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निगरानी खोलेगा फर्जी शिक्षकों का राज : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

मधेपुरा। जिले में नियोजित शिक्षकों पर निगरानी का शिकंजा कसता जा रहा है। एक सप्ताह के अन्दर यानि 10 जून से शुरू होने वाली स्कूटनी के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कितने शिक्षक फर्जी तरीके से नौकरी प्राप्त किए हैं।
निगरानी ने बढ़ाई फर्जी शिक्षकों की बेचैनी जिले में विभिन्न कोटि में 6924 शिक्षक नियोजित हैं। इसमें 417 माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, पुस्तकालयध्यक्ष एवं 4481 प्रखंड शिक्षक शामिल हैं। नगर परिषद मधेपुरा के 107 तथा मुरलीगंज नगर पंचायत के 63 शिक्षक हैं। वहीं 1856 पंचायत शिक्षक हैं। सरकार के निर्देश के बाद इन सभी शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की जांच होनी है।
मालूम हो कि 2006 से नियोजन प्रक्रिया आरंभ के बाद से फर्जी शिक्षकों के नियोजन पर विवाद अक्सर समाचार की सूर्खियां बनी हुई है। इसमें सबसे अधिकतर पंचायत स्तर पर नियोजन इकाई पर अंगुली उठी, जिसमें वरीयता को ताक पर रखकर प्रसाद के रूप में नियोजन पत्र बांटा गया। जिसका नतीजा हुआ कि आज तक नियोजन प्रक्रिया विवाद में है।
ढूंढे से नहीं मिल रहा कॉलेज कई शिक्षकों ने वैसे कॉलेज या विवि का फर्जी बीएड या टीचर ट्रेनिंग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी लिया जिसका कोई अता-पता नहीं है। कई बीएड कालेज के संबद्धता का मामला न्यायालय के अधीन है। वैसे कॉलेजों का भी प्रमाण पत्र पर नियोजन लिया गया। हैरानी की बात यह है कि इस बाबत सरकार व शिक्षा विभाग के बाद स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया था। बावजूद नियोजन इकाई पंचायत प्रखंड तो दूर माध्यमिक स्तर पर भी फर्जी कालेजों या विवि के प्रमाण पत्र को वैध मानते हुए नियोजन किया। जानकार यह भी बताते हैं कि निगरानी द्वारा पूर्व में ही सरकार यह कदम उठाती तो शिक्षा व्यवस्था इतनी पटरी से नहीं उतरती।

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