रोहतास। फर्जी शिक्षक मामले में निगरानी से लेकर विभाग व पुलिस तक अब
सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। निगरानी ने जिन फर्जी शिक्षकों व नियोजन
इकाई पर प्राथमिकी दर्ज कराई, उन्हें जहां विभाग हटाने का निर्देश अपने
अधिकारियों को दे रखा है, वहीं पुलिस भी उन्हें गिरफ्तार करने की रणनीति
में जुट गई है।
कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए वरीय अधिकारियों के निर्देश पर सक्षम अधिकारियों द्वारा नियोजित शिक्षकों की औपबंधिक व अंतिम मेधा सूची की अभिप्रमाणित प्रति निगरानी व स्थानीय थाने को उपलब्ध कराई जाने लगी है। हालांकि अब भी लगभग चार हजार शिक्षकों के फोल्डर निगरानी को नहीं सौंपा जा सका है।
चिह्नित फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई के मामले में बरती जा रही सुस्ती पर हाई कोर्ट की फटकार के बाद हरकत में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी चुस्ती दिखानी शुरू कर दी है। हालांकि प्राथमिकी दर्ज शिक्षकों को सेवामुक्त करने का निर्देश अधिकारियों ने संबंधित नियोजन इकाई को दे रखा है। लेकिन कार्रवाई की जगह इकाई अब तक कुंडली मार बैठा है। यही नहीं निगरानी द्वारा जिन फर्जी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसे भी अब तक स्थानीय थाने की पुलिस न तो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर पाई है न केस डायरी ही। जिससे फर्जी शिक्षकों को कानूनी कार्रवाई से बचने का मौका मिलता रहा है। लेकिन कोर्ट की फटकार के बाद अब पुलिस भी सक्रिय होने लगी है।
33 शिक्षक व सात लाइब्रेरियनों पर दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी :
निगरानी ने अब तक उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में चिह्नित 33 शिक्षक व सात फर्जी लाइब्रेरियों पर जिले के विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसके अलावे फोलडर जमा नहीं करने के आरोप में 151 नियोजन इकाई के पंचायत सचिव पर भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। जबकि नियोजन से संबंधित संचिका गायब करने के आरोप में जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक नियोजन इकाई से जुड़े दो विभागीय लिपिक पर भी निगरानी ने मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि प्राथमिकी दर्ज सभी अभियुक्त आज भी खुलेआम घुम रहे हैं।
बर्खास्तगी को ले ऊहापोह में इकाई :
जिन 29 प्राथमिकी दर्ज फर्जी शिक्षकों को हटाने की अनुशंसा शिक्षा विभाग को अधिकारियों ने की है। उसे लेकर जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक नियोजन इकाई फिलहाल ऊहापोह में है। इकाई की मानें तो निगरानी ने जिन शिक्षकों को फर्जी मानते हुए उन पर प्राथमिकी दर्ज कराई है, उनमें से कई ने इस्तीफा भी दे चुके हैं।
चार हजार से अधिक शिक्षकों का फोल्डर अनुपलब्ध :
पंचायत, प्रखंड, नगर पंचायत, नगर परिषद व जिला परिषद से जुड़े लगभग चार हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों का फोल्डर अब तक निगरानी को उपलब्ध नहीं हो सका है। जिसे लेकर विभागीय अधिकारियों को कई बार फजीहत का सामना भी करना पड़ा है। बावजूद अधिकारी व इकाई फोल्डर जमा करने को ले एक दूसरे पर आज भी तोहमत मढ़ते दिख रहे हैं।
कहते हैं अधिकारी :
जिन फर्जी शिक्षकों पर निगरानी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। उनका वेतन स्थगित करते हुए एक माह पूर्व स्पष्टीकरण पूछा गया था। स्पष्टीकरण भी प्राप्त हो चुके हैं। उक्त शिक्षकों को सेवामुक्त करने के लिए नियोजन इकाई को पत्र लिखा गया है।
देवेश चौधरी, डीपीओ स्थापना, शिक्षा विभाग
कार्रवाई एक नजर :
प्राथमिकी - 33 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक
