रोहतास। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) आफिस के प्रोन्नति शाखा में रविवार की सुबह लगी आग में असामाजिक तत्वों ने फर्जी शिक्षकों के साक्ष्य को मिटाने व दस्तावेजों को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए पेट्रोल का सहारा लिया। इसकी पुष्टि घटनास्थल के पास से बरामद प्लास्टिक के तीन पेट्रोल गैलन से हुई है। अगलगी की घटना ने सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा व गोपनीयता पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।
विभाग के डीपीओ स्थापना राजदेव राम ने कहा कि शरारती तत्वों द्वारा आग लगाए जाने से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर राख हो गए हैं। कौन-कौन से दस्तावेज जले हैं इसकी सूची तैयार की जा रही है।
विभागीय लिपिक कृष्ण कुमार की मानें तो स्थानीय लोगों की सूचना पर घटना की जानकारी मिलते ही अधिकारी व कर्मी यहां पहुंचे।
देर होती तो और कमरों में लगती आग : समय से दमकल पहुंच आग पर काबू नहीं पाता तो सामान्य, साक्षरता, स्थापना, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा सहित अन्य कोषांगों में भी आग लग जाती। कमरे से धुएं निकलते देख लोगों ने शोर मचाना शुरू किया। तत्काल फायर ब्रिगेड, पुलिस व विभागीय अधिकारियों को सूचना दी।
भगवान भरोसे आफिस की सुरक्षा : डीइओ आफिस की सुरक्षा भगवान भरोसे है। न तो यहां सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किए गए हैं, न ही नाईट गार्ड। नाइट गार्ड के रहने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। विभागीय सूत्रों की मानें तो आफिस में कार्यरत आदेशपाल को हीं नाइट गार्ड की जिम्मेवारी सौंपी जाती है। शनिवार की रात एक आदेशपाल की ड्यूटी थी।
हजारों शिक्षकों का भविष्य दांव पर :
आगजनी की इस घटना में हजारों शिक्षकों का भविष्य अब दांव पर लग गया है। नियमित शिक्षकों की प्रोन्नति व सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बहाल कई शिक्षकों के कागजात भी इसी कमरे में था। उन्हें अब इन कागजातों को जुटाने में काफी परेशानी उठानी पड़ेगी।
करोड़ों के विपत्र जले :
अगलगी की इस घटना में करोड़ों के एसी-डीसी विपत्र जलकर राख हो गए। डीपीओ स्थापना राजदेव राम की मानें तो कमरे में एससी-डीसी से संबंधित करोड़ो के विपत्र थे। अब नए सिरे से विपत्रों को मिलना मुश्किल कार्य होगा।
कहीं फर्जी शिक्षक तो नहीं..
सासाराम : घटना के पीछे पुलिस की शक फर्जी नियोजित शिक्षकों की ओर जाने लगी है। इसके अलावे नियोजन कार्य में लगे बाबूओं को भी संदेह की नजर से देखा जा रहा है। क्योंकि जिस कमरे में आग लगी हैं, उसमें अधिकांश वैसे ही लोगों के कागजात थे जिसे जांच के लिए निगरानी के हवाले किया गया था। जिससे शक की सूई फर्जी शिक्षकों पर जाना स्वाभाविक है। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि अगली कार्रवाई से बचने के लिए इस तरह की घटना का अंजाम विभागीय कर्मियों की मिलीभगत से दिया गया हो। हालांकि पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है। फारेंसिक टीम की रिपोर्ट से भी कई राज खुलने की संभावना है।
पहले भी आगजनी की घटी है घटना
सासाराम : डीइओ कार्यालय में आग लगने की घटना यह पहली नहीं है। इसके पूर्व भी यहां इस तरह की घटना घट चुकी है। लगभग दो साल पूर्व परीक्षा इकाई (पुराना डीईओ आफिस) में भी आग लगी थी। जिसमें परीक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए थे। उस वक्त तत्कालीन डीइओ ने इकाई से जुड़े कुछ कर्मियों का स्थानांतरण भी किया था।
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details