मधुबनी। लखनौर के नियोजित शिक्षकों ने गुरुवार को बीआरसी पर जमकर बवाल काटा।
गुस्साए शिक्षकों ने बीआरसी में काम कर रहे चार कर्मियों को कार्यालय में तालाबन्दी
कर बंद कर दिया तथा सूचना पर बाद में पहुंचे बीईओ के साथ धक्का-मुक्की की और बीईओ
को भी कमरा में बंद कर दिया। इस अफरातफरी की जानकारी मिलने पर बीडीओ के कहने पर
लखनौर थानाध्यक्ष बीआरसी पहुंचे लेकिन शिक्षक मानने को तैयार नहीं थे।
शिक्षकों की जो मांग थी उसे जब बीईओ ने एक-एक कर करना शुरू किया तब शिक्षक मान गए।
क्यों थे आक्रोशित :
प्रखण्ड एवं पंचायत नियोजित शिक्षक अपने वेतनमान निर्धारण के लिए सेवा पुस्तिका बीआरसी में जमा कर दिए थे। शिक्षकों को जानकारी है कि सेवा पुस्तिका जिला भेजा जाएगा और दुर्गा पूजा में ही नए वेतनमान के हिसाब से उनलोगों को भुगतान होगा। इधर तमुरिया और आमारूपी संकुल के सभी शिक्षकों का जमा सेवा पुस्तिका वापस ले जाया गया और यह खबर फैली कि बीईओ प्रति सेवा पुस्तिका दो हजार रुपये की नाजायज राशि लेकर सेवा पुस्तिका पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। शिक्षकों ने बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखण्ड अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में बीआरसी पर पहुंच पहले प्रदर्शन किया और काम कर रहे साधनसेवी सुनील कुमार झा, सरोज कुमार, राम¨सहासन प्रसाद तथा अखिलेश मिश्र को कमरा में बंद कर दिया। इसकी सूचना बीडीओ को मिली तो निर्देश पर बीईओ भी पहुंचे। बीईओ के पहुंचते ही शिक्षकों ने बीईओ के साथ धक्का-मुक्की की और सेवा पुस्तिका पर हस्ताक्षर तथा तत्संबंधी कार्रवाई करने को कहा। शिक्षकों के उग्र तेवर देख बंद कमरा में बीईओ चूपचाप शिक्षकों की मांग को पूरा करने में लग गए।
एक और गलती :
शिक्षकों ने कहा कि डीपीओ कार्यालय से सेवा पुस्तिका के संधारण एवं उस संबंध के आवश्यक काम के लिए अखिलेश मिश्र, नवीन झा, प्रकाशचन्द्र झा को अधिकृत किया गया था लेकिन बीईओ ने मनमानी करते हुए अपने मन के कर्मियों को काम पर लगा दिया जिससे भी शिक्षक खफा थे।
क्या कहते बीईओ :
बीईओ योगी ठाकुर ने कहा कि पैसा मांगने की बात सरासर गलत है। जिला को सेवा पुस्तिका 23 अक्टूबर तक भेजना है लेकिन शिक्षक तुरत भिजवाना चाहते हैं और गलतफहमी में शिक्षक आक्रोशित हो गए।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
शिक्षकों की जो मांग थी उसे जब बीईओ ने एक-एक कर करना शुरू किया तब शिक्षक मान गए।
क्यों थे आक्रोशित :
प्रखण्ड एवं पंचायत नियोजित शिक्षक अपने वेतनमान निर्धारण के लिए सेवा पुस्तिका बीआरसी में जमा कर दिए थे। शिक्षकों को जानकारी है कि सेवा पुस्तिका जिला भेजा जाएगा और दुर्गा पूजा में ही नए वेतनमान के हिसाब से उनलोगों को भुगतान होगा। इधर तमुरिया और आमारूपी संकुल के सभी शिक्षकों का जमा सेवा पुस्तिका वापस ले जाया गया और यह खबर फैली कि बीईओ प्रति सेवा पुस्तिका दो हजार रुपये की नाजायज राशि लेकर सेवा पुस्तिका पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। शिक्षकों ने बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखण्ड अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में बीआरसी पर पहुंच पहले प्रदर्शन किया और काम कर रहे साधनसेवी सुनील कुमार झा, सरोज कुमार, राम¨सहासन प्रसाद तथा अखिलेश मिश्र को कमरा में बंद कर दिया। इसकी सूचना बीडीओ को मिली तो निर्देश पर बीईओ भी पहुंचे। बीईओ के पहुंचते ही शिक्षकों ने बीईओ के साथ धक्का-मुक्की की और सेवा पुस्तिका पर हस्ताक्षर तथा तत्संबंधी कार्रवाई करने को कहा। शिक्षकों के उग्र तेवर देख बंद कमरा में बीईओ चूपचाप शिक्षकों की मांग को पूरा करने में लग गए।
एक और गलती :
शिक्षकों ने कहा कि डीपीओ कार्यालय से सेवा पुस्तिका के संधारण एवं उस संबंध के आवश्यक काम के लिए अखिलेश मिश्र, नवीन झा, प्रकाशचन्द्र झा को अधिकृत किया गया था लेकिन बीईओ ने मनमानी करते हुए अपने मन के कर्मियों को काम पर लगा दिया जिससे भी शिक्षक खफा थे।
क्या कहते बीईओ :
बीईओ योगी ठाकुर ने कहा कि पैसा मांगने की बात सरासर गलत है। जिला को सेवा पुस्तिका 23 अक्टूबर तक भेजना है लेकिन शिक्षक तुरत भिजवाना चाहते हैं और गलतफहमी में शिक्षक आक्रोशित हो गए।
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