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14 फरवरी को इंटर व एक मार्च को मैट्रिक परीक्षा

  पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने वर्ष 2017 में होने वाली मैट्रिक व इंटर परीक्षा की तारीख घोषित कर दी है। मैट्रिक परीक्षा एक से आठ मार्च तक दो पालियों में होगी जबकि इंटर की परीक्षा 14 फरवरी से 25 फरवरी तक दो पालियों में ली जाएगी। इंटर प्रायोगिक परीक्षा 15 से 25 मार्च तक आयोजित की जाएगी।
यह जानकारी बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष मैट्रिक की कंपार्टमेंटल परीक्षा 10, 11 एवं 12 नवंबर को होगी। वहीं इंटर कंपार्टमेंटल की परीक्षा 12 नवंबर को होगी। मैट्रिक कंपार्टमेंटल परीक्षा अधिकतम तीन विषयों के लिए दी जा सकती है, जबकि इंटर के कंपार्टमेंटल परीक्षा में एक ही विषय में फेल विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं। परीक्षाएं दोनों पालियों में होंगी।
ऑनलाइन होगा निबंधन
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अब मैट्रिक व इंटर परीक्षा से संबंधित सभी कार्य डिजिटल रूप में ही स्वीकार करेगी। इसके तहत अब छात्रों का निबंधन, फॉर्म भरने जैसे सभी काम ऑनलाइन किए जाएंगे। मैट्रिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन निबंधन 14 से 17 अक्टूबर तक होगा। 20 अक्टूबर तक अतिरिक्त शुल्क के साथ निबंधन स्वीकार होंगे। इंटर के लिए 13 से 15 अक्टूबर तक निबंधन होगा जबकि अतिरिक्त शुल्क के साथ 18 अक्टूबर तक निबंधन होगा।
सूचना के लिए प्राचार्य होंगे जिम्मेवार
अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि निबंधन व फॉर्म भरने का काम संबंधित स्कूलों के प्राचार्यो को ही करना है। प्राचार्य बोर्ड को एक सत्यापित प्रमाण पत्र देंगे, जिसमें लिखा होगा कि वह छात्र के फॉर्म को देख चुके हैं। बोर्ड को दी गई सभी सूचनाओं की जांच कर ली गई है।
होगी डिजिटल मार्किंग
परीक्षा खत्म होने के बाद बोर्ड कॉपियों की डिजिटल मार्किंग कराएगा। यह व्यवस्था नवंबर में होने वाली कंपार्टमेंटल परीक्षा से ही लागू होगी। मैट्रिक की कंपार्टमेंटल परीक्षा में करीब चार लाख, जबकि इंटर की कंपार्टमेंटल परीक्षा में ढाई लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। डिजिटल मार्किंग के लिए कॉपी का पहला पेज ओएमआर सीट होगा जिसे स्कैनिंग के माध्यम से रेगुलेट किया जाएगा।
गड़बड़ी पर लगेगी रोक
डिजिटल चेकिंग सिस्टम से कॉपी जांच में गड़बड़ी करने की संभावना नहीं के बराबर होगी। परीक्षा के बाद कॉपियों को स्कैन कर सर्वर पर डाल दिया जाएगा। इसके बाद शिक्षक अपने लॉग इन से कॉपियों का मूल्यांकन कर सकेंगे। इस प्रक्रिया से कॉपियों की टैपिंग नहीं हो सकेगी। एक कॉपी के मूल्यांकन में करीब 50-55 रुपये खर्च होने की संभावना है।
परीक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से सभी परीक्षकों को डिजिटल मार्किंग सिस्टम का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पूरी प्रक्रिया एजेंसी के माध्यम से होगी। एजेंसी ही सभी को प्रशिक्षण मुहैया कराएगी। परीक्षा संचालन के लिए जिला के पदाधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पटना में होगा कंट्रोल रूम
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि डिजिटल मार्किंग सिस्टम का कंट्रोल रूम पटना में होगा, जबकि सभी जिला मुख्यालयों में जिलाधिकारी के पास लॉग इन होगा। जिलाधिकारी अपने कार्यालय से ही सभी मूल्यांकन केंद्रों की अपडेट जानकारी कंप्यूटर के माध्यम से जान सकेंगे। कौन शिक्षक कितनी कॉपियों की जांच करेंगे, इसकी जानकारी हर घंटे उन्हें मिलती रहेगी।
डिजिटल चेकिंग के फायदे
- पुनर्मूल्यांकन की संभावना खत्म
- गलती की आशंका कम
- कॉपियों के गायब होने की आशंका खत्म
- कॉपी बदले जाने की भी नहीं मिलेगी शिकायत
- जल्द परीक्षा परिणाम की घोषणा

- बोर्ड अध्यक्ष अपने कक्ष से ही देख सकते हैं मूल्यांकन
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