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तीन सौ गुरुजी की नौकरी गयी !

कसा शिकंजा . अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर सेटिंग कर स्कूलों में किया था योगदान  अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर किये गये शिक्षक नियोजन पर सरकार गंभीर हो गयी है. शिक्षा विभाग ने पहले ऐसे नियोजन पर जहां रोक लगा दी, वहीं बिना अनुमति नियोजित लगभग 300 से अधिक शिक्षकों की छुट्टी होनेवाली है़  विभाग ने ऐसे शिक्षकों की सूची मांगी है़  
 गोपालगंज : शिक्षा विभाग के सख्त आदेश के बाद अब जिले के सरकारी स्कूलों में बिना रिक्ति के कार्यरत शिक्षकों की छुट्टी कर दी गयी है. विभाग ने ऐसे शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से काम करने पर रोक लगा दी है. 
 
 इस रोक के बाद जिले में कार्यरत लगभग तीन सौ से अधिक शिक्षकों की छुट्टी तय मानी जा रही है. ये वैसे शिक्षक हैं, जो अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर नियोजन इकाइयों से सेटिंग कर स्कूलों में काम कर रहे थे. बिना रिक्ति के स्कूलों में पदस्थापित शिक्षकों की सूची दो जून तक  डीडीओ (निकासी व व्ययन पदाधिकारी) से तलब किया गया है. डीपीओ स्थापना संजय कुमार ने सभी डीडीओ की आपात बैठक बुलायी, जिसमें स्पष्ट किया गया कि अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर नियोजित शिक्षकों की सूची उपलब्ध करायी जाये. अभी सैकड़ों कार्यरत शिक्षकों को वेतन भी नहीं मिल रहा है. उनकी भी जानकारी मांगी गयी है. 
 
अपीलीय प्राधिकार में कैसे हुआ फर्जीवाड़ा : शिक्षक नियोजन में वर्ष 2006 की रिक्ति को वर्ष 2008 के नियोजन में शामिल कर लिया गया था. उसी प्रकार द्वितीय चरण के शिक्षक नियोजन की रिक्ति को वर्ष 2011 में शामिल कर विज्ञापन प्रकाशित करते हुए सभी रिक्त पदों पर सरकार ने टीइटी पास अभ्यर्थियों का ही नियोजन करने का फैसला लिया.
 
अब शिक्षक  नियोजन अपीलीय प्राधिकार में सक्रिय माफिया बिना रिक्ति के ही वर्ष 2006 तथा 2008 के रिक्त पदों पर नियमों को ताक पर रख कर शिक्षक नियोजन का आदेश पारित कराते रहे. अपीलीय प्राधिकार के हर आदेश के लिए सौदा तय किया जाता था. उसके बाद नियोजन करने का आदेश प्राधिकार के द्वारा जारी किया जाता था. 
 
दूसरे स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की सूची तलब :  वैसे शिक्षक जो किसी अन्य स्कूल में कार्यरत हैं तथा दूसरे स्कूल से उनका वेतन मिलता है, उसकी सूची की भी मांग डीपीओ ने की है. डीपीओ ने नियोजित शिक्षकों के वेतन आदि से संबंधित डिमांड राशि की भी मांग संबंधित डीडीओ से की है.
स्थानांतरण के लिए आवेदन जमा करने का निर्देश : डीपीओ स्थापना ने कहा कि जिले के वैसे नियमित शिक्षक-शिक्षिकाएं जो अपना स्थानांतरण चाहते हैं, वे आवेदन जमा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि स्थानांतरण के लिए आवेदन तीन जून से 10 जून तक ही डीपीओ स्थापना कार्यालय में लिये जायेंगे. 10 जून के बाद आनेवाले आवेदन पर विचार नहीं किया जायेगा. मौके पर पीओ कपिलदेव तिवारी आदि उपस्थित थे.
 
डीपीओ स्थापना ने कल तक सूची जमा करने का दिया निर्देश 
क्या है डीपीओ का आदेश
 
डीपीओ ने जिले की सभी नियोजन इकाइयों को कहा है कि 24 जनवरी, 2014 के बाद से अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर बिना विभाग से सहमति लिये  अगर शिक्षकों का योगदान नियोजन इकाई ने कराया है या बीइओ ने योगदान का आदेश दिया है, तो ऐसे शिक्षकों से तत्काल काम नहीं लिया जाये. इसके बाद भी अगर इन शिक्षकों से काम लिया जाता है, तो उसकी जवाबदेही बीइओ तथा हेडमास्टर की होगी. अगर किसी तरह की समस्या उत्पन्न होती है, तो बीइओ और हेडमास्टर के वेतन से कटौती कर प्रतिपूर्ति की जायेगी.
 
शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से कार्य पर लगायी रोक
विभाग ने मांगी डीडीओ से ऐसे  शिक्षकों की सूची

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