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डीइओ ने दिया विहित प्रपत्र में कागजात जमा करने का निर्देश

गोपालगंज : शिक्षा उप निदेशक, छपरा के आदेश के आलोक में वैसे शिक्षक जो बिहार के बाहर से आते हैं तथा वे एससी व एसटी कोटि के अंतर्गत प्रोमोशन के तहत हाइस्कूलों के हेडमास्टर हैं, वे दो दिनों के अंदर विहित प्रपत्र में अपने-अपने कागजात को डीइओ  कार्यालय में जमा करना सुनिश्चित करेंगे.

डीइओ अशोक कुमार ने संबंधित स्कूलों के हेडमास्टरों को यह निर्देश जारी किया है. संबंधित हेडमास्टर सभी शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक, नियुक्ति पत्र, सेवा पुस्तिका की छाया प्रति के साथ विहित प्रपत्र में मांगी गयी सूचनाएं जमा करेंगे. डीइओ ने कहा कि जिले में ऐसे स्कूलों में सहयोगी हाइस्कूल विजयीपुर, जीए हाइस्कूल कटेया, मुखीराम हाइस्कूल थावे, अब्दुल गफूर प्रोजेक्ट बालिका हाइस्कूल अमैठी तथा हजारी लाल हाइस्कूल बलिवन सागर शामिल हैं.
सूची जमा करने का निर्देश : जिले के प्रखंडों व पंचायतों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों द्वारा उनके पूर्व का वेतन बकाया अथवा वेतन निर्धारण के उपरांत बढ़ोततरी की राशि वेतन में नहीं जोड़े जाने की शिकायत प्राप्त हो रही है. इसको लेकर डीपीओ स्थापना ने सभी बीइओ को पत्र भेजा है. भेजे गये पत्र के आलोक में डीपीओ स्थापना ने कहा है कि बीइओ के स्तर से चिह्नित किये बिना कौन-कौन शिक्षक उपरोक्त विसंगति से कुप्रभावित हैं.

भुगतान करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है. इसके तहत उन्होंने सभी बीइओ को निर्देश दिया है कि वे अपने -अपने प्रखंडों के वैसे शिक्षकों की सूची जिनका वेतन पूर्व का अथवा वेतनवृद्धि के उपरांत बकाया है उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.
आवंटन के अभाव में पुष्टाहार ठप

लापरवाही . आंगनबाड़ी केंद्रों पर 94280 कुपोषित व 28284 हैं अति कुपोषित बच्चे
आंगनबाड़ी केंद्र कुपोषण से जंग लड़ने के लिए खोला गया. इस पर प्रतिमाह 5.6 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं. अप्रैल से आवंटन नहीं मिलने के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों पर पुष्टाहार ठप है.

गोपालगंज : कुपोषण से जंग लड़ने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर मुहिम चलायी जा रही है. कुपोषणमुक्त भारत बनाने के लिए गोपालगंज में 5.6. करोड़  रुपये की राशि खर्च की जा रही है. फिर भी कुपोषण से मुक्ति नहीं मिल रही. सरकार से अप्रैल से अब तक किसी प्रकार का आवंटन नहीं मिला है. आवंटन नहीं मिलने से जिले के लगभग 2357 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 94280 कुपोषित बच्चों के अलावा 28284 अति कुपोषित बच्चों को पुष्टाहार नहीं मिल रहा है.

इतना ही नहीं 18856 गर्भवती महिलाओं तथा उतने ही धात्री महिलाओं को भी मिलनेवाला टीएचआर का लाभ नहीं मिल रहा है. आवंटन के अभाव में कुपोषण से जंग लड़ी जा रही है. राशि के नहीं मिलने पर आंगनबाड़ी केंद्र पर पिछले एक महीने से सिर्फ  40 बच्चों को अक्षर ज्ञान देने का काम ही बच गया है. कुछ परियोजना में पिछले वर्ष की राशि बची रहने से वहां अप्रैल तक किसी तरह पुष्टाहार ले जाया गया. अब वहां भी राशि खत्म हो गयी है,

जिसे पुष्टाहार ठप हो गया है. केंद्र पर जांच के दौरान 25-30 बच्चे मिल जाएं, तो सबसे बेहतर माना जाता है. लेकिन, कागज में  पुष्टाहार 40 बच्चों का बनाया जाता है. कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर 20 से नीचे मिलते हैं, जबकि कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटका मिलता है. विभाग की तरफ से जांच में पकड़े जाने पर कार्रवाई भी होती है. विभाग की सेटिंग पर  आंगनबाड़ी केंद्रों पर धांधली नहीं रुक रही है.

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