अररिया :
जिले के लगभग 90 प्रतिशत मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद वर्षों से
रिक्त है. जिसका प्रतिकूल असर विद्यालय के शिक्षण व्यवस्था पर पड़ा है.
राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का लाख प्रयास करने का दावा
कर रही हो लेकिन सच्चाई यह है कि जिले के प्रारंभिक विद्यालय में
प्रधानाध्यापक नहीं रहने से शिक्षकों को प्रभारी बना कर काम लिया जा रहा
है. जिससे विद्यालय के पठन-पाठन व्यवस्था प्रभावित हो रही है. इतना ही नहीं
प्रधानाध्यापक नहीं रहने पर विभागीय अधिकारियों की कृपा पात्र बने दर्जनों
विद्यालयों में नियोजित शिक्षक प्रधानाध्यापक बने हुए हैं.
जबकि विभाग व सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि नियोजित शिक्षकों को
वित्तीय प्रभार नहीं दिया जा सकता है. बावजूद इसके इस जिले में विभागीय
अधिकारी इसका खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रहे हैं. सरकार व विभाग का एक और
निर्देश है कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय संचालित मध्य विद्यालय में
प्रधानाध्यापकों का ही पदस्थापन होना अनिवार्य है. अररिया जिले के 10
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में मात्र दो ही कस्तूरबा गांधी विद्यालय में
प्रधानाध्यापक पदस्थापित हैं.
शेष आठ में प्रभारी प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं. जिला मुख्यालय के
जयप्रकाश स्थित मध्य विद्यालय जहां कस्तूरबा विद्यालय है, वहां भी प्रभारी
प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं. कस्तूरबा विद्यालय के संचालक मध्य विद्यालय के
प्रधानाध्यापक ही होते हैं. जिन्हें कस्तूरबा विद्यालय का वित्तीय प्रभार
भी होता है. प्रभारी प्रधानाध्यापक ही विद्यालय के संचालक बने हुए हैं तथा
वित्तीय प्रभार में भी हैं.
जिले में कितने हैं प्रधानाध्यापक
जिले में मध्य विद्यालय की संख्या 628 है. इसमें नियमित 173 व
उत्क्रमित मध्य विद्यालय की संख्या 455 है. 628 मध्य विद्यालयों में 74
प्रधानाध्यापक पदस्थापित हैं. नियमित 173 में जहां 45 प्रधानाध्यापक हैं.
वहीं 455 उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मात्र 29 प्रधानाध्यापक पदस्थापित
हैं. शेष 554 मध्य विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापकों से काम चलाया जा
रहा है. शिक्षकों से पढ़ाई के बदले विद्यालय का अन्य काम लिया जा रहा है.
अधिकांश प्रधानाध्यापक सेवानिवृत हो चुके हैं. जो बचे हैं वे भी एक-दो वर्ष
या छह माह के अंदर सेवानिवृत होने वाले हैं.
किन-किन कस्तूरबा विद्यालय में नहीं हैं प्रधानाध्यापक
जिले में 10 कस्तूरबा विद्यालय संचालित है. इनमें मात्र दो मध्य
विद्यालय में प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं. नरपतगंज प्रखंड के मध्य विद्यालय
सोनापुर तथा भरगामा मध्य विद्यालय जहां कस्तूरबा विद्यालय संचालित है. मध्य
विद्यालय जयप्रकाश नगर, मध्य विद्यालय जितवारपुर, फारबिसगंज प्रखंड के
मध्य विद्यालय सिमराहा, सिकटी प्रखंड के मध्य विद्यालय बरदाहा, रानीगंज
प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय बरबन्ना, पलासी प्रखंड के कन्या मध्य विद्यालय
कॉलोनी, जोकीहाट प्रखंड के मध्य विद्यालय सिसौना, मध्य विद्यालय
कुर्साकांटा जहां पर कस्तूरबा विद्यालय संचालित है प्रधानाध्यापक पदस्थापित
नहीं है. सभी प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत है.
कहते हैं अधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ फैयाजुर्रहमान ने बताया कि यह सही है कि
जिले के अधिकांश विद्यालय में प्रधानाध्यापकों की कमी है. इसकी वजह
उन्होंने बताया कि अधिकांश पुराने प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त हो चुके हैं
तथा विभाग के नियमानुसार प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति देने में कई
नियम शर्त का पालन करना पड़ रहा है. वर्ष 2012 में प्रधानाध्यापक के पद पर
प्रोन्नति दी गयी है. इसके बाद प्रोन्नति का मामला लटका हुआ है. उन्होंने
बताया कि अधिकांश मध्य विद्यालय में बीए-बीएससी प्रशिक्षित शिक्षकों को ही
प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया गया है. कुछ विद्यालयों में मैट्रिक
प्रशिक्षित भी है. आगामी 25 जून को जिला स्थापना समिति की होने वाली बैठक
में इस संबंध में निर्णय लिया जायेगा.
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