किशनगंज। सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार द्वारा दायर याचिका केस संख्या
41157 17 को वापस लिया जाए। कोट का फैसला समान काम के बदले समान वेतन को
लागू किया जाए। जीओबी प्रखंड शिक्षक के नो माह, एसएसए मद से चार माह के
लंबित वेतन का भुगतान सहित सभी मद के बकाया वेतन का भुगतान किया जाए। साथ
ही शिक्षकों के माहवार वेतन भुगतान की नीति तय की जाए। शनिवार को बिहार
राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रागीबुर्रहमान ने टाउन हॉल के
निकट धरना के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि सूबे की सरकार की तानाशाही चरम पर पहुंच गई है। नियोजित शिक्षक पूरी ईमानदारी से अध्यापन कार्य करने के साथ विभागीय कार्य भी करते आ रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार नियोजित शिक्षकों को अपमानित और प्रताड़ित करने का काम कर रही है। यही हालात बने रहे तो 21 जनवरी को बनने वाली मानव श्रृंखला में नियोजित शिक्षक हिस्सा नही लेंगें।
वहीं संघ के जिला प्रधान सचिव पंकज बसाक ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की 15 सूत्री मांगे हैं। इनमें मुख्य रूप से समान काम समान वेतन, सुप्रीम कोट में दायर याचिका सरकार वापस ले, शिक्षकों को बकाया वेतन का भुगतान जल्द हो और सातवां वेतन का निर्धारण कर एक अप्रैल 2017 से नियमानुसार भगतान हो। मध्य विद्यालय के नियोजित शिक्षकों को वित्तीय प्रभार में रखा जाए, अनुकंपा के मामले में टीइटी और प्रशिक्षण की बाध्यता समाप्त की जाए और मृत शिक्षकों के आश्रितों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिले। इसके लिए जिला को राशि आवंटित की जाये। इस दौरान मुख्य रूप से शहनवाज राही, प्रिया हलदार, नादीर आलम, जुबेर आलम, शकीला बानो, तोहीद काजमी, मोहसीन अंजर, प्रमोद पांडेय, अब्दुल करीम, तरूण कुमार, वजीर आलम, विनय कुमार, प्रजापति ¨सहा, फणीभूषण, अरूण ठाकुर, तारिक अनवर,आदिल रिजवान सहित कई नियोजित शिक्षक मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि सूबे की सरकार की तानाशाही चरम पर पहुंच गई है। नियोजित शिक्षक पूरी ईमानदारी से अध्यापन कार्य करने के साथ विभागीय कार्य भी करते आ रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार नियोजित शिक्षकों को अपमानित और प्रताड़ित करने का काम कर रही है। यही हालात बने रहे तो 21 जनवरी को बनने वाली मानव श्रृंखला में नियोजित शिक्षक हिस्सा नही लेंगें।
वहीं संघ के जिला प्रधान सचिव पंकज बसाक ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की 15 सूत्री मांगे हैं। इनमें मुख्य रूप से समान काम समान वेतन, सुप्रीम कोट में दायर याचिका सरकार वापस ले, शिक्षकों को बकाया वेतन का भुगतान जल्द हो और सातवां वेतन का निर्धारण कर एक अप्रैल 2017 से नियमानुसार भगतान हो। मध्य विद्यालय के नियोजित शिक्षकों को वित्तीय प्रभार में रखा जाए, अनुकंपा के मामले में टीइटी और प्रशिक्षण की बाध्यता समाप्त की जाए और मृत शिक्षकों के आश्रितों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिले। इसके लिए जिला को राशि आवंटित की जाये। इस दौरान मुख्य रूप से शहनवाज राही, प्रिया हलदार, नादीर आलम, जुबेर आलम, शकीला बानो, तोहीद काजमी, मोहसीन अंजर, प्रमोद पांडेय, अब्दुल करीम, तरूण कुमार, वजीर आलम, विनय कुमार, प्रजापति ¨सहा, फणीभूषण, अरूण ठाकुर, तारिक अनवर,आदिल रिजवान सहित कई नियोजित शिक्षक मौजूद थे।