के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
इन विश्वविद्यालयों में दिक्कत
जिन विश्वविद्यालय व उनके अंगीभूत महाविद्यालय में मई माह के बाद वेतन-पेंशन का वितरण नहीं हुआ है उनमें पटना विश्वविद्यालय, मगध विवि बोधगया, बीआरए बिहार मुजफ्फरपुर, ललित नारायण मिथिला, तिलकामांझी भागुपलर, बीएन मंडल मधेपुरा, वीर कुंवर सिंह विवि आरा, जयप्रकाश विवि छपरा, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि और मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय शामिल हैं। इन विश्वविद्यालयों के शिक्षक-कर्मियों को मार्च से मई माह का वेतन भी लम्बी प्रतीक्षा के बाद मिल सका था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विश्वविद्यालयों ने पहले मिली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र बार-बार मांगे जाने के बाद भी नहीं दिया था। इसका खामियाजा शिक्षक व कर्मचारियों को भुगतना पड़ा। उपयोगिता सौंपने के बाद ही राशि जारी हुई।
वर्तमान वित्तीय वर्ष की राशि स्वीकृत नहीं
कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मियों को जून, जुलाई, अगस्त और चालू सितम्बर माह का वेतन-पेंशन का पैसा विश्वविद्यालयों को इसलिए नहीं मिल सका है क्योंकि विशवविद्यालयों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में दी जाने वाली राशि ही अभी स्वीकृत नहीं हुई है। बहरहाल शिक्षा विभाग ने कामेश्वर सिंह दरभंगा विवि के उपशास्त्री महाविद्यालयों के शिक्षक-कर्मियों को 1 जनवरी 2006 के प्रभाव से पुनरीक्षित वेतन देने के अनुसार राशि की गणना कर सभी 10 विश्वविद्यालयों के चालू वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया है। जल्द ही स्वीकृति मिलने के आसार हैं। उसके बाद वेतन-पेंशन का पैसा विश्वविद्यालयों को चला जाएगा।
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राशि की स्वीकृति के लिए शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। वित्त विभाग की मुहर लगने के साथ ही शिक्षा विभाग सभी विश्वविद्यालयों को वेतन व पेंशन मद का पैसा जारी कर देगा। शिक्षा विभाग की तैयारियों से संकेत है कि 45 हजार शिक्षकों व कर्मियों के चार माह के बकाये वेतन की राशि का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय व कॉलेज कर्मियों को बिना वेतन यह चौथा माह गुजर रहा है। जून माह से ही पगार नहीं मिलने से इन शिक्षकों व कर्मचारियों को आर्थिक बदहाली के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
इन विश्वविद्यालयों में दिक्कत
जिन विश्वविद्यालय व उनके अंगीभूत महाविद्यालय में मई माह के बाद वेतन-पेंशन का वितरण नहीं हुआ है उनमें पटना विश्वविद्यालय, मगध विवि बोधगया, बीआरए बिहार मुजफ्फरपुर, ललित नारायण मिथिला, तिलकामांझी भागुपलर, बीएन मंडल मधेपुरा, वीर कुंवर सिंह विवि आरा, जयप्रकाश विवि छपरा, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि और मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय शामिल हैं। इन विश्वविद्यालयों के शिक्षक-कर्मियों को मार्च से मई माह का वेतन भी लम्बी प्रतीक्षा के बाद मिल सका था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विश्वविद्यालयों ने पहले मिली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र बार-बार मांगे जाने के बाद भी नहीं दिया था। इसका खामियाजा शिक्षक व कर्मचारियों को भुगतना पड़ा। उपयोगिता सौंपने के बाद ही राशि जारी हुई।
वर्तमान वित्तीय वर्ष की राशि स्वीकृत नहीं
कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मियों को जून, जुलाई, अगस्त और चालू सितम्बर माह का वेतन-पेंशन का पैसा विश्वविद्यालयों को इसलिए नहीं मिल सका है क्योंकि विशवविद्यालयों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में दी जाने वाली राशि ही अभी स्वीकृत नहीं हुई है। बहरहाल शिक्षा विभाग ने कामेश्वर सिंह दरभंगा विवि के उपशास्त्री महाविद्यालयों के शिक्षक-कर्मियों को 1 जनवरी 2006 के प्रभाव से पुनरीक्षित वेतन देने के अनुसार राशि की गणना कर सभी 10 विश्वविद्यालयों के चालू वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया है। जल्द ही स्वीकृति मिलने के आसार हैं। उसके बाद वेतन-पेंशन का पैसा विश्वविद्यालयों को चला जाएगा।