सीबीएसई से संबद्धता (एफिलिएशन) के समय स्कूल बोर्ड के पैमाने पर तो
खरे उतरते हैं, लेकिन संबद्धता मिलते ही मनमानी शुरू कर देते हैं। पर अब
स्कूल ऐसा नहीं कर सकेंगे। स्कूलों को हर छोटी सी छोटी बात से भी बोर्ड को
अवगत कराना होगा। ऐसे में बोर्ड के एक क्लिक करते ही स्कूल की कुंडली मिल
जाएगी।
सीबीएसई स्कूल के प्रबंधन को बोर्ड की वेबसाइट पर स्कूल के बारे में पूरी जानकारी 31 अक्टूबर तक उपलब्ध करानी होगी। बोर्ड ने अभिभावकों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। सीबीएसई की ओर से स्कूलों की मान्यता के लिए जारी दिशा-निर्देश में यह भी कहा गया है कि बच्चों एवं अभिभावकों से ली जाने वाली फीस को सुविधाओं से भी जोड़ा जाएगा।
स्कूलों को यह जानकारी देनी होगी
निजी स्कूल प्रबंधन एवं प्रधानाचार्यों को स्कूल की फीस, बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी सिस्टम, स्टूडेंट डेटा, टीचर्स डेटा और क्वालिफिकेशन, लैब सिस्टम,स्कूलों में नौवीं और 11वीं में पंजीकृत छात्र-छात्राएं,10वीं और 12वीं में बैठने वाले छात्र-छात्राएं, विद्यार्थियों की अंकतालिकाएं और प्रमाण पत्र, स्कूलों की भौगोलिक स्थिति, शिक्षक और संसाधन, विषयवार संचालित किताब (एनसीईआरटी या अन्य) की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा प्रायोगिक परीक्षा और मुख्य परीक्षकों का ब्योरा देना है। ई-मेल, मोबाइल और बेसिक फोन नंबर आदि सभी प्रकार की ऑनलाइन जानकारी देनी होगी।
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सीबीएसई स्कूल के प्रबंधन को बोर्ड की वेबसाइट पर स्कूल के बारे में पूरी जानकारी 31 अक्टूबर तक उपलब्ध करानी होगी। बोर्ड ने अभिभावकों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। सीबीएसई की ओर से स्कूलों की मान्यता के लिए जारी दिशा-निर्देश में यह भी कहा गया है कि बच्चों एवं अभिभावकों से ली जाने वाली फीस को सुविधाओं से भी जोड़ा जाएगा।
स्कूलों को यह जानकारी देनी होगी
निजी स्कूल प्रबंधन एवं प्रधानाचार्यों को स्कूल की फीस, बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी सिस्टम, स्टूडेंट डेटा, टीचर्स डेटा और क्वालिफिकेशन, लैब सिस्टम,स्कूलों में नौवीं और 11वीं में पंजीकृत छात्र-छात्राएं,10वीं और 12वीं में बैठने वाले छात्र-छात्राएं, विद्यार्थियों की अंकतालिकाएं और प्रमाण पत्र, स्कूलों की भौगोलिक स्थिति, शिक्षक और संसाधन, विषयवार संचालित किताब (एनसीईआरटी या अन्य) की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा प्रायोगिक परीक्षा और मुख्य परीक्षकों का ब्योरा देना है। ई-मेल, मोबाइल और बेसिक फोन नंबर आदि सभी प्रकार की ऑनलाइन जानकारी देनी होगी।