पटना : राज्य
के प्रारंभिक स्कूलों के 3.23 लाख नियोजित शिक्षकों के तीन महीने के वेतन
की राशि सभी जिलों के डीपीओ के बैंक खातों में तो चली गयी है, लेकिन वे
राशि निकाल कर शिक्षकों को दे नहीं पा रहे हैं. अधिकतर जिलों के डीपीओ के
एकाउंट ब्लॉक किया हुआ है, जिससे वे राशि नहीं निकाल पा रहे हैं. इससे अब
ईद के पहले सभी शिक्षकों को वेतन मिल जायेगा, इसमें संशय है.
यह समस्या दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, पूर्वीं चंपारण समेत
उन सभी जिलों में है, जिन्होंने अब तक उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिया है
या जिन्होंने अब तक ट्रेजरी से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट नहीं लिया है. इस वजह
से राशि रहने के बावजूद उसकी निकासी नहीं हो पा रही है. 16 जून को शिक्षा
विभाग में आयोजित सभी डीपीओ की बैठक में शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को
निगेटिव लिस्ट और उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने का क्लीयरेंस सर्टिफिकेट
तैयार कर लेने का निर्देश दिया था, ताकि राशि जारी होने के बाद उसे बिना
देर किये शिक्षकों के खातों में ट्रांसफर किया जा सके.
बावजूद इसके जिलों की ओर से यह तैयार नहीं हुआ, जिससे अब तक किसी भी
जिले में शिक्षकों को मार्च से मई तक के वेतन का भुगतान नहीं हो सका
है.नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए राज्य कैबिनेट ने 15 जून को ही पूरे एक
साल की राशि मंजूर की थी. इसके बाद शिक्षा विभाग ने 66 हजार प्रारंभिक
शिक्षकों के लिए राज्य सरकार की मद से 373 करोड़, 2.57 लाख शिक्षकों के लिए
केंद्रांश 593 करोड़ और राज्यांश 395 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है.
शिक्षकों को उम्मीद थी कि जून के अंतिम सप्ताह में उन्हें वेतन की राशि मिल
जायेगी, लेकिन अब ईद से पहले राशि मिलने की भी उम्मीद कम नजर आ रही है.
एजी से प्रमाणपत्र लेकर ट्रेजरी में करना होगा अपडेट
शिक्षा विभाग के प्रवक्ता अमित कुमार ने बताया कि जिन जिलों के डीपीओ
ने 18 माह पहले की राशि निकासी का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिया है, उनका
एकाउंट सीटीएमआइएस (कम्प्रहंसिव ट्रेडरी मैनेजमेंट इन्फोरमेशन सिस्टम) के
तहत ऑटोमैटिक लॉक हो जाता है. ऐसे में संबंधित जिले के डीपीओ को उपयोगिता
प्रमाणपत्र जमा करना होता है व उसके प्रमाणपत्र एजी से लेकर ट्रेजरी में
अपडेट कराना होता है.
इसके बाद लॉक खुलता है और राशि निकाली जा सकती है. सभी जिलों को यह
निर्देश पहले ही दिया गया था कि वे इस प्रक्रिया को राशि जारी होने से पहले
ही पूरा कर ले, ताकि राशि जारी के बाद सीधे शिक्षकों के एकाउंट में डाला
जा सके. विभाग की ओर से सभी शिक्षकों की राशि जारी कर दी गयी है.
शिक्षकों की दशहरा और होली भी पड़ी थी फीकी
नियोजित शिक्षकों की दशहरा व होली भी फीकी पड़ी थी. दोनों पर्वों के
समय शिक्षकों को तीन महीने का वेतन बकाया था. हालांकि, होली के दो दिन पहले
राज्य सरकार ने कैबिनेट से राशि मंजूर कर ली थी, लेकिन ट्रेजरी व बैंकों
के बंद रहने से शिक्षकों को राशि नहीं मिल सकी थी.
नियोजित शिक्षकों को 2015 में जुलाई से सितंबर का वेतन अक्तूबर में
मिला था, पर दशहरा में भुगतान नहीं हो सका था. वहीं, दिसंबर 2015 से फरवरी
2016 तक का वेतन मार्च-अप्रैल में मिल सका था. वर्तमान में मार्च से मई तक
का वेतन की जारी िकया गया है.
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