बर्खास्त -अमान्य संस्थान के सर्टिफिकेट पर बहाज 11 लाइब्रेरियन
बर्खास्त फर्जी शिक्षक - लगभग चार दर्जन।
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कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए वरीय अधिकारियों के निर्देश पर सक्षम अधिकारियों द्वारा नियोजित शिक्षकों की औपबंधिक व अंतिम मेधा सूची की अभिप्रमाणित प्रति निगरानी व स्थानीय थाने को उपलब्ध कराई जाने लगी है। हालांकि अब भी लगभग चार हजार शिक्षकों के फोल्डर निगरानी को नहीं सौंपा जा सका है।
चिह्नित फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई के मामले में बरती जा रही सुस्ती पर हाई कोर्ट की फटकार के बाद हरकत में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी चुस्ती दिखानी शुरू कर दी है। हालांकि प्राथमिकी दर्ज शिक्षकों को सेवामुक्त करने का निर्देश अधिकारियों ने संबंधित नियोजन इकाई को दे रखा है। लेकिन कार्रवाई की जगह इकाई अब तक कुंडली मार बैठा है। यही नहीं निगरानी द्वारा जिन फर्जी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसे भी अब तक स्थानीय थाने की पुलिस न तो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर पाई है न केस डायरी ही। जिससे फर्जी शिक्षकों को कानूनी कार्रवाई से बचने का मौका मिलता रहा है। लेकिन कोर्ट की फटकार के बाद अब पुलिस भी सक्रिय होने लगी है।
33 शिक्षक व सात लाइब्रेरियनों पर दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी :
निगरानी ने अब तक उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में चिह्नित 33 शिक्षक व सात फर्जी लाइब्रेरियों पर जिले के विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसके अलावे फोलडर जमा नहीं करने के आरोप में 151 नियोजन इकाई के पंचायत सचिव पर भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। जबकि नियोजन से संबंधित संचिका गायब करने के आरोप में जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक नियोजन इकाई से जुड़े दो विभागीय लिपिक पर भी निगरानी ने मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि प्राथमिकी दर्ज सभी अभियुक्त आज भी खुलेआम घुम रहे हैं।
बर्खास्तगी को ले ऊहापोह में इकाई :
जिन 29 प्राथमिकी दर्ज फर्जी शिक्षकों को हटाने की अनुशंसा शिक्षा विभाग को अधिकारियों ने की है। उसे लेकर जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक नियोजन इकाई फिलहाल ऊहापोह में है। इकाई की मानें तो निगरानी ने जिन शिक्षकों को फर्जी मानते हुए उन पर प्राथमिकी दर्ज कराई है, उनमें से कई ने इस्तीफा भी दे चुके हैं।
चार हजार से अधिक शिक्षकों का फोल्डर अनुपलब्ध :
पंचायत, प्रखंड, नगर पंचायत, नगर परिषद व जिला परिषद से जुड़े लगभग चार हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों का फोल्डर अब तक निगरानी को उपलब्ध नहीं हो सका है। जिसे लेकर विभागीय अधिकारियों को कई बार फजीहत का सामना भी करना पड़ा है। बावजूद अधिकारी व इकाई फोल्डर जमा करने को ले एक दूसरे पर आज भी तोहमत मढ़ते दिख रहे हैं।
कहते हैं अधिकारी :
जिन फर्जी शिक्षकों पर निगरानी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। उनका वेतन स्थगित करते हुए एक माह पूर्व स्पष्टीकरण पूछा गया था। स्पष्टीकरण भी प्राप्त हो चुके हैं। उक्त शिक्षकों को सेवामुक्त करने के लिए नियोजन इकाई को पत्र लिखा गया है।
देवेश चौधरी, डीपीओ स्थापना, शिक्षा विभाग
कार्रवाई एक नजर :
प्राथमिकी - 33 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक
बर्खास्त -अमान्य संस्थान के सर्टिफिकेट पर बहाज 11 लाइब्रेरियन
बर्खास्त फर्जी शिक्षक - लगभग चार दर्जन।
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