जागरण संवाददाता, अरवल मैट्रिक और इंटर परीक्षा में शून्य रिजल्ट देने बाले विद्यालयों पर
कार्रवाई हुई तो जिले के तकरीबन दर्जन भर स्कूल इसके जद में आ जाएंगें। ये
ऐसे विद्यालय हैं जहां इस वर्ष घोषित मैट्रीक और इंटर के रिजल्ट में एक भी
छात्र उत्तीर्ण नहीं हुए थे।
सरकार ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जिला शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। यहां यह बता दें कि राज्य सरकार ने ऐसे विद्यालय जहां मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हुए है वहां के पच्चास से अधिक उम्र के हेडमास्टर और शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृति देने का फैसला लिया है। ऐसी स्थिति में जिले के करीब एक दर्जन स्कूल हैं जो इसकी जद में आ सकते हैं और वहां के पच्चास वर्ष की आयु पार कर चुके हेडमास्टर और शिक्षकों पर अनिवार्य सेवानिवृति की कार्रवाई की जा सकती है। बताया जाता है कि इसको लेकर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। जिसके तहत ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट तलब की गई है। दरअसल माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरपीएस रंजन ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजकर यह कहा है कि अरवल जिले का रिजल्ट सबसे खराब रहा है। इस जिले से कला संकाय की परीक्षा में 335 छात्रों ने परीक्षा दी लेकिन, मात्र 15 छात्र ही उत्तीर्ण हो सके। वहीं वाणिज्य संकाय में 21 छात्रों में से मात्र 5 छात्र ही पास हुए।
इनबॉक्स:::इन स्कूल के शिक्षकों पर गिर सकती है गाज
जिला शिक्षा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के उच्च विद्यालय तकेया, प्लस टू उच्च विद्यालय कुर्था, प्लस टू उच्च विद्यालय कोरियन, उच्च विद्यालय मंझोपुर बखतारी, प्लस टू उच्च विद्यालय लारी , उच्च विदयालय इटवां, उच्च विद्यालय उमेराबाद, उच्च विद्यालय करपी, उच्च विद्यालय शहर तेलपा शामिल है।
क्या है कारण
बताया जाता है कि उच्च विद्यालय इटवां, उच्च विद्यालय उमेराबाद, उच्च विद्यालय आनंदपुर, उच्च विद्यालय करपी तथा उच्च विद्यालय शहर तेलपा का प्रदर्शन वाणिज्य संकाय में बच्चों का प्रदर्शन शून्य रहा। इधर उच्च विद्यालय तकेया, कुर्था, कोरियम, बखतारी तथा लारी में भी कला संकाय में एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हुआ।
क्या कहते हैं डीईओ
उमेराबाद को छोड़कर किसी भी प्लस टू उच्च विद्यालय में वाणिज्य के शिक्षक नहीं हैं। राज्य सरकार ने इस कार्यालय से परर्फामेंस रिपोर्ट मांगी थी। रिजल्ट के आधार पर रिपोर्ट भेज दिया गया है। कई विद्यालयों में तो इंटर के शिक्षक ही नहीं हैं। जबकि किसी विषय में एक शिक्षक ही हैं। दरअसल शिक्षक की बहाली के कारण रिजल्ट खराब हुआ है।
सरकार ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जिला शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। यहां यह बता दें कि राज्य सरकार ने ऐसे विद्यालय जहां मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हुए है वहां के पच्चास से अधिक उम्र के हेडमास्टर और शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृति देने का फैसला लिया है। ऐसी स्थिति में जिले के करीब एक दर्जन स्कूल हैं जो इसकी जद में आ सकते हैं और वहां के पच्चास वर्ष की आयु पार कर चुके हेडमास्टर और शिक्षकों पर अनिवार्य सेवानिवृति की कार्रवाई की जा सकती है। बताया जाता है कि इसको लेकर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। जिसके तहत ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट तलब की गई है। दरअसल माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरपीएस रंजन ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजकर यह कहा है कि अरवल जिले का रिजल्ट सबसे खराब रहा है। इस जिले से कला संकाय की परीक्षा में 335 छात्रों ने परीक्षा दी लेकिन, मात्र 15 छात्र ही उत्तीर्ण हो सके। वहीं वाणिज्य संकाय में 21 छात्रों में से मात्र 5 छात्र ही पास हुए।
इनबॉक्स:::इन स्कूल के शिक्षकों पर गिर सकती है गाज
जिला शिक्षा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के उच्च विद्यालय तकेया, प्लस टू उच्च विद्यालय कुर्था, प्लस टू उच्च विद्यालय कोरियन, उच्च विद्यालय मंझोपुर बखतारी, प्लस टू उच्च विद्यालय लारी , उच्च विदयालय इटवां, उच्च विद्यालय उमेराबाद, उच्च विद्यालय करपी, उच्च विद्यालय शहर तेलपा शामिल है।
क्या है कारण
बताया जाता है कि उच्च विद्यालय इटवां, उच्च विद्यालय उमेराबाद, उच्च विद्यालय आनंदपुर, उच्च विद्यालय करपी तथा उच्च विद्यालय शहर तेलपा का प्रदर्शन वाणिज्य संकाय में बच्चों का प्रदर्शन शून्य रहा। इधर उच्च विद्यालय तकेया, कुर्था, कोरियम, बखतारी तथा लारी में भी कला संकाय में एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हुआ।
क्या कहते हैं डीईओ
उमेराबाद को छोड़कर किसी भी प्लस टू उच्च विद्यालय में वाणिज्य के शिक्षक नहीं हैं। राज्य सरकार ने इस कार्यालय से परर्फामेंस रिपोर्ट मांगी थी। रिजल्ट के आधार पर रिपोर्ट भेज दिया गया है। कई विद्यालयों में तो इंटर के शिक्षक ही नहीं हैं। जबकि किसी विषय में एक शिक्षक ही हैं। दरअसल शिक्षक की बहाली के कारण रिजल्ट खराब हुआ है।