मुजफ्फरपुर : सारण जिले के (छपरा) में स्थित शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना कार्यालय से शिक्षक नियोजन के 38 फोल्डर गायब हैं। ये वर्ष 2006 से 2012 के बीच के नियोजन से संबंधित हैं। हाइकोर्ट के आदेश पर जांच में लगे निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के समक्ष ये बातें सामने आई हैं।
ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक रामनिवास चौधरी ने इस संबंध में निगरानी थाने में डीपीओ (स्थापना) कार्यालय के प्रभारी लिपिक नरेंद्र प्रसाद, राजेश श्रीवास्तव व अजीत कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है।
इसमें कहा गया है कि हाइकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर जारी न्यायादेश के आधार पर शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कर रहा है। इस क्रम में सारण में उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों (नियोजित) की जांच की जा रही है। डीपीओ (स्थापना) कार्यालय ने 30 जुलाई 2015 तक कुल 409 शिक्षकों के नियोजन की सूचना दी। इसमें से 38 शिक्षकों के नियोजन संबंधी फोल्डर ब्यूरो को उपलब्ध नहीं कराया गया। नियोजन संबंधी फोल्डर संधारण व सुरक्षित रखने वाले तीनों संबंधित लिपिकों से कारण पूछा गया तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला। ये फोल्डर कार्यालय में भी नहीं मिल रहे हैं। ब्यूरो ने आशंका जताई है कि नियोजन में फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के भय से इसे गायब कर दिया गया है।
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इसमें कहा गया है कि हाइकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर जारी न्यायादेश के आधार पर शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कर रहा है। इस क्रम में सारण में उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों (नियोजित) की जांच की जा रही है। डीपीओ (स्थापना) कार्यालय ने 30 जुलाई 2015 तक कुल 409 शिक्षकों के नियोजन की सूचना दी। इसमें से 38 शिक्षकों के नियोजन संबंधी फोल्डर ब्यूरो को उपलब्ध नहीं कराया गया। नियोजन संबंधी फोल्डर संधारण व सुरक्षित रखने वाले तीनों संबंधित लिपिकों से कारण पूछा गया तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला। ये फोल्डर कार्यालय में भी नहीं मिल रहे हैं। ब्यूरो ने आशंका जताई है कि नियोजन में फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के भय से इसे गायब कर दिया गया है।