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विकास मित्रों को अब 10 हजार रु. मानदेय : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

विकास मित्रों के मानदेय में तीन हजार रुपये माहवार की बढ़ोतरी की गई है। अब उन्हें सात हजार के स्थान पर दस हजार रुपये मासिक मानदेय मिलंेगे। इससे 9 हजार 520 विकास मित्र लाभान्वित होंगे। 
विकास मित्रों के मानदेय में तीन हजार रुपये माहवार की बढ़ोतरी की गई है।

अब उन्हें सात हजार के स्थान पर दस हजार रुपये मासिक मानदेय मिलंेगे। इससे 9 हजार 520 विकास मित्र लाभान्वित होंगे। कार्य अवधि के दौरान प्राकृतिक मौत होने पर विकास मित्रों के परिजनों को राज्य सरकार चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी। शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की। उल्लेखनीय है कि इससे पहले विकास मित्रों के मानदेय में इस साल 13 अप्रैल को एक हजार रुपये मासिक की बढ़ोतरी हुई थी। उससे पहले मानदेय छह हजार रुपये माहवार था।1बिहार महादलित विकास मिशन और अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के तत्वावधान में श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में विकास मित्रों के लिए आयोजित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को मुख्यमंत्री संबोधित कर रहे थे। कहा कि विकास मित्र परिवर्तन के वाहक हैं। वे अशिक्षा, बाल विवाह, भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को खत्म करने की जिम्मेदारी उठाएं। साथ ही इंदिरा आवास, मनरेगा आदि योजना का लाभ पात्र लोगों को दिलाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। वंचित वर्ग के उत्थान में विकास मित्र अहम भूमिका निभा सकते हैं। वे काम को और बेहतर ढंग से कर सकें इसके लिए सिम-कार्ड के साथ मोबाइल सेट दिया जाएगा। सूचना तंत्र के माध्यम से विकास मित्र अपनी शिकायत और समस्या को संबंधित अधिकारी तक पहुंचा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने दस विकास मित्रों को सिम-कार्ड और मोबाइल सेट देते हुए कहा कि विभाग सात दिनों के अंदर कॉल संेटर प्रारंभ करे, ताकि विकास मित्र अपनी बात रख सकें। 1बकौल नीतीश, राज्य सरकार समाज के सबसे वंचित वर्ग के उत्थान और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस मकसद से कई कार्यक्रम शुरू किए गए, जिसका बड़ी संख्या में लोगों ने लाभ उठाया। सरकारी नौकरी की तरह 15 लाख तक के ठेके में आरक्षण का प्रावधान किया गया। ठेका हासिल करने में आरक्षित वर्ग के लोगों को कोई परेशानी न हो, इसलिए निबंधन शुल्क मात्र दो हजार रुपये ही रखे गए। हर साल निबंधन के नवीनीकरण (रिन्युअल) की जरूरत नहीं होगी, बल्कि यह दस साल के लिए मान्य होगा। 1केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली वाले धीरे-धीरे पैर खींच रहे हैं और राज्यों पर बोझ बढ़ा रहे हैं। गरीबों का पैसा काटा जा रहा है और अमीरों का पैसा बढ़ाया जा रहा है। केंद्र सरकार के असहयोग के बाद भी राज्य सरकार गरीबों के विकास से संबंधित काम करती रहेगी और इंदिरा आवास, मनरेगा जैसी योजनाओं पर आंच नहीं आने देगी। 1इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक, अनुसूचित जाति- जनजाति आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल, महादलित आयोग के अध्यक्ष उदय मांझी, विधायक ललन भुईयां, तूफानी राम, एसएम राजू आदि उपस्थित थे।


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