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बिहार के शिक्षकों की सैलरी को लेकर बड़ी खबर, 'वेतन सत्यापन' नहीं कराने वालों की रुक जाएगी सैलरी; जानें पूरा मामला

 पटना: बिहार में विश्वविद्यालय और कॉलेज के प्रोफेसरों के लिए बड़ी खबर है। शिक्षा विभाग ने साफ कह दिया है कि सबको वेतन सत्यापन करवाना होगा, नहीं तो सैलरी रुक जाएगी। 15 सितंबर तक सभी यूनिवर्सिटीज को उन शिक्षकों की लिस्ट देनी है जिन्होंने अभी तक वेतन सत्यापन नहीं कराया है।

दरअसल, शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे अपने यहां काम करने वाले सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को बता दें कि वेतन सत्यापन करवाना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर सैलरी रोक दी जाएगी। विभाग ने यूनिवर्सिटीज से 15 सितंबर तक रिपोर्ट मांगी है कि कितने लोगों ने वेतन सत्यापन करा लिया है।

वेतन सत्यापन नहीं कराया तो...

बता दें कि शिक्षा विभाग ने पहले भी कहा था कि नया वेतनमान लागू करने से पहले वेतन सत्यापन कोषांग से मंजूरी लेना जरूरी है। जिन शिक्षकों और कर्मचारियों ने अभी तक वेतन सत्यापन नहीं कराया है, वे जल्द से जल्द कोषांग में आवेदन करें। शिक्षा विभाग ने सभी यूनिवर्सिटीज से उन शिक्षकों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी है जिनका छठा और सातवां वेतनमान में वेतन निर्धारण का सत्यापन नहीं हुआ है। अगर वेतन सत्यापन कोषांग किसी शिक्षक या कर्मचारी के वेतन निर्धारण पर आपत्ति जताता है, तो यूनिवर्सिटी को उसका निवारण करना होगा।

... तो काम के हिसाब से मिल सके वेतन

इससे पहले भी, कुलसचिवों की बैठक में वेतन सत्यापन कोषांग ने बताया था कि गैर-शिक्षकों के वेतन निर्धारण में ज्यादा समस्याएं आती हैं। कई बार विश्वविद्यालय से सही तरीके से भरे हुए आवेदन पत्र नहीं मिलते हैं। कई बार अधिकारियों के हस्ताक्षर भी नहीं होते हैं। इससे परेशानी होती है। बताया जा रहा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि शिक्षकों और कर्मचारियों को उनके काम के हिसाब से सही वेतन मिल सके।

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