एसडीओ की जांच पर प्राथमिक शिक्षक संघ ने खड़े किए सवाल

मुजफ्फरपुर : शिक्षा विभाग में अनियमितता व डीपीओ नीता पांडेय पर लगे आरोपों के संबंध में एसडीओ पश्चिमी की जांच प्रक्रिया व उसकी रिपोर्ट पर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ ने सवाल खड़े किए हैं. आरोप लगाया है कि जांच में महत्वपूर्ण बिंदुओं की अनदेखी की गई है.
आरोप में शामिल शिक्षकों के पक्ष को सुने बगैर एकतरफा जांच रिपोर्ट सौंपना निष्पक्ष जांच की सच्चाई उजागर करती है. संघ के नेताओं ने डीएम को पत्र लिखकर तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग की है. कहा है कि अनुकूल कार्रवाई नहीं होती तो आंदोलन की रणनीति तय करेंगे. 

गुरुवार को संघ के नेताओं ने एसडीओ की जांच रिपोर्ट में विभिन्न बिंदुओं पर की गई टिप्पणी पर नाराजगी जताई. बताया कि राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित शिक्षक उमेश प्रसाद ठाकुर के रिटायर होने पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. शिक्षा समिति, शिक्षकों व जनप्रतिनिधियों के अनुरोध पर समय की कटौती किए बिना विद्यालय प्रात: कालीन करने का आदेश हुआ था. वहीं सहायक शिक्षक डॉ मनोज कुमार के संबंध में आरडीडीइ के संयोजन वाली पांच सदस्यीय जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा पर राजकीय पुरस्कार के लिए नाम भेजा गया. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च समिति के अनुमोदन पर 5 सितंबर को मुख्यमंत्री ने राजकीय पुरस्कार दिया. इन दोनों मामलों में सम्मानित शिक्षकों के लिए प्रतिकूल टिप्पणी व तत्कालीन डीपीओ स्थापना नीता पांडेय को दोषी ठहराना केवल अपमान की कार्रवाई है. शिक्षक नेताओं ने कहा कि जांच रिपोर्ट गोपनीय होती है, लेकिन इसकी कॉपी डीएम को भेजने के साथ ही कार्रवाई से पहले सार्वजनिक कर दी गई, मंशा उजागर करती है. नेताओं का कहना है कि पूरे मामले में जिन शिक्षकों को आरोपित किया गया है, उनको पक्ष रखने का मौका भी नहीं मिला. मवि मणिकपुर के प्रधानाध्यापक लखेंद्र प्रसाद सिंह, महिला शिल्प कला भवन मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापिका उषा कुमारी, मवि मड़वन के प्रधानाध्यापक सह डीडीओ राम निवास सिंह, राजकीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक डॉ मनोज कुमार ने जांच प्रक्रिया के दौरान व्यक्तिगत रूप से एसडीओ से मिलकर अभिलेखों के साथ अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया था. एसडीओ ने उसे नकार दिया, तो सभी ने अपना अभिलेख उनके कार्यालय में रिसीव करा दिया.

बताया कि उषा कुमारी के मामले में उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त है. संघ ने भी 14 नवंबर को एसडीओ से मिलकर पक्ष रखने को कहा, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया. जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के दामूचक स्थित कार्यालय पर वार्ता के दौरान संघ के अध्यक्ष प्रद्युम्न प्रसाद सिंह, प्रधान सचिव राजकिशोर तिवारी, संयुक्त प्रधान सचिव भूपनारायण, उप प्रधान सचिव रघुवंश प्रसाद, सचिव राजीव, कार्यालय सचिव कैलाश बिहारी मिश्र व रमाशंकर ने जांच प्रक्रिया पर नाराजगी जताई. कहा किसी संघ विशेष की साजिश के तहत जांच पूरी की गई है.  अगर अनुकूल कार्रवाई नहीं हुई तो शिक्षक आंदोलन के लिए भी तैयार है.

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