मुजफ्फरपुर : जिले के तीन हजार से अधिक अनट्रेंड व एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को वेतनमान में ग्रेड पे का लाभ नहीं मिल सकेगा। सूबे में लाभ से वंचित ऐसे शिक्षकों की संख्या एक लाख के करीब है। वेतनमान के लिए बनी नीति की वजह से ऐसी नौबत आई है। इस तरह की विसंगति को लेकर शिक्षक आक्रोशित हैं।
सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी ने अनट्रेंड माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, प्रारंभिक शिक्षक को ग्रेड पे नहीं देने की अनुशंसा की है। अनट्रेंड को 1000 एवं 1500 रुपये की राशि दी जाएगी। महंगाई भत्ता से भी इन्हें वंचित किया गया है। यह राशि इस उद्देश्य से दी जा रही है ताकि प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के वेतन में पूर्व की भांति अंतर रहे। साथ ही यह भी अनुशंसा की गई है
कि 1 जुलाई को देय वेतन में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। दूसरी ओर यह भी कहा गया है कि 2 साल की सेवा पूरी कर चुके नियोजित शिक्षक को वेतनमान का ग्रेड पे दिया जाएगा। एसटीईटी व टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों के मामले में किसी तरह की अनुशंसा नहीं की गई है। एसटीईटी व टीईटी के अधिकांश शिक्षकों की सेवा दो वर्ष पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में इन शिक्षकों को वेतनमान का ग्रेड पे नहीं मिल सकेगा। परितवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर व्रजवासी ने बताया कि सूबे में 76 हजार अप्रशिक्षित शिक्षक और 25 हजार प्रशिक्षित शिक्षक हैं जो हाल में ही बहाल हुए हैं।
अनट्रेंड को प्रशिक्षित होने में लगेंगे 24 वर्ष
सूबे के प्रशिक्षण महाविद्यालय में अधिकतम 6600 सीटें हैं। जिनमें आधी सीट अनियोजित और आधी सीट कार्यरत शिक्षकों के लिए है। इस लिहाज से 3300 शिक्षकों का ही नामांकन प्रत्येक वर्ष हो पाएगा। जबकि राज्य में अनट्रेंड शिक्षकों की संख्या 76 हजार है। जिन्हें प्रशिक्षित करने के लिए लगभग 24 वर्ष का समय लगेगा। संघ ने इस नीति को बदलकर अप्रशिक्षितों को भी ग्रेड पे सहित वेतनमान देने एवं एनसीटीई से विशेष छूट प्राप्त कर एक साथ एक वर्षीय शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था कराने की मांग की है।
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