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खुशखबरी : नियोजित शिक्षकों का अगले माह वेतन किया जायेगा जारी

खुशखबरी. मार्च-अप्रैल महीनों के वेतन मिलेंगे, मई का रहेगा लंबित
वेतन जारी करने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव बना कर वित्त विभाग में सहमति के लिए भेजा है. 
 पटना : राज्य के 3.23 लाख प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों को जून महीने के दूसरे सप्ताह में वेतन मिल जायेगा. वेतन जारी करने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव बना कर वित्त विभाग में सहमति के लिए भेजा है. सहमति मिलने के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा और मंजूरी मिलने के बाद राशि को जिलों को जारी कर दिया जायेगा. केंद्र सरकार की ओर से सर्व शिक्षा अभियान में कुछ राशि आ चुकी है, जिससे शिक्षकों को दो महीने का वेतन दिया जा सकेगा. 
 
नियोजित शिक्षकों का कई जिलों में फरवरी महीने से और अधिकांश में मार्च महीने से ही वेतन बकाया है. सरकार मार्च व अप्रैल महीने की भी राशि जारी करती है तो मई महीने के वेतन फिर से लंबित हो जायेगा. जुलाई 2015 से ही नियोजित शिक्षकों को एक महीने या उससे अधिक समय तक वेतन लंबित रहा है.
 
जुलाई महीने से शिक्षकों को नीयत वेतन की जगह वेतनमान दिया जा रहा है. उसी समय से वेतन में समस्या आ रही है और समय पर वेतन नहीं मिला है. जुलाई में वेतनमान लागू होने के बाद पे-फिक्सेशन को लेकर तीन महीने तक वेतन जारी नहीं हुई. जुलाई-सितंबर 2015 की राशि एक साथ अक्टूबर-नवंबर महीने में दी गयी. अक्टूबर-नवंबर की राशि जनवरी महीने में मिली. इसके बाद मार्च-अप्रैल महीने में दिसंबर से जनवरी, तो 
 
कहीं फरवरी तक की राशि का भुगतान हो सका.
 
पटना : प्राथमिक शिक्षा कोर्ट केसों के निबटारे के लिए प्रमंडलवार समीक्षात्मक बैठक होगी. शिक्षा विभाग ने इसके लिए शिड्यूल जारी कर दिया है. छह जून को मुंगेर प्रमंडल, सात जून को मगध व पूर्णिया प्रमंडल, आठ जून को तिरहुत प्रमंडल, नौ जून को पटना व भागलपुर प्रमंडल और 10 जून को सारण, दरभंगा व सहरसा प्रमंडल की बैठक होगी. इसके लिए सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को निर्देश दे दिये गये हैं. प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम. रामचंद्रुडु ने निर्देश जारी किया है कि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के क्षेत्रीय स्तर पर बहुत से कोर्ट केस हैं, जिसके ना तो शपथ पत्र दायर किया गया है और ना ही जवाब दिया गया है. 
 

हाइकोर्ट 21 मई से 20 जून तक गर्मी की छुट्टी को लेकर बंद है. इस दौरान लंबित मामलों का जवाब तैयार करने और जो भी कठिनाइयां है उसे दूर करने की कार्रवाई की जायेगी. इसलिए डीइओ-डीपीओ लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए समीक्षात्मक बैठक में शामिल हों.
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