पटना : सूबे के 88 इंटर कॉलेजों की मान्यता पर तलवार लटक रही है। बिहार
विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से 25 सितंबर को भेजी गई नोटिस का अब तक
जवाब नहीं मिला है। 10 दिन बीत जाने के बावजूद आधे से अधिक कॉलेजों ने अब
तक कोई कदम नहीं उठाया है। कॉलेजों की मनमानी को देखकर बोर्ड अब कार्रवाई
का मूड बना रहा है।
बिहार बोर्ड की ओर से 212 इंटर स्कूल-कॉलेजों के खिलाफ जांच चल रही थी। 165 कॉलेजों की जांच हो चुकी है, जबकि शेष का प्रक्रियाधीन मामला है। इनमें 144 कॉलेजों की मान्यता निलंबित की जा चुकी है। इन्हीं में से 88 कॉलेजों की मान्यता रद करने की तैयारी चल रही है।
नहीं मिला संतोषजनक जवाब
बोर्ड के अध्यक्ष आंनद किशोर ने कहा कि जिन कॉलेजों में गड़बड़ी पाई गई थी, उनको अपना पक्ष रखने का समय दिया गया था लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक परिणाम नहीं मिला। कॉलेजों को अपना पक्ष रखने के लिए फिर से 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है। बोर्ड के विशेष पदाधिकारी के द्वारा पत्र भेजा जा रहा है। अगर उनका जबाव नहीं मिला तो इनकी मान्यता रद कर दी जाएगी।
56 नए कॉलेजों को भेजी गई थी नोटिस
बोर्ड अध्यक्ष के आदेश पर 56 कॉलेजों के खिलाफ नोटिस भेजी गई थी। बिहार बोर्ड ने विभिन्न कॉलेजों को अपनी बात रखने को कहा था। जिस प्रकार कॉलेजों में अनिमियतता पाई गई थी वैसी स्थिति में बोर्ड ने उनसे जवाब मांगा था। कॉलेजों ने अपना पक्ष 15 दिनों के बाद भी नहीं दिया। अब तक नौ कॉलेजों की मान्यता रद की जा चुकी है, जबकि तीन के खिलाफ एफआइआर का निर्देश दिया गया है।
संलिप्त अधिकारियों व कर्मियों पर भी कार्रवाई
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष मान्यता देने मामले में दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई का निर्देश दे चुके हैं। इसको देखते हुए जांच में काफी सख्ती बरती जा रही है। निलंबित संस्थानों में मानक के अनुरूप भवन, शिक्षक, कर्मचारी, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल मैदान, खेलकूद उपकरण, अग्निशामक सामग्री, प्रशासनिक कक्ष आदि का अभाव मिला है।
निकटवर्ती कॉलेजों से भरवाया जाएगा फॉर्म
समिति ने निर्णय लिया है कि जिन विद्यालय व महाविद्यालयों की मान्यता को निलंबित व रद किया गया है, वहां पहले से दाखिला ले चुके छात्रों को परीक्षा से वंचित नहीं रखा जाएगा। ऐसे छात्रों की उसी जिले के निकटवर्ती स्कूलों व कॉलेजों में नामांकन की व्यवस्था समिति की ओर से की जाएगी।
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बिहार बोर्ड की ओर से 212 इंटर स्कूल-कॉलेजों के खिलाफ जांच चल रही थी। 165 कॉलेजों की जांच हो चुकी है, जबकि शेष का प्रक्रियाधीन मामला है। इनमें 144 कॉलेजों की मान्यता निलंबित की जा चुकी है। इन्हीं में से 88 कॉलेजों की मान्यता रद करने की तैयारी चल रही है।
नहीं मिला संतोषजनक जवाब
बोर्ड के अध्यक्ष आंनद किशोर ने कहा कि जिन कॉलेजों में गड़बड़ी पाई गई थी, उनको अपना पक्ष रखने का समय दिया गया था लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक परिणाम नहीं मिला। कॉलेजों को अपना पक्ष रखने के लिए फिर से 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है। बोर्ड के विशेष पदाधिकारी के द्वारा पत्र भेजा जा रहा है। अगर उनका जबाव नहीं मिला तो इनकी मान्यता रद कर दी जाएगी।
56 नए कॉलेजों को भेजी गई थी नोटिस
बोर्ड अध्यक्ष के आदेश पर 56 कॉलेजों के खिलाफ नोटिस भेजी गई थी। बिहार बोर्ड ने विभिन्न कॉलेजों को अपनी बात रखने को कहा था। जिस प्रकार कॉलेजों में अनिमियतता पाई गई थी वैसी स्थिति में बोर्ड ने उनसे जवाब मांगा था। कॉलेजों ने अपना पक्ष 15 दिनों के बाद भी नहीं दिया। अब तक नौ कॉलेजों की मान्यता रद की जा चुकी है, जबकि तीन के खिलाफ एफआइआर का निर्देश दिया गया है।
संलिप्त अधिकारियों व कर्मियों पर भी कार्रवाई
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष मान्यता देने मामले में दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई का निर्देश दे चुके हैं। इसको देखते हुए जांच में काफी सख्ती बरती जा रही है। निलंबित संस्थानों में मानक के अनुरूप भवन, शिक्षक, कर्मचारी, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल मैदान, खेलकूद उपकरण, अग्निशामक सामग्री, प्रशासनिक कक्ष आदि का अभाव मिला है।
निकटवर्ती कॉलेजों से भरवाया जाएगा फॉर्म
समिति ने निर्णय लिया है कि जिन विद्यालय व महाविद्यालयों की मान्यता को निलंबित व रद किया गया है, वहां पहले से दाखिला ले चुके छात्रों को परीक्षा से वंचित नहीं रखा जाएगा। ऐसे छात्रों की उसी जिले के निकटवर्ती स्कूलों व कॉलेजों में नामांकन की व्यवस्था समिति की ओर से की जाएगी।
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