पटना : मध्याह्न भोजन योजना के सेंट्रेलाइज किचेन के ठेका की अवधि अब तीन से पांच साल के लिए होगी. राज्य सरकार इसकी तैयारी कर रही है. अब तक निजी एजेंसियों को एक साल का ठेका दिया जाता था और उसके बाद उसका रिनिवल करना पड़ता था. करोड़ रुपये लगाकर किचेन तैयार करने वाली एजेंसी को इसमें कई तरह की परेशानी भी होती थी.
इससे कम एजेंसियां भी मध्याह्न भोजन योजना के लिए आती थी. इसके कारण बिहार में सेंट्रेलाइज किचेन की व्यवस्था कुछ जिलों में ही है.
अधिकांश जगहों पर स्कूल में ही मध्याह्न भोजन बनता है और इसमें प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से शिक्षक भी लगते हैं. सरकार स्कूलों में बनने वाले मध्याह्न भोजन योजना को सेंट्रेलाइज करने की तैयारी कर रही है. जब एजेंसियों को तीन से पांच साल तक का ठेका दिया जायेगा तो ज्यादा एजेंसियां आयेंगी और जिला, अनुमंडल व प्रखंड स्तर इसे स्थापित किया जा सकेगा. सभी जगहों पर सेंट्रेलाइज किचेन बनने से जहां स्कूलों को मध्याह्न भोजन बनाने से छुट्टी मिल जायेगी, वहीं शिक्षकों को भी इस काम से छुटकारा मिल जायेगा और वे शैक्षणिक काम में ज्यादा ध्यान लगा सकेंगे.
सेंट्रेलाइज किचेन में बनने वाले भोजन का समय पर निरीक्षण किया जायेगा. यह निरीक्षण बच्चों के अभिभावक, विभागीय पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि करेंगे और खाना भी चखेंगे. वे देखेंगे कि सरकार के निर्धारित पोषक तत्वों के हिसाब से भोजन दिया जा रहा है या नहीं.
मध्याह्न भोजन देने के लिए निजी एजेंसियों को सेंट्रेलाइज किचेन लगाने का मौका दिया जायेगा. अभी कुछ जगहों पर यह चल रहा है. सेंट्रेलाइज किचेन लगाने वाली एजेंसी को तीन से पांच साल का काम सौंपा जायेगा और स्कूलों को मध्याह्न भोजन योजना बनाने से निजात भी मिल जायेगा.
अशोक चौधरी, शिक्षा मंत्री
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इससे कम एजेंसियां भी मध्याह्न भोजन योजना के लिए आती थी. इसके कारण बिहार में सेंट्रेलाइज किचेन की व्यवस्था कुछ जिलों में ही है.
अधिकांश जगहों पर स्कूल में ही मध्याह्न भोजन बनता है और इसमें प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से शिक्षक भी लगते हैं. सरकार स्कूलों में बनने वाले मध्याह्न भोजन योजना को सेंट्रेलाइज करने की तैयारी कर रही है. जब एजेंसियों को तीन से पांच साल तक का ठेका दिया जायेगा तो ज्यादा एजेंसियां आयेंगी और जिला, अनुमंडल व प्रखंड स्तर इसे स्थापित किया जा सकेगा. सभी जगहों पर सेंट्रेलाइज किचेन बनने से जहां स्कूलों को मध्याह्न भोजन बनाने से छुट्टी मिल जायेगी, वहीं शिक्षकों को भी इस काम से छुटकारा मिल जायेगा और वे शैक्षणिक काम में ज्यादा ध्यान लगा सकेंगे.
सेंट्रेलाइज किचेन में बनने वाले भोजन का समय पर निरीक्षण किया जायेगा. यह निरीक्षण बच्चों के अभिभावक, विभागीय पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि करेंगे और खाना भी चखेंगे. वे देखेंगे कि सरकार के निर्धारित पोषक तत्वों के हिसाब से भोजन दिया जा रहा है या नहीं.
मध्याह्न भोजन देने के लिए निजी एजेंसियों को सेंट्रेलाइज किचेन लगाने का मौका दिया जायेगा. अभी कुछ जगहों पर यह चल रहा है. सेंट्रेलाइज किचेन लगाने वाली एजेंसी को तीन से पांच साल का काम सौंपा जायेगा और स्कूलों को मध्याह्न भोजन योजना बनाने से निजात भी मिल जायेगा.
अशोक चौधरी, शिक्षा मंत्री
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC